यात्रा प्रतिबंध पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे ट्रंप
अमेरिका के अटॉर्नी जनरल जेफ सेसंस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति के आदेश का जोरदार तरीके से बचाव किया जाएगा।
वाशिंगटन, आइएएनएस। मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों की अमेरिका यात्रा पर लगाए गए प्रतिबंध पर निचली अदालत के फैसले को ट्रंप सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। यह कदम वर्जीनिया के सर्किट कोर्ट ऑफ अपील द्वारा राष्ट्रपति के शासकीय आदेश पर 10-3 के बहुमत से रोक लगाने के बाद उठाया गया है। ट्रंप ने कार्यकारी आदेश जारी कर छह मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों के अमेरिका आने पर प्रतिबंध लगाया था।
अमेरिका के अटॉर्नी जनरल जेफ सेसंस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति के आदेश का जोरदार तरीके से बचाव किया जाएगा। उन्होंने कहा, 'कानून विभाग कार्यपालिका की शक्तियों और इस देश की जनता को खतरे से बचाने के उसके दायित्वों का जोरदार तरीके से बचाव करना जारी रखेगा। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट से निचली अदालत के फैसले की समीक्षा करने को कहा जाएगा।
राष्ट्रपति ट्रंप का शासकीय आदेश देश को सुरक्षित रखने के कानूनी अधिकार के दायरे में है।' उनका यह बयान वर्जीनिया की अपीलीय अदालत द्वारा गुरुवार को दिए फैसले के कुछ घंटों बाद आया है। ट्रंप ने सबसे पहले 27 जनवरी को यात्रा प्रतिबंध को लेकर आदेश जारी किया था। कोर्ट द्वारा रोके जाने के बाद राष्ट्रपति ने छह मार्च को संशोधित आदेश जारी किया था। इसमें ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन के नागरिकों के अमेरिका प्रवेश पर रोक लगा दिया गया था।
कोर्ट की सख्त टिप्पणी
अपील कोर्ट ने ट्रंप के शासकीय आदेश पर रोक लगाने वाले मैरीलैंड के फेडरल कोर्ट के 16 मार्च के फैसले को बरकरार रखा है। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी भी की है। अपील कोर्ट के मुख्य जज रोजर ग्रेगरी ने गुरुवार को कहा, 'कांग्रेस ने बाहरी लोगों को देश में घुसने से रोकने को लेकर विस्तृत अधिकार दिया है, लेकिन यह अनन्य नहीं है। यह अनियंत्रित नहीं हो सकता है, खासकर उस स्थिति में जब राष्ट्रपति शासकीय आदेश के द्वारा इसे लागू करने पर देश भर के लोगों को अपूर्णीय क्षति हो।' कोर्ट ने अपने फैसले में ट्रंप द्वारा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान मुस्लिमों को प्रतिबंधित करने की घोषणा का भी उल्लेख किया।
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