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आस्तिक हूं अंधविश्वासी नहीं

नवरात्र के दौरान स्टार प्लस नया शो ‘ढाई किलो प्रेम’ ला रहा है। शो में अंजलि आनंद एक मोटी लड़की का किरदार निभा रही हैं। वह कहती हैं कि ईश्वर में मेरी आस्था है, लेकिन मैं अंधविश्वासी नहीं हूं...

By Srishti VermaEdited By: Published: Sat, 25 Mar 2017 02:18 PM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2017 11:53 AM (IST)
आस्तिक हूं अंधविश्वासी नहीं
आस्तिक हूं अंधविश्वासी नहीं

आगरा की पृष्ठभूमि में रची यह अनूठी प्रेम कहानी है। मोटापे को लेकर नायिका दीपिका को कोई कांप्लेक्स नहीं है। वह आत्मविश्वास से परिपूर्ण और हंसमुख है। वहीं नायक पीयूष में मोटापे को लेकर ग्लानि है। वह एक दुबली और छरहरी लड़की से शादी करना चाहता है। उसके अरमान अधूरे रह जाते हैं, जब उसकी दीपिका से शादी हो जाती है। वहां से दोनों की एक-दूसरे में प्यार और आत्मविश्वास खोजने की कहानी प्रारंभ होती है। नीरज बालियां निर्देशित यह शो तीन अप्रैल से दोपहर दो बजे प्रसारित होगा। शो में दीपिका का किरदार अंजलि आनंद निभा रही हैं। यह उनका पहला टीवी शो है। इससे पहले वह वेब सीरीज ‘अनटैग’ कर चुकी हैं। वह प्लस साइज कपड़ों की ब्रांड अंबसेडर भी हैं।

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नवरात्रि में होती हूं शाकाहारी
अंजलि बातचीत की शुरुआत नवरात्र से करती हैं। उनके शब्दों में, ‘मैं आस्तिक हूं, लेकिन अंधविश्वासी नहीं। मेरा मानना है कि कमजोर इच्छाशक्ति और मानसिक रूप से कमजोर लोग ही अंधविश्वास के जाल में फंसते हैं। वे ढोंगी लोगों की बातों में आसानी से आ जाते हैं। इंसान को कर्म में यकीन रखना चाहिए। आस्था और अंधविश्वास में फर्क को समझना चाहिए। हम खालिस पंजाबी हैं। हमें रोजाना नॉनवेज खाना पसंद है। नवरात्र पर हम विशुद्ध शाकाहारी हो जाते हैं। उन दिनों घर का माहौल भक्तिमय हो जाता है। हमारे यहां पूरे नौ दिन नवरात्र की विधिवत पूजा-अर्चना होती है। मेरी मां साठ साल की उम्र में भी उपवास रखती हैं। अष्टमी के दिन वह कंचिका खिलाती हैं। इसके लिए पूड़ी, खीर, चने समेत कई चीजें बनाती हैं। मैं उन्हें चाव से खाती हूं।

शो से जुड़ना फिल्म सरीखा
मुंबई में पली-बढ़ी अंजलि हमेशा से एक्टर बनना चाहती थीं। शो से जुड़ने की उनकी कहानी फिल्म सरीखी है। वह कहती हैं, ‘मैं छह फीट लंबी और हृष्ट-पुष्ट हूं। अपनी कद-काठी को देखते हुए मैंने सोचा नहीं था कि मैं टीवी शो करूंगी। मुझे लगा था कि टीवी पर मेरी स्वीकारोक्ति नहीं होगी। दरअसल, टीवी पर दुबई-पतली लड़कियां ही केंद्रीय भूमिकाओं में होती हैं। मोटी लड़कियां उनकी सहेली या कॉमेडी के लिए उपयुक्त समझी जाती हैं। मैं उस मिजाज के किरदार नहीं निभाना चाहती थी। हालांकि इसका अर्थ यह कदापि नहीं कि वे रोल अर्थहीन होते हैं। मुझे लोगों को इंस्पायर करना है कि आप जैसे हैं अच्छे हैं। अपने हुनर को अपना हथियार बनाओ और उसके दम पर आगे बढ़ो। आप कैसे दिखते हैं इसकी चिंता मत करिए। सफलता आपके कदम चूमेगी। मैं शादी और अन्य समारोहों के लिए कोरियोग्राफी करती थी। एक दिन मुंबई के एक रेस्त्रां में किसी का इंतजार कर रही थी। उसी दौरान शो के निर्माता संदीप सिकंद मेरे पास आए। उन्होंने अपना परिचय दिया और बताया कि एकता कपूर के प्रोडक्शन हाउस में क्रिएटिव विभाग से जुड़े हैं। अपना शो बना रहे हैं। उसके लिए लीड एक्ट्रेस की तलाश में हैं। उन्होंने किरदार सुनाया। उसे सुनने पर खुशी हुई कि यह लोगों को प्रेरणा देगा। उसी दिन मैंने अपना ऑडिशन दिया और मेरा चयन हो गया।

