अब नहीं काटने पड़ेंगे सराकरी दफ्तरों के चक्कर, इस तरह स्मार्टफोन से होगा सारा काम
कई ऐसे काम होते हैं जिनके लिए आपको सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं लेकिन अगर आपको सरकारी दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़े तो
कई ऐसे काम होते हैं जिनके लिए आपको सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं लेकिन अगर आपको सरकारी दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़े तो। जी हां, ये जल्द ही सच होने वाला है। UIDAI यानि यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया स्मार्टफोन्स को आधार कार्ड से लिंक करने की तैयारी कर रहा है।
UIDAI के सीईओ अजय भूषण पांडे और स्मार्टफोन्स के सीनियर एक्जीक्यूटिव्स ने इस प्लान के लिए अलग-अलग तरह के आईडिया साझा किए। इस मीटिंग के दौरान एपल, सैमसंग, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और माइक्रोमैक्स के अधिकारी शामिल हुए।
अजय भूषण पांडे ने बताया कि भारत में करीब 104 करोड़ लोगों के पास आधार कार्ड है और करीब 40 करोड़ लोगों के पास स्मार्टफोन है। हर एजेंसी आधार कार्ड के जरिए ही सत्यापन करती है। ऐसे में अगर लोग सरकारी सेवाओं को लेना चाहते हैं और जांच के लिए सरकारी ऑफिस भी नहीं जाना चाहते तो वो अपने स्मार्टफोन के जरिए वेरिफिकेशन करवा सकते हैं। इसके साथ ही अजय भूषण पांडे ने कहा कि जब उन्होंने ये आईडिया स्मार्टफोन मेकर्स के साथ साझा किया तो उनकी तरफ से पॉजिटिव साइन मिले।
कैसे होगा कार्य करेगा स्मार्टफोन में ये फीचर?
स्मार्टफोन्स में UIDAI key के साथ आधार इनेबल्ड चिप्स लगाई गई होंगी जो कि आधार सर्वर से लिंक होंगी। ये key जानकारी को लीक होने से बचाएगी। आपको बता दें कि जांच करने का काम फिंगरप्रिंट स्कैनर और आईरिस स्कैनर करेंगे।
सैमसंग के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने हाल फिलहाल में आधार अनुकूल तकनीक से लैस स्मार्टफोन बनाएं हैं, जैसे गैलैक्सी टैब आईरिस जो कि सरकारी सेवाओं को लेने वालों की जानकारी आधार कार्ड के जरिए प्रमाणित करता है।
इसके अलावा अजय भूषण पांडे ने ये भी बताया कि UIDAI सिक्योरिटी से संबंधित मामलों को लेकर सजग है और जब तक वो 104 करोड़ भारतीयों की जानकारी को प्राइवेट रखने के लिए सिक्योरिटी को अच्छे से जांच नहीं लेता तब कोई कदम नहीं उठाएगा।
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