रिश्वत के सिस्टम ने झकझोरा पिता; मजबूर पैसे देने के बाद चीखता रहा, नहीं हुई सुनवाई, 600 रुपये लेकर हुआ बालक के शव का पोस्टमार्टम
Agra News In Hindi मजबूर पिता ने रुपये तो दे दिए पर चीख -चीख कर हंगामा कर दिया। अन्य कर्मचारियों ने हंगामा करने पर पोस्टमार्टम न होने का डर दिखा कर चुप करा दिया। साथ आए पुलिस के सिपााही ने भी बाद में कार्रवाई कराने का आश्वासन देकर चुप करा दिया। पीड़ित ने जिलाधिकारी से मामले की शिकायत करने की बात कही है।
जागरण संवाददाता, आगरा। मजदूर पिता तालाब में डूबने से बच्चे की मौत के बाद कंधे पर उसकी अर्थी ले जाने के लिए खुद को तैयार नहीं कर पा रहा था। इससे पहले उसे पोस्टमार्टम गृह पर रिश्वत के सिस्टम ने झकझोर दिया। पोस्टमार्टम के लिए कर्मचारियों ने 600 रुपये लिए बिना शव का पोस्टमार्टम करना तो दूर, शव को हाथ लगाने से भी मना कर दिया।
अछनेरा के अरदाया गांव के भरत सिंह का 13 साल का बेटा अंकित रविवार शाम से लापता था। स्वजन उसकी तलाश कर रहे थे। सुबह ग्रामीणों ने तालाब में उसका शव तैरता मिला था।ग्रामीणों ने नहाने के दौरान डूबने से मौत होने की जानकारी स्वजन को दी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पोस्टमार्टम पर कर्मचारियों ने लिए रुपये
मृतक चार भाइयों में तीसरे नंबर का था।पिता भरत सिंह शव लेने के लिए सुबह दस बजे ही पोस्टमार्टम गृह पहुंच गया। दो बजे के बाद उसका नंबर आया। पिता ने क्ष्रेत्र बजाजा से कपड़ा और पॉलिथिन लेकर कर्मचारियों को दी।आरोप है कि उसे अंदर बुलाकर पोस्टमार्टम करने के लिए 600 रुपये मांगे गए। रुपये न देने पर शव को हाथ लगाने से इंकार कर दिया।
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भरत सिंह ने बताया कि मजबूर होकर रुपये देने पड़े। वो मजदूरी करके बच्चों का पालन करते हैं। रुपये लेने की शिकायत साथ आए सिपाही और पोस्टमार्टम गृह के अन्य कर्मचारियों से की। किसी ने सुनवाई नहीं की, उल्टा हंगामा करने पर पोस्टमार्टम न होने की धमकी दी गई।
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पूर्व में की गई शिकायत पर नहीं हुई कार्रवाई
11 फरवरी को लायर्स कालोनी के रहने वाले युवक ने मां और बेटे की हत्या कर खुद आत्महत्या कर ली थी।पोस्टमार्टम गृह पर दो हजार र रुपयों की मांग की गई थी।परेशान स्वजन ने काफी बहस के बाद 1500 रुपये दिए थे। मृतक के पिता के दोस्त अधिवक्ता रमाशंकर ने मुख्यमंत्री समेत अधिकारियों से शिकायत की थी।
रमाशंकर ने बताया कि उन्हें 15 दिन के अंदर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था। अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।पोस्टमार्टम गृह पर कर्मचारी निजी गुर्गों को साथ रखते हैं। शह देकर उनसे वसूली कराई जाती है।अपनों के जाने के गम में शव के लिए रिश्वत ली जाने से स्वजन आक्रोशित हाेते हैं,पर कोई सुनवाई नहीं होती है।