Move to Jagran APP

Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी की पूजा में जरूर शामिल करें तुलसी पत्र, जानिए पूजा और पारण का समय

वरुथिनी एकादशी पर श्री हरि की पूजा होती है। इस दिन का भक्तों के बीच बहुत महत्व है। वरूथिनी एकादशी को वैशाख एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग देवताओं को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए उपवास करते हैं। वरुथिनी का अर्थ है सुरक्षा। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त इस उपवास को रखते हैं उन्हें नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा मिलती है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Published: Thu, 25 Apr 2024 09:12 AM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2024 09:12 AM (IST)
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी पूजा और पारण का समय

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी का व्रत बेहद पवित्र माना गया है। इस साल यह 4 मई को मनाया जाएगा। यह शुभ दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। वरुथिनी एकादशी महीने में दो बार शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के दौरान मनाई जाती है। साधक इस दिन नकारात्मक ऊर्जा और बुराइयों को दूर करने के लिए उपवास रखते हैं। यह एक ऐसा शुभ दिन हैं,जब व्यक्ति आध्यात्मिकता और सकारात्मकता प्राप्त कर सकता है।

loksabha election banner

वरुथिनी एकादशी पूजा का समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 3 मई 2024 को रात्रि 11 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 4 मई, 2024 को रात्रि 08 बजकर 38 मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए यह व्रत 4 मई को रखा जाएगा। इसके साथ ही इसकी पूजा प्रातः 07 बजकर 18 मिनट से प्रातः 08 बजकर 58 मिनट के बीच होगी।

वरुथिनी एकादशी व्रत के पारण का समय

वरुथिनी एकादशी व्रत का पारण 5 मई, 2024 प्रातः 05 बजकर 37 मिनट से प्रातः 08 बजकर 17 मिनट तक के बीच किया जाएगा। बता दें, इस दिन द्वादशी तिथि शाम 05 बजकर 41 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।

वरुथिनी एकादशी की पूजा में जरूर शामिल करें तुलसी पत्र

साधक स्नान करने के बाद ही व्रत का संकल्प लें। इसके बाद विधि अनुसार और पूरी भक्ति के साथ भगवान विष्णु की पूजा करें। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए पंचामृत का भोग भी लगाएं। इस दिन यदि भक्त भगवान विष्णु को तुलसी पत्र नहीं चढ़ाते हैं तो पूजा अधूरी मानी जाती है।

ऐसे में तुलसी पत्र अवश्य चढ़ाएं। पूजा के बाद श्री हरि की आरती और हरि मंत्रों का जाप करें। पूजा समाप्त होने के बाद परिवार के सदस्यों को प्रसाद बांटे।

यह भी पढ़ें: Aaj ka Panchang 25 April 2024: आज बन रहे हैं कई शुभ-अशुभ योग, पढ़िए दैनिक पंचांग

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी'।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.