Chandigarh कांग्रेस में नहीं थम रहा बवाल, अब महिला महासचिव ज्योति हंस ने छोड़ी कांग्रेस; थाम सकती हैं BJP का 'कमल'
Chandigarh Politics चंडीगढ़ महिला कांग्रेस की महासचिव ज्योति हंस ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से बुधवार यानी आज इस्तीफा दे दिया है। इस बात की जानकारी उन्होंने एक पत्र के माध्यम से दी। उन्होंने पत्र में इस्तीफे की वजह कांग्रेस नेता पवन कुमार बंसल के साथ अनादर व्यवहार बताया। इसी के साथ उन्होंने चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष एचएस लक्की को चंडीगढ़ यूनिट को बिखेरने से जुड़ी बात भी लिखी।
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। कांग्रेस में अभी नाराज नेताओं का बवाल शांत नहीं हुआ है। दो पार्षदों गुरप्रीत सिंह गाबी (Gurupreet Singh Gabi) और सचिन गालव (Sachin Galav) ने पवन कुमार बंसल को टिकट न दिए जाने के विरोध में समर्थकों के साथ बैठक की।
गाबी पार्टी के उपाध्यक्ष, जबकि गालव एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष हैं। इसके अलावा कांग्रेस के प्रदेश सचिव ओम प्रकाश सैनी और महिला कांग्रेस महासचिव ज्योति हंस (Jyoti Hans) ने भी पवन बंसल को टिकट न मिलने पर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
सैनी ने भी बुधवार को अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है। बता दें, मनीष तिवारी को पार्टी प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से 150 से अधिक पार्टी पदाधिकारी अपने पदों से इस्तीफा दे चुके हैं। बंसल भी तिवारी के चुनाव प्रचार से दूर हैं।
11 साल से जुड़ी हुई थी हंस
महिला कांग्रेस की महासचिव ज्योति हंस ने पिछले 11 साल से पार्टी में सक्रिय कार्यकर्ता और विभिन्न विभिन्न पदों पर कार्य किया उन्होंने आज कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता सदस्य से इस्तीफा बुधवार सुबह दिल्ली भेज दिया है।सैनी और ज्योति बुधवार दोपहर सेक्टर-25 में अपने समर्थकों के साथ बैठक करेगी और भाजपा में शामिल होगी।
कांग्रेस से नाराजगी जाहिर करते हुए हंस ने कहा की जब से लक्की प्रधान बने हैं तब से पार्टी में महिलाओं की कोई भी सुरक्षा और सम्मान नहीं है।
इतना कुछ कांग्रेस कार्यालय में होता रहा लेकिन आज जब महिला ने आवाज उठाई तो महिला कांग्रेस की अध्यक्ष दीपा दुबे को ही पद से हटा दिया।
यह चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष लक्की की असफलता का कारण है। उनकी सरपरस्ती में कांग्रेस खंड खंड हों रही है उनके सामने रही। मुझे चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष के उपर शक है कि राजनीतिक विपक्षी पार्टियों से मिली भगत और अपने निजी स्वार्थ के लिए कांग्रेस को तहस-नहस कर रहे हैं।
लक्की भूल गए हैं कि पार्टी के कार्यकर्ता ही पार्टी को चुनाव में विजय दिलवाते हैं जिस तरीके से नाराज कार्यकर्ताओं पर टिप्पणी दे रहे हैं उनसे यह साफ होता है कि उनको पुराने कार्यकर्ताओं की कोई जरूरत नहीं है।
पांच मई को कार्यकर्ता सम्मेलन
बंसल को टिकट न दिए जाने से नाराज पार्षद गाबी व गालव सेक्टर-44 में अपने समर्थकों के साथ बैठक की थी बैठक में सभी ने एक स्वर में अगला फैसला पार्षद गुरप्रीत गाबी छोड़ा। इस दौरान निर्णय लिया गया कि पांच मई को कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
बैठक में गाबी और गालव को मिलाकर कुल तीन पार्षदों ने भाग लिया, जबकि पार्टी के कुल सात पार्षद हैं। समर्थकों के अनुसार अगर गाबी पार्टी में रहते है या छोड़ते हैं तो वह उनके साथ ही रहेंगे। हालांकि गाबी का कहना है कि वह पार्टी नहीं छोड़ेंगे। वह पार्टी के भीतर रहकर ही अपना विरोध दर्ज कराएंगे।
विरोधियों को दी जा रही है अहमियत
बैठक में कांग्रेस के मौजूदा हालत और चुनाव को लेकर सभी नाराज साथियों व पदाधिकारियों के साथ चर्चा हुई। सभी ने कहा कि वह वर्षों से पार्टी के साथ जुड़े हैं व दिन-रात पार्टी के लिए काम किया है, लेकिन आज पार्टी के अंदर उन्हें कोई पूछ नहीं रहा।
जिन लोगों ने नगर निगम चुनाव में पार्टी के प्रत्याशियों का विरोध किया उन्हें ज्यादा अहमियत दी जा रही है। इस कारण से हर रोज़ पार्टी के कार्यकर्ता कांग्रेस छोड़ कर दूसरे दलों में जा रहे हैं।
नाराज नेताओं को मनाया जाना चाहिए था
बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि जिन नाराज नेताओं ने पद से इस्तीफा दिया उन्हें पार्टी हाईकमान की ओर से मनाया जाना चाहिए था, लेकिन इसके विपरीत पार्टी के कुछ नेता नाराज़ लोगों के ख़िलाफ बयान देते रहे, जिस कारण दुखी हो कर कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ना ही उचित समझा।
एनएसयूआइ के अध्यक्ष सचिन गालव ने कहा कि यूथ कांग्रेस व एनएसयूआइ पार्टी की रीढ़ हैं, लेकिन इस चुनाव में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जा रही है।
यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष दीपक लुबाना व उनके स्टेट की टीम, ज़िला अध्यक्षों, वार्ड अध्यक्षों व उनकी टीम किसी से भी बात करने की कोशिश तक नहीं की गई।
आज मन हैं दुखी है: गाबी
गाबी ने कहा आज सभी का मन बहुत दुखी है, सभी कार्यकर्ता परेशान हैं, लेकिन विपरीत परिस्थितियों में ही एक सच्चे कार्यकर्ता व नेता का किरदार निखर कर सामने आता है। उन्होंने कहा कि सभी पार्षद व पदाधिकारी पार्टी के साथ हैं। उनका विरोध प्रत्याशी या पार्टी को लेकर नहीं है। कार्यकर्ता अनदेखी से दुखी हैं।
बंसल के करीबी हैं पार्टी छोड़ने वाले सैनी
वार्ड नंबर-7 से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार रहे दलिता नेता ओम प्रकाश सैनी ने प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। सैनी ने पिछला नगर निगम चुनाव मौलीजागरा सीट से लड़ा था उस समय 6,317 वोट हासिल किए थे। सैनी पार्टी के प्रदेश सचिव भी थे।
सैनी पवन कुमार बंसल के करीबी हैं और बंसल को टिकट न मिलने से नाराज चल थे। ओम प्रकाश सैनी ने बुधवार सेक्टर-25 में अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है, जिसके बाद आगामी निर्णय की घोषणा की जाएगी। सैनी के भाजपा में शामिल होने की संभावना है।
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