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75 साल बाद 94 वर्ष की उम्र में बना ग्रेजुएट

पढऩे की कोई उम्र सीमा नहीं होती है! इसे 94 साल के एक अमेरिकी नागरिक ने साबित कर दिखाया है। करीब 75 साल के प्रयास के बाद वह अब जाकर स्नातक बनेंगे। मोर्गनटाउन के एंïथोनी ब्रुटो ने 1939 में वेस्ट वर्जीनिया यूनिवर्सिटी (डब्ल्यूवीयू) में दाखिला लिया और इंजीनियङ्क्षरग की पढ़ाई शुरू

By Babita kashyapEdited By: Published: Mon, 11 May 2015 12:54 PM (IST)Updated: Mon, 11 May 2015 12:56 PM (IST)

वाशिंगटन। पढऩे की कोई उम्र सीमा नहीं होती है! इसे 94 साल के एक अमेरिकी नागरिक ने साबित कर दिखाया है। करीब 75 साल के प्रयास के बाद वह अब जाकर स्नातक बनेंगे।

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मोर्गनटाउन के एंïथोनी ब्रुटो ने 1939 में वेस्ट वर्जीनिया यूनिवर्सिटी (डब्ल्यूवीयू) में दाखिला लिया और इंजीनियङ्क्षरग की पढ़ाई शुरू की। यह विषय कठिन लगने पर उन्होंने शारीरिक शिक्षा और फिर औद्योगिक कला की ओर रुख किया। 1942 में जब वह स्नातक पूरा करने के करीब थे तो उन्हें सेना की वायु कोर ईकाई में सेवा के लिए बुला लिया गया। इसमें वह द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति तक रहे। 1946 में ब्रुटो ने दोबारा डब्ल्यूवीयू में नामांकन कराया। लेकिन वह फिर स्नातक की पढ़ाई पूरी करने में विफल रहे। इस बार उनकी पढ़ाई के आड़े उनकी पत्नी की बीमारी आ गई। आखिरकार 75 साल के प्रयास के बाद अब जाकर उन्हें सफलता मिली है। ब्रुटो डब्ल्यूवीयू से इतिहास में स्नातक की डिग्री पाने वाले सबसे उम्रदराज व्यक्ति होंगे। वह 17 मई को डिप्लोमा पाने वाले उन 4500 छात्रों में शामिल होंगे जिन्हें रीजेंट्स बैचलर ऑफ आट्र्स की डिग्री प्रदान की जाएगी।


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