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Karnataka News: मुस्लिम आरक्षण पर कर्नाटक के मुख्य सचिव को तलब करेगा NCBC, Muslim समुदाय से जुड़ा है मामला

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) कर्नाटक में पूरे मुस्लिम समुदाय को आरक्षण दिए जाने को लेकर राज्य के मुख्य सचिव को तलब करेगा। आयोग ने राज्य में मुस्लिम समुदाय को पिछड़ी जाति के रूप में वर्गीकृत किए जाने के कदम की आलोचना की है। आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने गुरुवार को यह जानकारी दी। अहीर ने कहा इस तरह का वर्गीकरण सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को कमजोर करता है।

By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey Published: Thu, 25 Apr 2024 07:30 PM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2024 07:30 PM (IST)
आयोग ने मुस्लिम समुदाय को पिछड़ी जाति के रूप में वर्गीकृत किए जाने की आलोचना की। (फोटो, एक्स)

पीटीआई, नई दिल्ली। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) कर्नाटक में पूरे मुस्लिम समुदाय को आरक्षण दिए जाने को लेकर राज्य के मुख्य सचिव को तलब करेगा। आयोग ने राज्य में मुस्लिम समुदाय को पिछड़ी जाति के रूप में वर्गीकृत किए जाने के कदम की आलोचना की है। आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

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एनसीबीसी ने आरक्षण उद्देश्य के लिए पूरे मुस्लिम समुदाय को पिछड़ी जाति के रूप में वर्गीकृत करने के कर्नाटक सरकार के निर्णय की आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह का व्यापक वर्गीकरण सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को कमजोर करता है।

अलग से मुस्लिम जाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया

अहीर ने कहा, "कर्नाटक में मुस्लिम धर्म की सभी जातियों/समुदायों को सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग माना जा रहा है और उन्हें पिछड़े वर्गों की राज्य सूची में श्रेणी द्वितीय बी के तहत अलग से मुस्लिम जाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। यह उन्हें देश के संविधान के अनुच्छेद 15(4) और 16(4) के अनुसार शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश और राज्य की सेवाओं में पदों और रिक्तियों पर आरक्षण प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।"

कर्नाटक में मुसलमानों की आबादी 12.92 प्रतिशत

उन्होंने बताया कि इस मामले पर राज्य सरकार से मिली प्रतिक्रिया संतोषजनक नहीं है और वह इस कदम पर स्पष्टीकरण के लिए कर्नाटक के मुख्य सचिव को बुलाएंगे। कर्नाटक पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से सौंपे गए डाटा के अनुसार, सभी मुस्लिम जातियों को पिछड़े वर्गों की राज्य सूची में श्रेणी द्वितीय बी के तहत सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। 2011 की जनगणना के अनुसार, कर्नाटक में मुसलमानों की आबादी 12.92 प्रतिशत है।

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