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नवरात्रि के नौ दिन मां के इन सिद्ध नौ मंत्रों के साथ करें पूजा

यह मंत्र आपके सारे कष्टों को दूर करके जीवन में सुख एवं शांति प्रदान करते हैं सप्तशती में कुछ ऐसे सिद्ध मंत्र हैं, जिनके द्वारा हम अपनी मनोकामना की पूर्ति कर सकते हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 29 Mar 2017 11:19 AM (IST)Updated: Thu, 30 Mar 2017 09:54 AM (IST)
नवरात्रि के नौ दिन मां के इन सिद्ध नौ मंत्रों के साथ करें पूजा
नवरात्रि के नौ दिन मां के इन सिद्ध नौ मंत्रों के साथ करें पूजा
माता दुर्गा के 9 रूपों की साधना करने से भिन्न-भिन्न फल प्राप्त होते हैं। कई साधक अलग-अलग तिथियों को जिस देवी की तिथि हैं, उनकी साधना करते हैं। नवरात्रि पर्व के पावन दिनों में विधि-विधान से इन सिद्ध मंत्रों के जाप करना चाहिए। यह मंत्र आपके सारे कष्टों को दूर करके जीवन में सुख एवं शांति प्रदान करते हैं सप्तशती में कुछ ऐसे सिद्ध मंत्र हैं, जिनके द्वारा हम अपनी मनोकामना की पूर्ति कर सकते हैं। आइए जानें कि हर दिन किस मंत्र से करें देवी आराधना...
नवरात्रि आरंभ होते ही भक्तों की सबसे बड़ी तमन्ना होती है कि वे मां दुर्गा के व्रत एवं पूजन विधि को सही तरीके से कर सकें। क्योंकि, ऐसी मान्यता है कि यदि व्रत एवं पूजन विधि पूर्वक हो जाए तो मां प्रसन्न होकर मनोकामना पूर्ण करती हैं। दुर्गा मां के नौ रूपों के साथ एक-एक मंत्र दिया गया है, यदि पूजा के साथ इस मंत्र का जाप करें, तो मां आपकी हर इच्छा पूरी करेंगी।
मां शैलपुत्री-  अच्छी सेहत और हर प्रकार के भय से मुक्ति दिलाती हैं मां शैलपुत्री। इनकी आराधना से स्थिर आरोग्य और जीवन निडर होता है। व्यक्ति चुनौतियों से घबराता नहीं बल्कि उसका सामना करके जीत हासिल करता है।
 मां शैलपुत्री का मंत्र इस प्रकार है – “विशोका दुष्टदमनी शमनी दुरितापदाम्। उमा गौरी सती चण्डी कालिका सा च पार्वती।।“ इसका जाप सही उच्चारण के साथ ही करें। जाप के साथ आप मां को दूध का भोग लगा सकते हैं।
मां ब्रह्मचारिणी- दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी का होता है, जिनका व्रत एवं पूजन करने से बुद्धि का विकास होता है। ऐसी मान्यता है कि मां ब्रह्माचारिणी, जिन्हें मां भगवती भी कहा जाता है वह अपने भक्त को जीवन से जुड़ी हर परीक्षा पास करने की शक्ति प्रदान करती हैं।
मां ब्रह्मचारिणी मंत्र- ब्रह्मचारिणी का परीक्षा में सफलता दिलाने का मंत्र – “विद्याः समस्तास्तव देवि भेदाः स्त्रियः समस्ताः सकला जगत्सु। त्वयैकया पूरितमम्बयैतत् का ते स्तुतिः स्तव्यपरा परोक्तिः।।“
 मां चन्द्रघण्टा मंत्र- देवी का तीसरा रूप है मां चंद्रघण्टा. जिनके संदर्भ में यह मान्यता प्रचलित है कि वे जीवन में आए संकट के हर एक बादल को हटाने में मदद करती हैं। मां अपने भक्तों को मुश्किल की घड़ी में भी आशा की एक किरण दिखाती हैं, तथा अंतत: भक्त सफल हो जाता है। “हिनस्ति दैत्य तेजांसि स्वनेनापूर्य या जगत्। सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्योनः सुतानिव।।“
मां कूष्माण्डा मंत्र- संतान के सुख की प्राप्ति के लिए एवं परिवार में शांति बनी रहे, इसके लिए देवी के चतुर्थ रूप का पूजन किया जाता है। मां कूष्माण्डा का मंत्र – “स्तुता सुरैः पूर्वमभीष्टसंश्रयात्तथा सुरेन्द्रेण दिनेषु सेविता। करोतु सा नः शुभहेतुरीश्वरी शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापदः।।“
मां स्कन्दमाता मंत्र- अगर आप चाहते हैं कि आपकी बुद्धि और बातचीत से हर कोई प्रभावित हो, तो इसके लिए पांचवी देवी मां स्कंदमाता की पूजा करनी चाहिए। मां स्कंदमाता का मंत्र इस प्रकार है – “सौम्या सौम्यतराशेष सौम्येभ्यस्त्वति सुन्दरी। परापराणां परमा त्वमेव परमेश्वरी।।“
मां कात्यायिनी मंत्र- किसी का विवाह नहीं हो रहा या फिर वैवाहिक जीवन में कुछ परेशानी है तो उसे शक्ति के इस स्वरूप की पूजा अवश्य करनी चाहिए। मां कात्यायनी का दाम्पत्य दीर्घसुख प्राप्ति मंत्र – “एतत्ते वदनं सौम्यम् लोचनत्रय भूषितम्। पातु नः सर्वभीतिभ्यः कात्यायिनी नमोस्तुते।।“
मां कालरात्रि मंत्र- दुश्मनों से जब आप घिर जाएं, हर ओर विरोधी नज़र आएं, तो ऐसे में आपको माता कालरात्रि की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से हर तरह की शत्रुबाधा से मुक्ति मिलेगी। मां कालरात्रि का शत्रुबाधा मुक्ति मंत्र – “त्रैलोक्यमेतदखिलं रिपुनाशनेन त्रातं समरमुर्धनि तेपि हत्वा। नीता दिवं रिपुगणा भयमप्यपास्त मस्माकमुन्मद सुरारिभवम् नमस्ते।।“
मां महागौरी मंत्र- अगर आपके मन में बहुत ऐश्वर्य और प्रसिद्धि पाने की इच्छा हो तो आठवें दिन मां महागौरी की आराधना करें। इनकी कृपा से व्यक्ति देखते-देखते मशहूर हो जाता है। मां महागौरी का परम ऐश्वर्य सिद्धि मंत्र – “सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।“
मां सिद्धिदात्री मंत्र- अगर आप अपनी हर इच्छा पूरी करना चाहते हैं तो 9वें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करें। माता की कृपा से आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है। सर्वमनोकामना पूरक महागौरी मंत्र – “या श्रीः स्वयं सुकृतिनां भवनेष्वलक्ष्मीः पापात्मनां कृतधियां हृदयेषु बुद्धिः। श्रद्धा सतां कुलजन प्रभवस्य लज्जा तां त्वां नताः स्म परिपालय देवि विश्वम्।।“

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