आजमगढ़ में निरहुआ को चुनौती देंगे धर्मेंद्र यादव, अखिलेश ने इस सीट पर रिकॉर्ड मतों से दर्ज की थी जीत; पढ़ें सियासी समीकरण
उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों पूर्वांचल की आजमगढ़ लोकसभा सीट चर्चाओं में बनी हुई है। इस सीट पर वर्तमान में भाजपा के दिनेश लाल निरहुआ सांसद हैं। पार्टी ने एक बार फिर उन पर दांव लगाया है। वहीं आजमगढ़ लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ रही है। समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर धर्मेंद्र यादव को जीत की जिम्मेदारी सौंपी है। पढ़ें इस सीट का सियासी समीकरण...
पूर्वांचल में भाजपा का घोड़ा सोनभद्र की पहाड़ियों, काशी, बागी बलिया आदि को जीतते हुए आजमगढ़ के गढ़ में पहुंचता है तो कमजोर पड़ जाता है। ऐसा चुनाव दर चुनाव देखने को मिल रहा है। समाजवादियों का गढ़ कहे जाने वाले आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ सांसद हैं। इस नाते यह चुनाव भाजपा और सपा के लिए नाक की लड़ाई वाला है।
यहां के लोगों ने पिछले पांच वर्ष में कई तरह के संकेत दिए हैं। चार बार की विजेता बसपा को भी दिखाना है कि हाथी का दम अब भी दमदार है, फिर भी लोकसभा चुनाव 2019 व विधानसभा चुनाव 2022 में सपा ने अपनी स्थिति को और भी मजबूत कर लिया है।
यहां से सर्वाधिक छह बार का चुनाव जीत चुकी कांग्रेस चार बार की विजेता सपा के साथ है।
सूबे की सर्वाधिक चर्चाओं में शुमार आजमगढ़ की इस सीट पर अलबत्ता दो बार यहां से परचम फहरा चुकी भाजपा पर सबकी निगाहें हैं। भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ 2019 के लोकसभा चुनाव से भी कम मत पाकर 2022 के उपचुनाव में साढ़े आठ हजार वोटों से जीत गए। उन्होंने सपा के धर्मेंद्र यादव को हराया था। इस बार फिर धर्मेंद्र आजमगढ़ से चुनावी मैदान में हैं। पेश है विशेष रिपोर्ट...।
2019 में अखिलेश ने दर्ज की थी जीत
लोकसभा चुनाव 2019 में बसपा से गठबंधन के सहारे सपा मुखिया अखिलेश यादव ने रिकॉर्ड मतों तो जीत दर्ज की। अखिलेश को 623578 तो निरहुआ को मात्र 361704 मत मिले। भाजपा को 261874 मतों के भारी अंतर से हराया। इसके बाद 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में सपा का विजय रथ यहीं नहीं रुका।
सपा ने आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी पांच विधानसभा क्षेत्र सदर, मेहनगर, मुकारकपुर, सगड़ी और गोपालपुर को जीत लिया। सपा को पांचों विधानसभा क्षेत्रों में 435993 मत मिले। भाजपा को पांचों विधानसभा में 329873 मत मिले थे। जो लगभग 2019 के समान थे। इस चुनाव में सपा के साथ सुभासपा का गठबंधन था। वैसे इस बार सुभासपा पाला बदलकर भाजपा के साथ है। इस बार सपा के साथ कांग्रेस, आप और कम्युनिस्ट हैं।
उपचुनाव में सपा को मिली थी हार
पांचों विधानसभा सीट पर इन तीनों को भी करीब 14 हजार मत मिले थे। हालांकि अखिलेश यादव के विधायक चुने जाने के बाद इस्तीफे से खाली आजमगढ़ लोकसभा सीट में 2022 में ही उपचुनाव हुआ। उपचुनाव में सपा का किला दरक गया। सपा के करीब सवा लाख वोट कम हो गए थे। तब न सिर्फ निरहुआ ने जीत दर्ज की बल्कि तीन विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा आगे रही।
2019 लोकसभा व 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा और भाजपा को मिले वोटों की तुलना करें तो आजमगढ़ संसदीय सीट पर भाजपा को टक्कर देने के लिए सपा अकेले ही काफी है। यहां गौर करने वाली बात है कि भाजपा के मतों में 2019 से ही कोई बहुत ज्यादा अंतर नहीं हुआ है। वह सपा के बढ़े और घटे वोटों के सहारे हारती-जीतती रही।
आजमगढ़ लोकसभा सीट 2019 का चुनाव परिणाम
नाम पार्टी मिले मत
अखिलेश यादव सपा 623578
दिनेशलाल यादव निरहुआ भाजपा 361704
अनिल सिंह आरयूसी 6763
अभिमन्यु सिंह एसबीएसपी 10078
नोटा 7255
आजमगढ़ सीट के परिणाम पर एक नजर
1952 सीताराम अस्थाना (कांग्रेस)
1957 कालिका सिंह (कांग्रेस)
1962 राम हरख यादव (पीएसपी)
1967 चंद्रजीत यादव (कांग्रेस)
1971 चंदजीत यादव (कांग्रेस)
1977 रामनरेश यादव (जनता पार्टी)
1978 मोहसिना किदवई (कांग्रेस-उपचुनाव)
1980 चंदजीत यादव (जनता एस)
1984 संतोष सिंह (कांग्रेस)
1989 रामकृष्ण यादव (बसपा)
1991 चंद्रजीत यादव (जनता दल)
1996 रमाकांत यादव (सपा)
1998 अकबर अहमद डंपी (बसपा)
1999 रमाकांत यादव (सपा)
2004 रामाकांत यादव (बसपा)
2008 अकबर अहमद डंपी (बसपा-उपचुनाव)
2009 रमाकांत यादव (भाजपा)
2014 मुलायम सिंह यादव (सपा)
2019 अखिलेश यादव (सपा)
2022 दिनेश लाल यादव (भाजपा-उपचुनाव)
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