Farmers Protest: किसान ट्रैक पर, बेपटरी हुआ पर्यटन, होटल व टैक्सी चालकों का कारोबार
किसानों की ओर से नौ दिन से पटियाला के शंभू रेलवे स्टेशन पर रेल ट्रैक पर दिए जा रहे धरने की वजह से राज्य में पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है। हालात ऐसे हो गए हैं कि होटलों में पर्यटकों की ओर से करवाई गई बुकिंग कैंसल करवाने से होटल खाली हो गए हैं। यही नहीं इसका व्यापार भी बहुत बुरा असर पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर। किसानों की ओर से नौ दिन से पटियाला के शंभू रेलवे स्टेशन पर रेल ट्रैक पर दिए जा रहे धरने की वजह से राज्य में पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है। हालात ऐसे हो गए हैं कि होटलों में पर्यटकों की ओर से करवाई गई बुकिंग कैंसल करवाने से होटल खाली हो गए हैं।
यही नहीं, इसका व्यापार भी बहुत बुरा असर पड़ रहा है। पर्यटकों की कमी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमृतसर स्थित श्री हरिमंदिर साहिब के दर्शन के लिए जहां प्रतिदिन डेढ़ लाख के करीब श्रद्धालु पहुंचते थे, उनकी संख्या कम होकर 75 हजार रह गई है। यही नहीं, अंतरराष्ट्रीय अटारी सीमा पर रिट्रीट सेरेमनी पर भी इसका प्रभाव देखने को मिला रहा है, वहां 25 हजार की क्षमता वाली दर्शकदीर्घा में इन दिनों आठ से दस हजार दर्शक ही पहुंच रहे हैं।
बता दें कि किसान हरियाणा सरकार की ओर से उनके पकड़े गए तीन साथियों की रिहाई के लिए रेल ट्रैक पर पक्का धरना लगाकर बैठ गए हैं। उनके धरने की वजह से अमृतसर-दिल्ली मुख्य ट्रैक बंद होने के कारण ट्रेनें लगातार प्रभावित हो रही हैं। वीरवार को 108 ट्रेनें प्रभावित हुईं। इनमें से 40 ट्रेनों को रद करना पड़ा और 64 ट्रेनों को रूट डायवर्ट कर चलाना पड़ा।
850 से ज्यादा होटल, अधिकतर पड़े खाली
फेडरेशन आफ होटल एंड गेस्ट हाउस के प्रधान सुरिंदर सिंह ने बताया कि अमृतसर में 850 से ज्यादा होटल हैं और यहां नई बुकिंग नहीं आ रही है। पहले से ही जो बुकिंग थी, वह भी रद हो चुकी है। 90 प्रतिशत होटल खाली पड़े हुए हैं। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधीन चलने वाले यात्री निवासों (सराए) की बुकिंग भी तेजी से कैंसिल हो रही है। इसी तरह शहर की फूड इंडस्ट्री पूरी तरह से पर्यटकों पर निर्भर है। पर्यटकों के न आने के कारण रेस्त्रां के कारोबार में 70 प्रतिशत से ज्यादा की कमी आई है।
टैक्सी चालक हुए बेरोजगार
पर्यटकों की आमद न होने के कारण जिन लोगों ने शहर में घूमने के लिए अलग-अलग ट्रेवल एजेंटों के जरिए टैक्सियां बुक करवाई थीं। उनकी बुकिंग भी रद्द हो गई है। ऐसे में टैक्सी चालकों का रोजगार ही खत्म हो गया है।
पंजाब को निगेटिव लिस्ट में डालने लगे कारोबारी
किसान आंदोलनों और प्रदर्शनों का असर पंजाब के कारोबार पर भी पड़ने लगा है। कारोबारियों के मुताबिक विदेशी ग्राहकों के साथ-साथ कई राज्यों की बड़ी कंपनियों का पंजाब से मोह भंग हो रहा है। विदेशी कंपनियां राज्य में अस्थिरता देखकर अन्य राज्यों को प्राथमिकता देने लगी हैं। इन प्रदर्शनों के चलते पंजाब के उद्योग को निगेटिव लिस्ट में डाला जा रहा है। इससे आने वाले समय में इंडस्ट्री की ग्रोथ में बाधा आ सकती है।