Patiala Lok Sabha Seat: कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगा पाएगी BJP? मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकती हैं परनीत कौर
पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में पटियाला सीट काफी महत्व रखती है। इस सीट पर ज्यादातर कांग्रेस का ही दबदबा रहा है। पिछले पांच चुनावों में यहां से चार बार कांग्रेस और एक बार आप ने जीत हासिल की है। वहीं इस सियासी गेम में बदलाव हुआ है। कांग्रेस सीट से जीत हासिल करने वाली निवर्तमान सांसद परनीत कौर ने बीजेपी का दामन थाम लिया है।
डिजिटल डेस्क, पटियाला। पंजाब राज्य की 13 लोकसभा सीटों में पटियाला लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र हाईप्रोफाइल सीट में से एक मानी जाती है। इस सीट पर सबसे ज्यादा इंडियन नेशनल कांग्रेस का दबदबा रहा है। जबकि, इस सीट पर कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर अब तक की सबसे ज्यादा बार सांसद चुनी गई हैं। वहीं, इस बार उन्होंने कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है।
पटियाला सीट रही कांग्रेस का गढ़
पटियाला को पिछले कई चुनाव से कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। पिछले पांच चुनावों में यहां से चार बार कांग्रेस और एक बार आप ने जीत हासिल की है। यहां से बीजेपी की संभावित खिलाड़ी के रूप में निवर्तमान सांसद परनीत कौर का नाम आगे हैं। परनीत अगर भाजपा से उतरती हैं तो जीत की रीति को बनाए रखना उनके लिए चुनौती होगी। कांग्रेस के लिए भी यही स्थिति है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला राजघराने से संबंध रखते हैं। कैप्टन की पत्नी परनीत कौर भी राजनीति में हैं। उन्होंने कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थामा है। परनीत कौर मनमोहन सिंह मंत्रिमंडल में विदेश राज्य मंत्री रह चुकी हैं। इसके साथ ही बीजेपी उन्हें पटियाला सीट पर एक बार फिर मौका दे सकती है।
कांग्रेस की मौजूदा स्थिति
कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर अभी हालांकि परिदृश्य ज्यादा स्पष्ट नहीं, लेकिन संगरूर के पूर्व सांसद विजय इंदर सिंगला ने टिकट के लिए दावा ठोका है। वह यहां के ही रहने वाले हैं। उनके पिता दिवंगत संतराम सिंगल पटियाला संसदीय सीट के तहत समाना विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस से विधायक रह चुके थे। इसके अलावा राजपुरा से पूर्व विधायक हरदयाल कंबोज को संभावित खिलाड़ी के रूप में देखा जा रहा है। हरदयाल कंबोज दो बार विधायक रह चुके हैं।
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शिअद लंबे समय से नहीं जीत पाई चुनाव
कैप्टन परिवार के अलग होने से कांग्रेस के लिए मुश्किल पैदा हो गई है। आप से कैबिनेट मंत्री डॉ. बलबीर सिंह के नाम की चर्चा है। डॉ. बलबीर ने पंजाब के पिछले विधानसभा चुनाव में परनीत कौर के करीबी पूर्व मेयर संजीव शर्मा बिट्टू को हराया था। महिलाओं को पेंशन देने जैसे चुनावी वादे पूरे न करने के कारण लोग आप से नाराज हैं। शिअद से सुरजीत सिंह रखड़ा का नाम चर्चा में है। शिअद यहां से लंबे समय तक लोकसभा चुनाव जीत नहीं सकी है। भाजपा से गठबंधन टूटना भी इसके लिए नुकसानदायक साबित होगा।
साल 2014 और 2019 का चुनावी मूड
साल 2014 की अगर बात करें तो पटियाला की सीट पर आम आदमी पार्टी के डॉ. धर्मवीर गांधी को शानदार जीत मिली थी। वहीं, साल 2016 में पार्टी से बगावत करने के कारण AAP ने उन्हें निलंबित कर दिया था। वहीं, साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पटियाला सीट से कांग्रेस ने बाजी मारी। कांग्रेस की परनीत कौर ने शिरोमणि अकाली दल के सुरजीत सिंह को 2 लाख से ज्यादा मतों से मात दी थी।
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पटियाला का इतिहास
पेग, पगड़ी और परांदे के लिए मशहूर पटियाला में मुगल, राजपूत और पंजाबी कल्चर का मिश्रित संगम देखने को मिलता है। 18 वीं शताब्दी में मुगलों के पतन के बाद इलाके में राजनीतिक शून्यता आ गई। पंजाब में सिख मिसलदारों ने मराठों और अफगानों दोनों के मंसूबों को नाकामयाब कर दिया। 1763 में बाबा आला सिंह ने किला मुबारक के नाम से पहचान रखने वाले पटियाला किले की नींव रखी, जिसके चारों ओर वर्तमान पटियाला शहर बनाया गया है। बाबा आला सिंह को ही पटियाला शहर का संस्थापक कहा जाता है, जो सिखों की स्वतंत्र रियासतों में से एक है।
एक नजर में पटियाला
क्षेत्रफल- 3222 वर्ग किमी
कुल जनसंख्या- 18,96,210
- पुरुष 10,02,794
- महिला 8,93,416
प्रति हजार पुरुषों पर महिलाएं- 891
प्रतिशत साक्षरता- 75.3
पटियाला में धर्म के आधार पर जनसंख्या
- हिंदू जनसंख्या 783306
- सिख 1059944
- मुसलमान 40043
- ईसाई 5683
- अन्य 6710
(आंकड़े साल 2011 के अनुसार)
पटियाला सीट पर अब तक चुने गए ये सांसद (साल 1952 से 2019 तक)
साल | चुने गए सदस्य | दल |
1952 | राम प्रताप गर्ग | इंडियन नेशनल कांग्रेस |
1957 | लाला अचिंत राम | इंडियन नेशनल कांग्रेस |
1962 | सरदार हुकम सिंह | इंडियन नेशनल कांग्रेस |
1967 | महारानी मोहिंदर कौर | इंडियन नेशनल कांग्रेस |
1971 | सतपाल कपूर | इंडियन नेशनल कांग्रेस |
1977 | गुरचरण सिंह टोहड़ा | शिरोमणि अकाली दल |
1980 | कैप्टन अमरिन्दर सिंह | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1984 | चरणजीत सिंह वालिया | शिरोमणि अकाली दल |
1989 | अतिन्दर पाल सिंह | स्वतंत्र |
1991 | संत राम सिंगला | इंडियन नेशनल कांग्रेस |
1996 | प्रेम सिंह चंदूमाजरा | शिरोमणि अकाली दल |
1998 | प्रेम सिंह चंदूमाजरा | शिरोमणि अकाली दल |
1999 | परनीत कौर | इंडियन नेशनल कांग्रेस |
2004 | परनीत कौर | इंडियन नेशनल कांग्रेस |
2009 | परनीत कौर | इंडियन नेशनल कांग्रेस |
2014 | धरम वीर गांधी | आम आदमी पार्टी |
2019 | परनीत कौर | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |