Move to Jagran APP

जीमेल या याहू का करते है इस्तेमाल तो आपकी प्राइवेसी को है बड़ा खतरा, जानें क्या है मुसीबत

जीमेल और याहू यूजर्स के अकाउंट्स पर खतरा मंडरा रहा है। यूजर्स अपने अकाउंट से बहुत से प्राइवेट ट्रांजेक्शन्स करते हैं और निहायत निजी जानकारियां शेयर करते हैं,लेकिन अब इनकी प्राइवेसी पर सेंध लगी है। दरअसल चंद रूपयों के लिए लाखों-करोड़ों लोगों के ई-मेल अकाउंट बिक रहे है।

By MMI TeamEdited By: Published: Fri, 06 May 2016 11:42 AM (IST)Updated: Fri, 06 May 2016 12:00 PM (IST)
जीमेल या याहू का करते है इस्तेमाल तो आपकी प्राइवेसी को है बड़ा खतरा, जानें क्या है मुसीबत

जीमेल और याहू यूजर्स के अकाउंट्स पर खतरा मंडरा रहा है। यूजर्स अपने अकाउंट से बहुत से प्राइवेट ट्रांजेक्शन्स करते हैं और निहायत निजी जानकारियां शेयर करते हैं,लेकिन अब इनकी प्राइवेसी पर सेंध लगी है। दरअसल रूस के अंडरवर्ल्ड में विश्वभर के लाखों-करोड़ों लोगों के ई-मेल अकाउंट चंद पैसों के लिए बिक रहे हैं, इतना ही नहीं दूसरी वेबसाइट्स से हैक किए गए यूजरनेम और पासवर्ड भी यहां पर धड़ल्ले से बिक रहे है। इस बात की पुष्टि एक इंटरनेशनल न्यूज एजेंसी के हवाले से की गई है।

loksabha election banner

पढ़े: यह क्या? 90 दिनों तक फ्री मिलेगा इंटरनेट और कॉल, जानें क्या है ऑफर

कंपनियां जिनके यूजर्स का डाटा हैक किया गया
1.होल्ड सिक्योरिटी के फाउंडर और चीफ इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी ऑफिसर एलेक्स होल्डन के अनुसार, जिन यूजर्स के डाटा को हैक किया गया है उनमें रूस की सबसे लोकप्रिय ई-मेल सर्विस मेल डॉट आरयू के यूजर्स की संख्या सबसे ज्यादा है। होल्डन के अनुसार अब तक इनके 27.23 करोड़ अकाउंट्स पता चले है।

2. इसके बाद गूगल, याहू और माइक्रोसॉफ्ट अकाउंट्स यूजर्स की संख्या आती है।

3. फिर चीन और जर्मनी के ई-मेल प्रोवाइडर इस चंगुल में फंसे है।


इस तरह हैक हुए थे डाटा
प्राप्त खबरों के अनुसार, 2 साल पहले अमेरिका के बड़े रिटेलर्स और बैंकों पर साइबर अटैक हुआ था। इसे साइबर वर्ल्ड की अब तक की सबसे बड़ी चोरी माना जाता है, लेकिन अभी जब हाल ही में हुए होल्ड सिक्योरिटीज के रिसर्चरों ने एक युवा रूसी हैकर को एक ऑनलाइन फोरम पर हैक किए गए डाटा की जनकारी शेयर करते हुए पकड़ा तो इस बात का खुलासा हुआ। हैकर न सिर्फ डाटा बल्कि कई अन्य जानकारियां जिनकी संख्या 1.17 अरब अकाउंट तक थी, देने को तैयार था।

पढ़े: करनी है बैटरी चार्ज तो मोबाइल को कर दें आग के हवाले

सेंसटिव डाटा मात्र 1 डॉलर में बिक रहा था
डाटाहोल्डन ने बताया कि वह रूसी युवा इस डाटा को मात्र 50 रूबल यानी 1 डॉलर से भी कम कीमत में दे रहा था। इसके बाद एक बड़ी इंटरनेशनल एजेंसी ने इस बात का खुलासा किया तो माइक्रोसॉफ्ट ने इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण सच्चाई बताया जबकि याहू और गूगल से इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.