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सपा ने बलिया सीट से सनातन पांडेय पर ही फिर क्यों खेला दांव? सिर्फ एक बार ही रहे विधायक; ऐसा रहा राजनीतिक सफर

इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी कर सनातन पांडेय 1980 में आजगमढ़ से पालिटेक्निक किए। उसके बाद गन्ना विकास परिषद में जेई के पद पर तैनात हुए। 1996 में नौकरी से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी से जुड़े। पहली बार जिले के चिलकहर विधान सभा क्षेत्र में 1997 में चुनाव लड़ने के लिए सपा से टिकट की दावेदारी की। पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय ही चुनाव में उतरे।

By Lovkush Singh Edited By: Riya Pandey Published: Tue, 23 Apr 2024 08:37 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2024 08:37 PM (IST)
सपा ने बलिया सीट से सनातन पांडेय पर ही फिर क्यों खेला दांव

जागरण संवाददाता, बलिया। Ballia Lok Sabha Seat: लोकसभा सीट बलिया में सपा ने सनातन पांडेय को अपना उम्मीदवार बनाया है। वह रसड़ा विधान सभा क्षेत्र के पांडेयपुर के निवासी हैं। इससे पहले वह पांच बार विधान सभा और एक बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन सिर्फ एक बार वह विधायक बने हैं।

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इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी कर वह 1980 में आजगमढ़ से पालिटेक्निक किए। उसके बाद गन्ना विकास परिषद में जेई के पद पर तैनात हुए। 1996 में नौकरी से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी से जुड़े। पहली बार जिले के चिलकहर विधान सभा क्षेत्र में 1997 में चुनाव लड़ने के लिए सपा से टिकट की दावेदारी की। पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय ही चुनाव में उतरे। हार का सामना करना पड़ा।

2002 में सपा ने नहीं दिया था टिकट

दोबारा इसी विधान सभा क्षेत्र से 2002 में भी सपा से उम्मीदवार बनना चाहते थे, लेकिन पार्टी से टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय ही चुनाव लड़े। उस समय भी हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2007 के विधान सभा चुनाव में सपा ने टिकट दिया और पहली बार चिलकहर विधान सभा सीट से चुनाव जीतकर वह विधायक बने।

वर्ष 2012 में नए परिसीमन के बाद चिलकहर विधान सभा क्षेत्र का अस्तित्व ही समाप्त हो गया। पार्टी से उन्हें जिले की रसड़ा सीट से चुनाव लड़ाया, लेकिन वह बसपा के उमाशंकर सिंह से चुनाव हार गए। उसके बाद पार्टी ने वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश शासन के पर्यटन एवं संस्कृति विभाग का सलाहकार बनाया।

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वर्ष 2017 के विधान सभा चुनाव में भी वह रसड़ा विधान सभा क्षेत्र से सपा की ओर से चुनाव लड़े, लेकिन इस बार भी असफलता हाथ लगी। इसी के बाद वह बलिया लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में जुट गए।

वर्ष 2019 के चुनाव में दी थी कांटे की टक्कर

सनातन पांडेय ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सनातन पांडेय सपा से चुनाव लड़े थे। उस चुनाव में सपा और बसपा में गठबंधन था। इसलिए लड़ाई भी कांटे की रही। भाजपा के वीरेंद्र सिंह मस्त को 469114 मत मिले थे, वहीं सपा के सनातन पांडेय को 453595 मत प्राप्त हुए थे। हार का अंतर मात्र 15519 मत का था। सपा की ओर से दोबारा उम्मीदवार घाेषित होने के बाद एक बार फिर बलिया लोकसभा सीट का सियासी मैदान अलग अंदाज में सजने लगा है।

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