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WannaCry ने एक बार फिर किया कंप्यूटर्स पर अटैक, होंडा कंपनी ने बंद किया उत्पादन

रैनसमवेयर ने एक बार फिर से अटैक किया है। इस बार इस वायरस ने होंडा के कंप्यूटर्स पर हमला किया है

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Thu, 22 Jun 2017 11:34 AM (IST)Updated: Thu, 22 Jun 2017 12:33 PM (IST)
WannaCry ने एक बार फिर किया कंप्यूटर्स पर अटैक, होंडा कंपनी ने बंद किया उत्पादन
WannaCry ने एक बार फिर किया कंप्यूटर्स पर अटैक, होंडा कंपनी ने बंद किया उत्पादन

नई दिल्ली (एएफपी)। रैनसमवेयर WannaCry वायरस ने एक बार फिर से अटैक किया है। जापानी कंपनी होंडा ने बुधवार को रैनसमवेयर वायरस अटैक के चलते अपने एक प्लांट का प्रोडक्शन रोक दिया है। होंडा कंपनी ने कहा कि उनके कंप्यूटर्स सिस्टम रैनसमवेयर वायरस से प्रभावित हैं जिसके चलते उन्होंने सायामा में प्लांट को बंद कर दिया है। होंडा के ही एक प्रवक्ता ने बताया, “इस मालवेयर ने लगभग 1,000 कारों के उत्पादन को प्रभावित किया है”। कंपनी ने संभावना जताई है कि WannaCry वायरस ने विदेशी सुविधाओं को भी प्रभावित किया है। होंडा कंपनी कई तरह का मॉडल्स का प्रोडक्शन करती है जिसमें अकॉर्ड सिडान और ओडीसे मिनीवैन शामिल हैं। कंपनी ने कहा है कि वो इस मामले की जांच कर रही है।

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सबसे पहले रैनसमवेयर वायरस ने 150 देशों से ज्यादा के बैंक्स, हॉस्पिटल और सरकारी एजेंसियों के पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करने वाले कंप्यूटर्स पर अटैक किया था। मई महीने में फ्रांस की कंपनी रेनॉल्ट पर भी रैनसमवेयर ने हमला किया जिसके बाद कंपनी ने अपनी साइट्स का प्रोडक्शन रोक दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जापान में 600 कंपनियों के 2000 कंप्यूटर्स इस वायरस से प्रभावित हुए थे। दुनिया भर के अधिकारियों ने सार्वजनिक अलर्ट जारी किया था जिसमें कंप्यूटर यूजर्स को अनजान ईमेल से सावधान रहने की बात कही गई थी।

जानें क्या है रैनसमवेयर:

रेनसमवेयर एक तरह का साइबर हमला है। यह वायरस यूजर के कंप्यूटर पर पूरी तरह से कंट्रोल कर पेमेंट की डिमांड करता है। यह वायरस सिर्फ कंप्यूटर ही नहीं बल्कि स्मार्टफोन को भी नुकसान पंहुचा सकता है। यह वायरस बिना आपकी जानकारी के कंप्यूटर या स्मार्टफोन को नुकसान पहुंचाने वाला सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर लेता है, इसके जरिये ये यूजर की जानकारी को एन्क्रिप्ट कर लेता है। इस तरह हैकर के पास यूजर के डाटा पर पूरा-पूरा एक्सेस हो जाता है। फिर हैकर यूजर को उसका डाटा ब्लॉक करने की धमकी दे उससे पैसे ऐंठता है। डाटा के एवज में यूजर से बतौर फीस 0.3 से 1 बिटक्वाइन तक की मांग की जाती है, जिसकी कीमत 400 यूरो से लेकर 1375 यूरो तक होती है। बिटक्वाइन डिजिटल ट्रांसक्शन में इस्तेमाल होने वाली एक तरह की वर्चुअल करेंसी है। ऐसे साइबर अटैक किसी एक व्यक्ति पर न कर के पूरे नेटवर्क पर किया जाता है।

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