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Ram Navami 2024: इस मंदिर में ऐसे किया जाता है भगवान श्रीराम का सूर्य तिलक, जानें पूरी प्रक्रिया

देशभर में राम नवमी का पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। पाव को लेकर राम मंदिरों में विशेष कार्यक्रम किए जाते हैं। वहीं मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में स्थित राम मंदिर में भी कई तरह धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। इस राम मंदिर का निर्माण वर्ष 1745 में कराया गया था।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Published: Wed, 17 Apr 2024 12:45 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2024 12:45 PM (IST)
Ram Navami 2024: इस मंदिर में ऐसे किया जाता है भगवान श्रीराम का सूर्य तिलक, जानें पूरी प्रक्रिया

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shree Ram Mandir Vidisha: भगवान श्रीराम को विष्णु का अवतार माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन देशभर में अपार श्रद्धा और भक्ति के साथ राम नवमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार राम नवमी आज यानी 17 अप्रैल को है। इस शुभ मौके पर भगवान श्रीराम की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस पर्व को लेकर राम मंदिरों में विशेष कार्यक्रम किए जाते हैं। वहीं मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में स्थित राम मंदिर में भी कई तरह धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।

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कई वर्षों से चली आ रही है ये परंपरा

रामलला के सूर्य तिलक के लिए दो दर्पण, तीन लेंस, पीतल के पाइप के द्वारा सूर्य की किरणें गर्भगृह तक पहुंचाई जाएंगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शहर के पेढ़ी चौराहा स्थित महाराष्ट्रीयन समाज के समर्थ मठ राम मंदिर के गर्भगृह तक दर्पण के जरिए रोजानासूर्य किरणें पहुंचाई जाती हैं। यह परंपरा पिछले 280 वर्ष से चली आ रही है। इस बात की जानकारी बहुत कम लोगों को है कि महाराष्ट्रीय समाज के श्रीराम मंदिर में सूर्य किरणें पहुंचाने का कार्य बीते 280 वर्षों से हो रहा है।

रोजाना होता है रामायण का पाठ

बताया जाता है कि विदिशा के इस राम मंदिर का निर्माण वर्ष 1745 में कराया गया था। इसके बाद मंदिर को संत राजाराम महाराज को दान में दे दिया था। मंदिर में महिला मंडल द्वारा रोजाना शाम को 04 बजे रामायण का पाठ किया जाता है। वहीं राम नवमी के शुभ अवसर पर भगवान श्रीराम का विधिपूर्वक अभिषेक किया जाता है और बधाई गीत गाए जाते हैं।

ऐसे होता है सूर्य तिलक

राम नवमी पर दोपहर 12 बजे प्रभु के जन्मोत्सव की आरती की जाती है, तो उस दौरान भगवान सूर्य देव मंदिर के ऊपर होते हैं। रामलला तक सूर्य की किरणे पहुंचाने के लिए मंदिर के बाहर चबूतरे पर एक श्रद्धालु दर्पण लेकर खड़ा होता है। वह दर्पण की मदद से सूर्य की किरणों को उतारकर गर्भगृह तक पहुंचता है। यह कार्यक्रम 12 से 15 मिनट तक जारी रहता है।

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डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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