मोदी की कर्मठता के मुरीद हुए विरोधी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आखिरकार विरोधी दलों को भी अपनी कार्यशैली का मुरीद बना लिया। नेपाल और भारत के कुछ राज्यों में भूकंप से हुई तबाही से निपटने में केंद्र सरकार की सक्रियता ने उन नेताओं को भी मजबूर कर दिया जो मोदी के खासे आलोचक हैं। कांग्रेस और वामदलों
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आखिरकार विरोधी दलों को भी अपनी कार्यशैली का मुरीद बना लिया। नेपाल और भारत के कुछ राज्यों में भूकंप से हुई तबाही से निपटने में केंद्र सरकार की सक्रियता ने उन नेताओं को भी मजबूर कर दिया जो मोदी के खासे आलोचक हैं। कांग्रेस और वामदलों के नेता हालांकि, उस वातावरण में भी सराहना से बचते रहे लेकिन बाकियों ने केंद्र सरकार और सीधे तौर पर मोदी की प्रशंसा में कोताही नहीं की। जबकि गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री की सक्रियता के सामने खुद को सार्वजनिक तौर पर निचले पायदान पर करने में भी हिचक नहीं दिखाई। उन्होंने कहा-मैं गृहमंत्री हूं लेकिन भूकंप की जानकारी मुझे पहले नहीं हो पाई। प्रधानमंत्री ने मुझे इस बारे में बताया और अगले दो घंटे के अंदर उच्चस्तरीय बैठक बुलाकर राहत और बचाव की टीम भी रवाना कर दी गई।
सोमवार को दोनों सदनों में भूकंप में हताहत हुए लोगों को श्रद्धांजलि देने के बाद चर्चा की शुरुआत हुई तो कुछ हद तक दलगत भेदभाव मिट गया। राज्यसभा में सपा के राम गोपाल यादव, बसपा की मायावती, राकांपा के प्रफुल्ल पटेल, राजद के प्रेमचंद गुप्ता, बीजद के दिलीप टिर्की ने सरकार को बधाई दी और कहा कि जिस ईमानदारी और तत्परता से सरकार ने काम किया और भूकंप पीडि़तों तक पहुंची वह काबिले तारीफ है। राम गोपाल ने तो यहां तक कहा कि नेपाल नुकसान का अनुमान लगाए उससे पहले ही भारत सरकार ने राहत कार्य शुरू कर दिया।
पीएमओ के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश के भूकंप पीडि़तों की सहायता के लिए अपना एक माह का वेतन प्रधानमंत्री राहत कोष को दान कर दिया है। वहीं, नेपाल के भूकंप पीडि़तों की मदद के लिए सांसद अपना एक महीने का वेतन देंगे।
संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने सोमवार को लोकसभा में इसका प्रस्ताव किया जिसे सत्ता पक्ष और विपक्ष ने स्वीकार कर लिया। इसी तरह राज्यसभा के सदस्यों ने भी अपना एक दिन का वेतन भूकंप पीडि़तों के लिए दान देने की घोषणा की है।
जबकि लोकसभा ने शून्यकाल स्थगित करके नेपाल में आए शक्तिशाली भूकंप और उसके बाद राहत व बचाव कार्यो की स्थिति पर चर्चा की। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने सभी सदस्यों से नेपाल में भूकंप पीडि़तों की मदद के लिए अपना एक महीने का वेतन देने की अपील की। यादव ने कहा कि वह अपने एक महीने का वेतन पीडि़तों की मदद के लिए भेजेंगे।
संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने इस संबंध में प्रस्ताव किया जिसे सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने स्वीकार कर लिया। इधर राज्य सभा में माकपा के सीताराम येचुरी ने कहा कि सरकार एमपीलैड फंड से कुछ पैसा नेपाल में ढांचागत सुविधाओं के सृजन के लिए खर्च करने की छूट दें।
गुलाम नबी और येचुरी प्रशंसा से बचे :
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद और माकपा नेता सीताराम येचुरी प्रशंसा से बचते दिखे। और अच्छा करने का सुझाव भी दिया लेकिन किसी स्तर पर आलोचना नहीं कर पाए। हां, अधिकतर सांसदों ने यह जरूर याद दिलाया कि सरकार को एनडीएमए के सभी खाली पद भरने चाहिए। लोकसभा में भी बीजद के भतर्ृहरि मेहताब, शिवसेना, लोजपा जैसे कुछ दलों के नेताओं ने खुलकर सरकार और मोदी की सक्रियता की प्रशंसा की। जबकि कांग्रेस व वाम दल के नेता यह सुझाव देते दिखे कि हमें भवन निर्माण के प्रति भी सचेत होना चाहिए।
पीडि़त परिवारों तक पहुंचा चेक :
भूकंप में अपने परिजनों को खोने से आहत पीडि़त परिवारों तक सरकार अनुग्रह राशि के साथ संबल पहुंचाने के लिए दूसरे रात तक पहुंच गई। अधिकतर परिवारों तक रविवार देर रात तक चार से छह लाख रुपये का चेक पहुंच गया। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार की हिदायत थी कि राहत राशि पहुंचने में बेवजह देरी न हो। लिहाजा रविवार तक संबंधित अधिकारी-मंत्री चार लाख रुपये का चेक लेकर उन परिवारों तक पहुंच गए जिनके घर मौत हुई थी। जब राशि छह लाख करने की सूचना दी गई तो कुछ घरों में छह लाख का चेक पहुंचाया गया। बाकी के घरों में भी मंगलवार रात तक बकाया राशि पहुंचा दी जाएगी।