जीमेल या याहू का करते है इस्तेमाल तो आपकी प्राइवेसी को है बड़ा खतरा, जानें क्या है मुसीबत
जीमेल और याहू यूजर्स के अकाउंट्स पर खतरा मंडरा रहा है। यूजर्स अपने अकाउंट से बहुत से प्राइवेट ट्रांजेक्शन्स करते हैं और निहायत निजी जानकारियां शेयर करते हैं,लेकिन अब इनकी प्राइवेसी पर सेंध लगी है। दरअसल चंद रूपयों के लिए लाखों-करोड़ों लोगों के ई-मेल अकाउंट बिक रहे है।
जीमेल और याहू यूजर्स के अकाउंट्स पर खतरा मंडरा रहा है। यूजर्स अपने अकाउंट से बहुत से प्राइवेट ट्रांजेक्शन्स करते हैं और निहायत निजी जानकारियां शेयर करते हैं,लेकिन अब इनकी प्राइवेसी पर सेंध लगी है। दरअसल रूस के अंडरवर्ल्ड में विश्वभर के लाखों-करोड़ों लोगों के ई-मेल अकाउंट चंद पैसों के लिए बिक रहे हैं, इतना ही नहीं दूसरी वेबसाइट्स से हैक किए गए यूजरनेम और पासवर्ड भी यहां पर धड़ल्ले से बिक रहे है। इस बात की पुष्टि एक इंटरनेशनल न्यूज एजेंसी के हवाले से की गई है।
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कंपनियां जिनके यूजर्स का डाटा हैक किया गया
1.होल्ड सिक्योरिटी के फाउंडर और चीफ इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी ऑफिसर एलेक्स होल्डन के अनुसार, जिन यूजर्स के डाटा को हैक किया गया है उनमें रूस की सबसे लोकप्रिय ई-मेल सर्विस मेल डॉट आरयू के यूजर्स की संख्या सबसे ज्यादा है। होल्डन के अनुसार अब तक इनके 27.23 करोड़ अकाउंट्स पता चले है।
2. इसके बाद गूगल, याहू और माइक्रोसॉफ्ट अकाउंट्स यूजर्स की संख्या आती है।
3. फिर चीन और जर्मनी के ई-मेल प्रोवाइडर इस चंगुल में फंसे है।
इस तरह हैक हुए थे डाटा
प्राप्त खबरों के अनुसार, 2 साल पहले अमेरिका के बड़े रिटेलर्स और बैंकों पर साइबर अटैक हुआ था। इसे साइबर वर्ल्ड की अब तक की सबसे बड़ी चोरी माना जाता है, लेकिन अभी जब हाल ही में हुए होल्ड सिक्योरिटीज के रिसर्चरों ने एक युवा रूसी हैकर को एक ऑनलाइन फोरम पर हैक किए गए डाटा की जनकारी शेयर करते हुए पकड़ा तो इस बात का खुलासा हुआ। हैकर न सिर्फ डाटा बल्कि कई अन्य जानकारियां जिनकी संख्या 1.17 अरब अकाउंट तक थी, देने को तैयार था।
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सेंसटिव डाटा मात्र 1 डॉलर में बिक रहा था
डाटाहोल्डन ने बताया कि वह रूसी युवा इस डाटा को मात्र 50 रूबल यानी 1 डॉलर से भी कम कीमत में दे रहा था। इसके बाद एक बड़ी इंटरनेशनल एजेंसी ने इस बात का खुलासा किया तो माइक्रोसॉफ्ट ने इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण सच्चाई बताया जबकि याहू और गूगल से इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।