नेट न्यूट्रैलिटी: टेलीकॉम ऑपरेटर्स का दावा 4 मिलियन सब्सक्राइबर है पक्ष में
देश में मोबाइल ऑपरेटरों की शीर्ष संस्था सीओएआइ ने रविवार को कहा कि, 'व्हाट्स एप और स्काइप जैसी इंटरनेट आधारित कम्युनिकेशन सर्विसेस पर नेट न्यूट्रिलिटी के समर्थन करने के उनके द्वारा चलाएं जा रहे अभियान का चार मिलियन सब्सक्राइबर्स ने समर्थन किया है। इस अभियान के तहत व्हाट्स एप और
देश में मोबाइल ऑपरेटरों की शीर्ष संस्था सीओएआइ ने रविवार को कहा कि, 'व्हाट्स एप और स्काइप जैसी इंटरनेट आधारित कम्युनिकेशन सर्विसेस पर नेट न्यूट्रिलिटी के समर्थन करने के उनके द्वारा चलाएं जा रहे अभियान का चार मिलियन सब्सक्राइबर्स ने समर्थन किया है। इस अभियान के तहत व्हाट्स एप और स्काइप आधारित सेवाओं को भी मोबाइल फोन ऑपरेटर्स से संबंधित नियमों के दायरे में लाने की बात कही जा रही है।
सेल्युलअर ऑपरेटर्स असोसिएशन ऑफ इंडिया ने एक स्टेटमेंट में कहा कि 'नेट न्यूट्रैलिटी के लिए, नेट इक्वैलिटी और ग्राहक की पसंद के लिए किए जा रहे कैंपेंन 'सबका इंटरनेट, सबका विकास' को 40 लाख भारतीय मोबाइल यूजर्स से एक हफ्ते के अन्दर सपोर्ट मिला है'। एक उपयुक्त एजेंसी की गुजारिश के बाद सपोर्टर्स के सारे मोबाइल नंबर डाटाबेस में ऑडिटेबल किए गए है। ।
इंटरनेट को सबके लिए एक्सेसिबल और हर भारतीय के लिए किफायती बनाने के लिए पिछले हफ्ते लांच हुआ कैंपेंन 'सबका इंटरनेट, सबका विकास', नेट पर आधारित सर्विसेज स्काइप और व्हाट्सएप के साथ एक लेवल को पार करता दिख रहा है।
नेट न्यूट्रैलिटी के लिए हमेशा आरोप लगाएं गए है कि टेलीकॉम ऑपरेटर्स फ्री इंटरनेट एक्सेस कॉन्सेप्ट को चोट पहुंचा रहे हैं।
सीओएआइ ने कहा कि अगर स्काइप और व्हाट्स एप जैसी इंटरनेट बेस्ड सर्विस प्रोवाइडर्स इन सेवाओं का उचित मूल्य नहीं चुकाती तो मोबाइल ऑपरेटर्स का बिजनेस तभी चल पाएगा जब डेटा कीमतें 6 गुना तक बढ़ाई जाएंगी।
'सीओएआइ ने अपनी तरफ से एफर्ट लगाते हुए कहा कि हम सुनिश्चित करना चाहते है कि मोबाइल कस्टमर्स को इंटरनेट की पावर का लाभ उठाने की आजादी मिले, उनका बस यही मतलब है कि इस आजादी में प्लेटफॉर्म, डिवाइस और टेक्नोलॉजी को चुनने का अधिकार शामिल हो।'