बेमौसम की बारिश से फसल बर्बाद, सदमें से पांच किसानों की मौत
फाल्गुन में हुई बेमौसम बारिश ने होलिका से पहले किसानों के दिल जला दिए। खेत में तैयार खड़ी फसल तबाह होने से किसान बर्बादी के कगार पर आ पहुंचा तो मौसम की मार से सर्दी ने भी दोबारा दस्तक दे दी।
नई दिल्ली । फाल्गुन में हुई बेमौसम बारिश ने होलिका से पहले किसानों के दिल जला दिए। खेत में तैयार खड़ी फसल तबाह होने से किसान बर्बादी के कगार पर आ पहुंचा तो मौसम की मार से सर्दी ने भी दोबारा दस्तक दे दी। उत्तर प्रदेश में हुई जोरदार बारिश के साथ ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को व्यापक नुकसान हुआ है। प्रदेश में गेहूं के कुल रकबे की करीब 50 फीसद फसल को बारिश व तेज हवाओं ने सुला दिया। बर्बाद फसल देख प्रदेश में पांच किसानों की मौत हो गई। बारिश का यह सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा।
गेहूं के अलावा अन्य फसलों की भी भारी तबाही के चलते इस बार कृषि उत्पादन में गिरावट के आसार बन गए हैं। मंगलवार को लखनऊ सहित आसपास के क्षेत्रों में बादल छाए रहे और कई जिलों में हल्की व तेज बारिश हुई। बाराबंकी में ओला पड़ने से फसलों को फिर नुकसान हुआ। यहां खेत में तैयार खड़ी गेहूं, सरसों, आलू, पोस्ता आदि फसलें तबाह हो गई। ओले की मार से केले के पत्ते फट गए, जिससे किसानों की मोटी आमदनी का जरिया भी बंद होता दिख रहा है। हमीरपुर जिले में चौपट फसल देख सदमे से दो किसानों की जान चली गई।
आगरा व मथुरा में भी बर्बाद फसल देख दो किसानों को सीने में दर्द हुआ और उपचार के बाद मंगलवार को मौत हो गई। अलीगढ़ में भी एक किसान सदमे का शिकार बना, जबकि आगरा में एक की हालत गंभीर है। मंगलवार को उन्नाव जिले में आकाशीय बिजली गिरने से दंपति की मौत हो गई। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में होली के बाद भी बारिश का यह तेवर बरकरार रह सकता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी बारिश का कहर मंगलवार को जारी रहा और आगरा में सोमवार रात से शुरू हुई बारिश मंगलवार सुबह तक चली। यहां लगातार बारिश से आलू उत्पादन पर भी असर हुआ है।
एक जवान लापता, पांच घायल
पहाड़ी राज्यों पर मौसम की मार मंगलवार को भी जारी रही। उत्तराखंड में बारिश व भारी बर्फबारी के बीच पिथौरागढ़ जिले की धारचूला तहसील के उच्च हिमालयी क्षेत्र छियालेख में हिमस्खलन की चपेट में आकर सेना के दो जवानों की मौत हो गई। सोमवार रात हुई इस घटना में कुमाऊं स्काउट की चौकी पर हिमस्खलन की बर्फ आ गिरी, जिसमें आठ जवान दब गए। इसमें से दो की मौत हो गई, एक लापता है, जबकि पांच घायल हुए हैं। मौसम खराब होने से बचाव कार्य में भी मुश्किल आ रही है। दो बार उड़ान भरने के बावजूद सेना के हेलीकॉप्टर को आधे रास्ते से लौटना पड़ा। बचाव दल ने दोनों जवानों के शव और घायल जवानों को निकाल लिया है। इसके अलावा बागेश्वर स्थित कपकोट में बारिश के चलते भूस्खलन से एक मकान ध्वस्त हो गया और हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई।
हिमाचल प्रदेश में भी मंगलवार को बारिश- बर्फबारी का दौर चलता रहा। किन्नौर जिले के सांगला में एक व्यक्ति की ठंड से जान गई, जबकि चंबा जिले में मकान पर चट्टान गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। प्रदेश में दूसरे दिन भी 170 से अधिक बस रूट बाधित रहे, जिसमें दो हजार से अधिक वाहन फंसे हैं। जम्मू-कश्मीर में भी बिगड़े मौसम से जनजीवन प्रभावित रहा। श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग दूसरे दिन भी बंद रहा, जबकि बनिहाल- बारामूला रेल सेवा ठप होने से घाटी का शेष भारत से संपर्क कट गया। हालांकि मंगलवार को मौसम में थोड़ा सुधार आया और निचले इलाकों में बर्फबारी का सिलसिला थमने से हवाई यात्रा बहाल हो गई। यहां हिमस्खलन व बर्फीले तूफान का खतरा अभी बरकरार है।
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