सिक्योरिटी स्टेटमेंट! 12 से 14 साल की उम्र में यहां लड़कियां चेहरे पर बनवाती थीं टैटू
म्यांमार में रहने वाली महिलाएं अपने चेहरे पर टैटू बनवाती हैं। ताकि वह खुद को सुरक्षित रख सकें।
मर्दो की गंदी नजर से बचने के लिए
युवाओं में टैटू बनवाने का शौक काफी दिनों से चला आ रहा है। लड़के हो या लड़कियां हर कोई टैटू बनवाकर फैशन की दौड़ में शामिल होना चाहता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पहले भी लोग टैटू बनवाते थे? म्यांमार में रहने वाली महिलाएं अपने चेहरे पर टैटू बनवाती थी, लेकिन वो ऐसा क्यों करती थी। आखिर क्या था कारण। जी हां, म्यांमार में रहने वाली आदिवासी महिलाएं अपने चेहरे को मर्दो की गंदी नजर से बचाने के लिए चेहरे पर खतरनाक टैटू बनवाती थी। दरअसल बर्मा के राजा की गुलामी से बचने के लिए महिलाएं ऐसा किया करती थी।
12 से 14 साल की उम्र में बनवाती थीं टैटू
1960 के बाद इस जनजाति की महिलाओं को 12 से 14 साल की उम्र के बीच अपने चेहरे पर टैटू बनवाना होता था। अब यह परंपरा खत्म हो चुकी है। म्यामांर की सरकार ने इस परंपरा को बंद करवाने के कई प्रयास किए। यहां पर रहने वाले कुछ लोग इस परंपरा को रोकने के खिलाफ भी थे। वहीं, कुछ लोगों ने इस परंपरा पर रोक लगाने के फैसले का स्वागत किया।
अब मिल गया छुटकारा
आज भी इस इलाके की बुजुर्ग महिलाओं के चेहरे पर उस समय बनाये गये टैटू देखने को मिलते है। नई पीढ़ी के लगातार विरोध के बाद इस परंपरा से लोगों को हमेशा के लिए छुटकारा मिल गया। सिर्फ म्यांमार में ही नही बल्कि बहुत से अन्य देशों में भी खुद को यौन उत्पीडऩ से बचाने के लिए महिलाएं ऐसे तरीके अपनाती थी।