समस्याओं से हूं वाकिफ
शो को लेकर अंजलि ने अपना वजन करीब 15 किग्रा बढ़ाया है। वह मोटापे से ग्रस्त लड़कियों की समस्या से वाकिफ हैं। बकौल अंजलि, ‘मुझे लगता है सुबह उठकर आईना देखने के साथ ओवरवेट लड़कियों के साथ समस्या शुरू हो जाती है। वे उन लोग की नजरों से खुद को देखती हैं जो उन पर ताने कसते हैं और कमतर दिखाने की कोशिश करते हैं। उनके पैरेंट्स भी दूसरे के साथ उनकी तुलना करते हैं। स्कूली दिनों में मैं काफी मोटी हुआ करती थी, लेकिन कॉलेज के दौरान फिट हो गई थी। हालांकि मोटापे को लेकर मुझ पर कभी किसी ने टीका टिप्पणी नहीं की है। दरअसल, मैं उस प्रकार की वाइब्ज नहीं देती। अपने मोटापे का रोना नहीं रोती हूं। लिहाजा लोग उस किस्म की बात ही नहीं करते हैं।

शो से बदलनी है मानसिकता
अंजलि स्वीकारती हैं कि मोटे लोगों को गंभीरता से नहीं लिया जाता। वह कहती हैं, प्रोमो आने के पहले मैं किसी को बताती कि शो कर रही हूं तो कोई गंभीरता से नहीं लेता। प्रोमो आने के बाद सबका रंग गिरगिट की तरह बदला। सब मेरी तारीफ करते नहीं उकता रहे हैं। मैं चाहती हूं शो से मोटे लोगों के प्रति लोगों की मानसिकता बदले। वे फिजिकल एपीयरेंस से किसी की योग्यता या क्षमता को न आंके।

शादी में रोड़ा है मोटापा
अंजलि कहती हैं, ‘मोटी लड़कियों की शादी को लेकर उनके परिजन चिंतित रहते हैं। दीपिका की मां भी उससे अछूती नहीं हैं। वह वजन घटाने को लेकर दीपिका पर दबाव बनाती हैं। वहीं उसके पिता कहते हैं दूसरों के लिए बदलो मत। अगर कोई तुम्हें हमसफर बनाएगा तो तुम्हारी खूबियों और खामियों के साथ स्वीकार करेगा। लड़का अगर दीपिका पादुकोण जैसी हमसफर पाने की ख्वाहिश रखता है तो लड़की भी शाहरुख खान जैसा। अगर तुम शाहरुख सरीखे नहीं हो तो दीपिका पादुकोण जैसी लड़की पाने की उम्मीद मत रखो। मेरे हिसाब से शादी के लिए अहम है स्वभाव। बाहरी खूबसूरती उम्र के साथ फीकी पड़ जाएगी, जबकि अंदरूनी गुण यथावत रहेंगे। काफी लड़के मोटी लड़की को नजरअंदाज करते हैं। यह उचित नहीं। बचपन से हमें बच्चों को सिखाना चाहिए कि इंसान को स्वभाव से परखो, शारीरिक संरचना देखकर नहीं।

दस साल से पहन रही हूं नथ
शो में दीपिका छोटी सी नथ पहने नजर आएंगी। इसके बाबत वह कहती हैं, मैं पिछले दस साल से उसे पहन रही हूं। पायलट शो के दौरान नथ पहनने को लेकर सहमति नहीं बनी थी। उन्हें लगा मैं पहले से अलग दिखती हूं। अब नथ नहीं पहना सकते। मैंने नथ पहने रखने को लेकर काफी मिन्नतें की। खैर, चैनल को भी उस पर कोई एतराज नहीं हुआ। मुझे लग रहा था कि नथ उतार दी तो नाक का छेद बंद हो जाएगा।

शो बाद भी नहीं होना पतला
मुझे कभी भी छरहरी नहीं होना है। मुझे दुनिया के हिसाब से नहीं दिखना है। मुझे हमेशा फिट रहना है। मुझे वर्कआउट करना पसंद है। शो के बाद उस पर ध्यान केंद्रित करना है।

-योगिता यादव

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