Move to Jagran APP

Sita Navami 2024 Date: मई में इस दिन मनाई जाएगी सीता नवमी, जानें पूजा का सही समय

मान्यता के अनुसार मां सीता का जन्म मंगलवार के दिन पुष्य नक्षत्र में हुआ था और रामनवमी पर्व के ठीक एक महीने बाद सीता नवमी पर मनाई जाती है। इस बार सीता नवमी 16 मई (Sita Navami 2024 Date) को है। इस अवसर पर मां सीता की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति के लिए व्रत भी किया जाता है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Published: Tue, 30 Apr 2024 02:14 PM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2024 02:14 PM (IST)
Sita Navami 2024 Date: मई में इस दिन मनाई जाएगी सीता नवमी, जानें पूजा का सही समय

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Sita Navami 2024 Shubh Muhurat Puja Vidhi: हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर सीता नवमी का त्योहार बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस बार सीता नवमी 16 मई को है। इस अवसर पर मां सीता की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति के लिए व्रत भी किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष नवमी तिथि पर मां सीता का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को सीता नवमी के रूप में मनाया जाता है। आइए जानते हैं सीता नवमी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

loksabha election banner

यह भी पढ़ें: Hindu Marriage: हिंदू धर्म में सर्वश्रेष्ठ है ब्रह्म विवाह, जानें कितनी तरह की होती हैं शादियां?

सीता नवमी 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Sita Navami 2024 Date and Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि की शुरुआत 16 मई को सुबह 06 बजकर 22 मिनट से होगी और इसका समापन अगले दिन यानी 17 मई को सुबह 08 बजकर 48 मिनट पर होगा। ऐसे में सीता नवमी का पर्व 16 मई को मनाया जाएगा।

सीता नवमी पूजा विधि (Sita Navami Puja Vidhi)

  • सीता नवमी के दिन सुबह उठकर स्नान करें।
  • इसके बाद मंदिर की सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें।
  • अब चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर मां सीता और भगवान श्रीराम की प्रतिमा विराजमान करें।
  • मां सीता को सोलह श्रृंगार का सामान अर्पित करें।
  • फूल, अक्षत, चंदन, सिंदूर, धूप, दीप आदि भी चढाएं।
  • देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें।
  • पूजा के दौरान मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए।
  • इसके पश्चात मां सीता को फल, मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।
  • अंत में जीवन में सुख और शांति के लिए प्रार्थना करें।

यह भी पढ़ें: Vaishakh Month 2024: वैशाख माह में और भी बढ़ जाता है तुलसी का महत्व, इन उपायों से प्राप्त करें श्री हरि की कृपा

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.