Gansadi by-election: हर चुनाव में बदलते है यहां के विधायक, इस बार किसके सिर सजेगा ताज? सपा ने तो खेल दिया दांव
गैंसड़ी की जनता ने दो बार कांग्रेस के अकबाल हुसैन तीन बार भाजपा के बिंदु लाल और चार बार सपा के डा. एसपी यादव को अपना नेतृत्व करने का अवसर दिया। इस मिथक को कायम रखते हुए 2022 के चुनाव में भी शैलेश कुमार सिंह शैलू की जगह डा. एसपी यादव को मौका दिया। लोकसभा के साथ गैंसड़ी उप चुनाव में किसके सिर ताज बंधेगा यह आने वाला वक्त बताएगा।
अमित श्रीवास्तव, बलरामपुर। 1952 से अब तक के विधानसभा चुनावों में वोटरों ने सभी दलों को नेतृत्व का मौका दिया है लेकिन, पिछले 13 विधानसभा चुनावों के नतीजों पर नजर डालें तो गैंसड़ी विधानसभा क्षेत्र की जनता ने एक चुनाव के बाद दूसरे में अपना विधायक जरूर बदल दिया है। पांच साल बाद चुनाव में उसे पटकनी देकर दूसरे प्रत्याशी को ही मौका दिया है।
हालांकि इस दौरान पराजित हुए चेहरे को अगले चुनाव में फिर से मौका देकर सबक सिखाने का भी प्रयास किया है। ऐसे में दो बार कांग्रेस के अकबाल हुसैन, तीन बार भाजपा के बिंदु लाल और चार बार सपा के डा. एसपी यादव को अपना नेतृत्व करने का अवसर दिया। इस मिथक को कायम रखते हुए 2022 के चुनाव में भी शैलेश कुमार सिंह शैलू की जगह डा. एसपी यादव को मौका दिया। लोकसभा के साथ गैंसड़ी उप चुनाव में किसके सिर ताज बंधेगा यह आने वाला वक्त बताएगा। बलरामपुर से अमित श्रीवास्तव की रिपोर्ट
1974 के चुनाव में जनता ने भारतीय जन संघ से विजय पाल सिंह को चुना। 1977 में बिंदु लाल को जनता पार्टी से विजयी बनाया। 1980 में वोटरों ने इनको भी पटकनी देकर कांग्रेस के अकबाल हुसैन पर भरोसा जताया। 1985 में इन्हें भी खारिज करते हुए कांग्रेस के ही अरुण प्रताप सिंह पर भरोसा जताते हुए ताज पहनाया। इनसे भी संतुष्टि न मिलने पर 1989 के चुनाव में कांग्रेस के अकबाल हुसैन को दोबारा चुना।
1991 के चुनाव में क्षेत्र की जनता ने फिर से भाजपा के बिंदु लाल को जीत दिलाकर दूसरी बार चुना। 1993 के विधानसभा चुनाव में सपा के डा. एसपी यादव को पहली बार सेवा करने का अवसर दिया। 1996 के चुनाव में फिर से भाजपा के बिंदु लाल पर ही भरोसा जताया। उन्हें तीसरी बार क्षेत्र के विकास के लिए चुना।
2002 के चुनाव में सपा के डा. एसपी यादव को दूसरी बार विधायक बनाया। 2007 के चुनाव में बसपा के अलाउद्दीन को नए चेहरा के रूप में पहली बार अवसर दिया। 2012 में सपा के डा. एसपी यादव को तीसरी बार चुना। 2017 के चुनाव में क्षेत्र की जनता ने इनको तीसरे नंबर पर पहुंचाकर नये चेहरे के रूप में युवा भाजपा नेता शैलेश कुमार सिंह शैलू को विधायक बनाया था।
सपा ने राकेश पर लगाया दांव
सपा के संस्थापक सदस्य और चार बार विधायक रहे डा. एसपी यादव के बड़े बेटे पूर्व युवजन सभा जिलाध्यक्ष राकेश यादव को प्रत्याशी बनाकर सहानुभूति की साइकिल चलाने का दांव लगाया है। पिता की राजनीतिक विरासत सहेजने के लिए राकेश यादव पहले से ही गैंसड़ी में सक्रिय हैं। इनकी पत्नी साधना यादव बलरामपुर से ब्लाक प्रमुख रह चुकी हैं।
भाजपा ने अब तक उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है लेकिन, पूर्व विधायक शैलेश कुमार सिंह शैलू को प्रबल दावेदार माना जा रहा है। इस बार बसपा भी उप चुनाव में ताल ठोकेगी। बसपा जिलाध्यक्ष लालचंद ने गैंसड़ी से मो. हारिस फिदा बाबा का नाम तय है। हालांकि अभी अधिकारिक रूप से नाम की घोषणा नहीं की गई है।