UP Lok Sabha Election 2024: यूपी के इस लोकसभा सीट पर जीत बरकरार रखने को बसपा तलाश रही योद्धा, जानिए इसका इतिहास
UP Lok Sabha Election वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा को यहां सपा के साथ गठबंधन का फायदा मिला था। इसी की बदौलत बसपा के प्रत्याशी रितेश पांडेय को 95 हजार वोटों से जीत मिली थी। वहीं भाजपा के प्रत्याशी मुकुट बिहारी उपविजेता बने थे। उस चुनाव में बसपा कैडर के साथ ही सपा के वोट भी शामिल थे लेकिन इस बार सपा-कांग्रेस सहित अन्य दलों का गठबंधन है।
Ambedkar Nagar Lok Sabha Seat कभी बसपा का गढ़ रहा अंबेडकरनगर अब सपा के दुर्ग में बदल चुका है। यहां की पांचों विधानसभा सीटों पर सपा का कब्जा है। बसपा के पास एक मात्र सांसद की सीट थी, जो अब रितेश पांडेय के भाजपा में चले जाने के बाद हाथों से फिसल गई है। लोकसभा सीट को बचाने और जीत के क्रम को बरकरार रखने के लिए बसपा योद्धा तलाश रही है, जिससे गढ़ की एक दीवार को फिर से मजबूत किया जा सके। अंबेडकरनगर से अभिषेक मालवीय की रिपोर्ट...
बसपा छोड़कर आए सांसद रितेश पांडेय को भाजपा ने यहां अपना प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। सपा ने भी कटेहरी विधायक लालजी वर्मा को प्रत्याशी घोषित किया है। बसपा यहां प्रत्याशी का चयन नहीं कर सकी है। भाजपा व सपा के घोषित प्रत्याशी पहले हाथी की सवारी कर चुके हैं ऐसे में बसपा यहां ऐसा योद्धा तलाश रही है जो दोनों का मुकाबला कर जीत के क्रम को बनाएं रखे।
बसपा यहां वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव दौरान सबसे अधिक कमजोर हुई थी, जब उसके कद्दावर नेता सपा में चले गए। वर्तमान में बसपा छोड़ सपा में जाने वाले रामअचल राजभर अकबरपुर, लालजी वर्मा कटेहरी, त्रिभुवन दत्त आलापुर और राकेश पांडेय जलालपुर से विधायक हैं। हालांकि कैडर सम्मेलन कर सभी को वापस पार्टी से जोड़ने की कवायद चल रही है। बसपा के जिलाध्यक्ष सुनील सांवत ने बताया कि होली त्योहार के आसपास पार्टी अपना प्रत्याशी घोषित करेगी।
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बसपा के थे तीन विधायक
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान तीन विधानसभा सीटों पर बसपा का कब्जा था। कटेहरी से लालजी वर्मा, अकबरपुर से रामअचल राजभर व जलालपुर से रितेश विधायक थे। वहीं टांडा व आलापुर सीट भाजपा के पास थी। टांडा से भाजपा की संजू देवी व आलापुर अनीता कमल विधायक थी। लोकसभा चुनाव में इसी का फायदा बसपा को मिला था।
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पिछले चुनाव में बसपा को मिला था गठबंधन से फायदा
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा को यहां सपा के साथ गठबंधन का फायदा मिला था। इसी की बदौलत बसपा के प्रत्याशी रितेश पांडेय को 95 हजार वोटों से जीत मिली थी। वहीं भाजपा के प्रत्याशी मुकुट बिहारी उपविजेता बने थे। उस चुनाव में बसपा कैडर के साथ ही सपा के वोट भी शामिल थे, लेकिन इस बार सपा-कांग्रेस सहित अन्य दलों का गठबंधन है।