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Lok Sabha Election 2024 : अंबेडकरनगर जिला गठन के साथ मायावती को मिली थी यह बड़ी संजीवनी, सारे रिकॉर्ड कर दिए थे धाराशायी

वर्ष 1998 में मायावती स्वयं यहां लोकसभा चुनाव मैदान में उतरी और सांसद चुनी गईं। वर्ष 1999 में पुन लोकसभा चुनाव हुए जिसमें मायावती को लगातार दूसरी बार जीत मिली लेकिन प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर वर्ष 2002 में उन्होंने सांसद पद से त्यागपत्र दे दिया। इस दौरान हुए उपचुनाव में भी बसपा उम्मीदवार त्रिभुवन दत्त सांसद चुने गए।

By Jagran News Edited By: Mohammed Ammar Published: Sat, 06 Apr 2024 08:27 AM (IST)Updated: Sat, 06 Apr 2024 08:27 AM (IST)
अंबेडकरनगर जिला गठन के साथ मायावती को मिली थी बड़ी संजीवनी, सारे रिकॉर्ड कर दिए थे धाराशायी

अभिषेक मालवीय, जागरण संवाददाताl अंबेडकरनगर कबरपुर सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र व अंबेडकरनगर जिले के गठन के बाद सर्वाधिक जनाधार बसपा को ही मिला है।

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वर्ष 1962 से 2004 तक अकबरपुर सुरक्षित सीट पर संपन्न हुए 14 लोकसभा चुनावों में पांच बार बसपा उम्मीदवारों को जीत मिली है, जबकि तीन बार कांग्रेस, एक-एक बार जनता पार्टी, जनता पार्टी (सेक्युलर), जनता दल, रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया व समाजवादी पार्टी के सांसद चुने गए हैं।

साल 1995 में मायावती ने किया था गठन

अंबेडकनगर लोकसभा क्षेत्र के बाद हुए तीन आम चुनावों में दो बार बसपा व एक बार भाजपा के सांसद चुने गए हैं। 29 सिंतबर, 1995 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने शिवबाबा धाम पर आयोजित जनसभा के दौरान डा. भीमराव आंबेडकर की स्मृति में जिले का गठन किया था। यहीं से बसपा लोकप्रिय पार्टी के रूप में उभरी थी। इसी के बाद वर्ष 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में बसपा के घनश्याम चंद्र खरवार सांसद चुने गए थे।

वर्ष 1998 में मायावती स्वयं यहां लोकसभा चुनाव मैदान में उतरी और सांसद चुनी गईं। वर्ष 1999 में पुन: लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें मायावती को लगातार दूसरी बार जीत मिली, लेकिन प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर वर्ष 2002 में उन्होंने सांसद पद से त्यागपत्र दे दिया। इस दौरान हुए उपचुनाव में भी बसपा उम्मीदवार त्रिभुवन दत्त सांसद चुने गए।

2004 में हुआ था उपचुनाव

वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में तीसरी बार यहां से मायावती सांसद चुनी गईं, लेकिन वह पुन: सीट छोड़कर चली गईं। इस बीच जनता की नाराजगी दिखी और वर्ष 2004 के उपचुनाव में सपा के शंखलाल माझी को यहां पहली बार जीत मिली। हालांकि वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में जनता की नाराजगी समाप्त हो गई और पुन: बसपा से राकेश पांडेय सांसद चुने गए। इस चुनाव में सपा के शंखलाल माझी दूसरे स्थान पर रहे, जबकि भाजपा के विनय कटियार तीसरे स्थान पर थे।


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