'आप' की जंग पर लोग हैं दंग, साइबर जगत में दुख, आक्रोश, निराशा
नए वादे और इरादों के साथ व्यवस्था परिवर्तन के लिए सियासी मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी ने लोगों में बहुत आशाएं जगाई थीं, जिसका प्रकटीकरण दिल्ली विधानसभा चुनाव नतीजों में भी देखा गया लेकिन इन दिनों पार्टी में जो कुछ हो रहा है उससे लोगों में निराशा और गुस्सा
नई दिल्ली [जेएनएन]। नए वादे और इरादों के साथ व्यवस्था परिवर्तन के लिए सियासी मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी ने लोगों में बहुत आशाएं जगाई थीं, जिसका प्रकटीकरण दिल्ली विधानसभा चुनाव नतीजों में भी देखा गया लेकिन इन दिनों पार्टी में जो कुछ हो रहा है उससे लोगों में निराशा और गुस्सा व्याप्त है। तभी तो सोशल साइटों पर उनकी प्रतिक्रियाएं हैरान करने वाली हैं। लोग व्यथित हैं। गुस्से में हैं। क्षोभ प्रकट कर रहे हैं। और तो और तंज कसने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं।
विमल गुप्ता ने ट्वीट किया 'आप को अपना नाम बदलकर 'मैं' कर लेना चाहिए।' पार्टी में चल रही घमासान के विषय में विद्या ने लिखा 'पार्टी को बिजली पानी के विषय में भूल जाना चाहिए। बस दिल्लीवासियों के लिए पॉपकार्न का इंतजाम करना चाहिए जिससे लोग उनकी नौटंकी का भरपूर लुत्फ उठा सकें।' वहीं अनिमेष ने फेसबुक पर लिखा 'पार्टी में जो कुछ हो रहा है उससे काफी निराश हूं। आप की हालत देखकर भारतीय जनता पार्टी के प्रति इज्जत बढ़ गई है। कम से कम इस तरह की दुर्गति स्थापित पार्टियों की नहीं हो सकती।'
माहा सिद्दीकी ने ट्वीट किया 'काम करने के बजाय आम आदमी पार्टी के नेता अपने निहित स्वार्थों को साधने में लगे हुए हैं। आप के अच्छे दिन गए।' आदर्श गुप्ता के मुताबिक 'जिस लोकपाल का मुद्दा लेकर आप अस्तित्व में आई उसी मुद्दे को छोड़ दिया। लोकपाल को हटाकर पार्टी ने सबूत दिया है कि वह दो महीने भी अपने वायदे पर टिक नहीं पाई।'
इस बीच लोगों ने पार्टी को दिल्ली में चुनाव जिताने पर अफसोस भी जताया। रिया ने ट्वीट किया 'आप की जंग देखकर तो बस ऐसा ही लगता है कि हमसे गलती हुई। इससे तो अच्छा होता कि हम भाजपा को वोट देते।' रविवार को आप वार हैशटैग काफी लोकप्रिय हुआ।
पढ़ें : आप ने रामदास को लोकपाल और अनुशासन समिति से प्रशांत को हटाया
पढ़ें : पूरी दिल्ली साथ थी तब अपनों ने ही छूरा घोंपा : केजरीवाल