खेलने की बात कहकर घर से निकले… रास्ते में बैट बेचकर पहुंच गए फिरोजाबाद, पुलिस ने पकड़ा तो बताई असल वजह
गांव मुडैना रूपशाह गांव निवासी लक्ष्मी नारायन का बेटा अरुण राठौर उर्फ कुलदीप आशीष प्रजापति का बेटा पुष्कर भूरे वाल्मीकि का बेटा शंकर अनुज कुमार का बेटा देव कुमार गांव के प्राथमिक विद्यालय में कक्षा पांच में पढ़ता है। बुधवार दोपहर को 330 बजे स्कूल से वापस घर पहुंचे। कुछ देर रुकने के बाद वह गांव में ही खेलने चले गए। देर शाम तक चारों वापस घर नहीं पहुंचे।
संवाद सहयोगी, अजीतमल। बैट बेचने के बाद गांव के चार बालक घूमने के लिए फिरोजाबाद चले गए थे। वापस आते समय पुलिस ने अनंतराम टोल प्लाजा पर पकड़ लिया। पूछताछ के बाद बालकों को स्वजन के सुपुर्द कर दिया गया।
यह है पूरा मामला
गांव मुडैना रूपशाह गांव निवासी लक्ष्मी नारायन का बेटा अरुण राठौर उर्फ कुलदीप, आशीष प्रजापति का बेटा पुष्कर, भूरे वाल्मीकि का बेटा शंकर, अनुज कुमार का बेटा देव कुमार गांव के प्राथमिक विद्यालय में कक्षा पांच में पढ़ता है।
बुधवार दोपहर को 3:30 बजे स्कूल से वापस घर पहुंचे। कुछ देर रुकने के बाद वह गांव में ही खेलने चले गए। देर शाम तक चारों वापस घर नहीं पहुंचे। स्वजन ने खोजबीन शुरू की। पर उनका पता नहीं चला।
घर से खेलने की बात कहकर निकले
जानकारी के बाद कोतवाली पुलिस ने उनकी तलाश शुरू की। कोतवाल राजकुमार सिंह ने बताया कि सभी घर से क्रिकेट मैच खेलने की बात कहकर निकले थे। इसी बीच अरुण ने बुआ के यहां चलने का प्लान बनाया।
डेढ़ सौ रुपये में बेचा बैट
रुपये न होने पर बालक अरुण ने डेढ़ सौ रुपये में अपना बैट बेच दिया और दोस्तों के साथ ट्रक से फिरोजाबाद में रहने वाली बुआ के घर पहुंच गया। वहां बुआ के बेटे गोलू से मिलने के बाद वह ट्रक से वापस आ रहे थे। तभी अनंतराम टोल प्लाजा पर एक बस से पुलिस ने चारों को बरामद कर लिया।
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