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सुप्रीमकोर्ट ने बढ़ाया दुर्घटना में हुई मौत का मुआवजा

सुप्रीमकोर्ट ने दुर्घटना में हुई मौत के मामले में हाईकोर्ट की कटौती रद कर मृतक के परिजन को पूरा मुआवजा देने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने दुर्घटना के इस मामले में दोनों ड्राइवरों की साझा गलती मानते हुए मुआवजा राशि 6 लाख 21 हजार से घटा कर आधी कर

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2015 08:46 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2015 08:52 PM (IST)
सुप्रीमकोर्ट ने बढ़ाया दुर्घटना में हुई मौत का मुआवजा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने दुर्घटना में हुई मौत के मामले में हाईकोर्ट की कटौती रद कर मृतक के परिजन को पूरा मुआवजा देने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने दुर्घटना के इस मामले में दोनों ड्राइवरों की साझा गलती मानते हुए मुआवजा राशि 6 लाख 21 हजार से घटा कर आधी कर दी थी।

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ये आदेश मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू व न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की पीठ ने मृतक ड्राइवर की पत्नी की याचिका स्वीकार करते हुए जारी किये। यह मामला उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में रहने वाले 37 वर्षीय ट्रक ड्राइवर प्रभुनाथ की मौत का था।

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प्रभुनाथ 2009 में ट्रक लेकर कोलकाता जा रहा था उड़ीसा में संभलपुर के पास विपरीत दिशा से तेज रफ्तार में आ रहे दूसरे ट्रक ने प्रभुनाथ के ट्रक को जोर दार टक्कर मारी। इस दुर्घटना में प्रभुनाथ गंभीर रूप से घायल हुआ और 11 दिन बाद उसकी मौत हो गई। प्रभुनाथ की पत्नी कुसुम और छह साल के बेटे में मोटर दुर्घटना ट्रिब्युनल में मुआवजे के लिए दावा दाखिल किया। दुर्घटना के समय दोनों ट्रकों का बीमा ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी का था। ट्रिब्युनल ने अपने फैसले में कहा कि दुर्घटना में दोनों ड्राइवरों की गलती थी इसलिए बीमा कंपनी को 50 - 50 फीसद मुआवजा देना होगा। ट्रिब्युनल ने प्रभुनाथ की मौत के लिए बीमा कंपनी को प्रभुनाथ के परिजनों को 621500 रुपये मुआवजा अदा करने का आदेश दिया। लेकिन हाईकोर्ट ने यह कहते हुए मुआवजे की राशि घटा कर आधी कर दी कि जब दुर्घटना में दोनों की बराबरी की गलती थी तो फिर मुआवजे की पूरी राशि मृतक के परिवार को कैसे दी जा सकती है। हाईकोर्ट ने मुआवजा घटा कर 310750 रुपये कर दिया।

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प्रभुनाथ की पत्नी ने सुप्रीमकोर्ट में याचिका दाखिल कर मुआवजे की पूरी राशि दिलाए जाने की मांग की। कुसुम के वकील राजकुमार गुप्ता ने कहा कि दुर्घटना में दोनों पक्षों की बराबरी की गलती नहीं थी। उनके पति की दुर्घटना में मौत हुई है। पुलिस ने इस दुर्घटना के लिए दूसरे ड्राइवर को जिम्मेदार माना है और उसके खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर रखा है।

उनका कहना था कि दोनों ट्रकों का बीमा ओरियंटल बीमा कंपनी ने किया था ऐसे में बीमा कंपनी को पूरा मुआवजा देना चाहिए। सुप्रीमकोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद कहा कि मामले के विशिष्ट तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए वे मुआवजे की राशि 300000 रुपये बढ़ाते हैं। कोर्ट ने बीमा कंपनी को छह सप्ताह में मुआवजे की बढ़ी राशि अदा करने का आदेश दिया है।


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