मिड-डे-मील में परोस दी पानी जैसी दाल, अब बीईओ करेंगे जांच- यह है पूरा मामला
वहीं बागड़पुर गांव के कंपोजिट विद्यालय में भी जूनियर बच्चों के लिए मटर व काली उड़द की दाल मिलाकर मध्याह्न भोजन के लिए बनी थी जो घटिया थी। जबकि प्राथमिक के बच्चों के लिए रसोइया ने मूंग मसूर की दाल बनाई थी। जबकि जोया के कंपोजिस्ट विद्यालय में बच्चे स्वयं एक दूसरे को मध्याह्न भोजन परोसते मिले थे दाल भी पानी जैसी पतली थी।
जागरण संवाददाता, अमरोहा : सरकारी स्कूलों में बच्चों को मध्याह्न भोजन में पानी जैसी दाल परोसने की खबर को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया तो बेसिक शिक्षा विभाग की नींद टूट गई। बीएसए ने खबर का संज्ञान लेते हुए खंड शिक्षा अधिकारी को जांच के निर्देश दिए हैं।
दैनिक जागरण ने अपने बुधवार के अंक में मध्याह्न भोजन से खिलवाड़, कुछ स्कूल में परोस रहे पानी जैसी दाल शीर्षक के तहत खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो बेसिक शिक्षा विभाग में खलबली मच गई। बीएसए मोनिका ने जोया खंड शिक्षा अधिकारी को पूरे प्रकरण की जांच के निर्देश दिए है। बता दें कि मंगलवार को दैनिक जागरण की टीम ने सरकारी स्कूलों का दौरा कर बच्चों को मध्याह्न भोजन परोसने का जायजा लिया था।
जिसमें दाल-चावल परोसने का मेन्यु था। गुलड़िया के कंपोजिट स्कूल में देखा तो वहां मध्याहन भोजन में चावल के साथ पानी जैसी दाल परोसी गई थी। चावल भी कच्चे थे। जबकि रफातपुरा के प्राथमिक स्कूल में दाल-चावल एक जगह मिले हुए थे।
वहीं बागड़पुर गांव के कंपोजिट विद्यालय में भी जूनियर बच्चों के लिए मटर व काली उड़द की दाल मिलाकर मध्याह्न भोजन के लिए बनी थी, जो घटिया थी। जबकि प्राथमिक के बच्चों के लिए रसोइया ने मूंग मसूर की दाल बनाई थी। जबकि जोया के कंपोजिस्ट विद्यालय में बच्चे स्वयं एक दूसरे को मध्याह्न भोजन परोसते मिले थे, दाल भी पानी जैसी पतली थी। वहीं जोया का प्राथमिक विद्यालय में भी भोजन घटिया था।