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रेल यात्रियों व कर्मियों की शिकायतों के समाधान के लिए आ रहे दो ऐप

मदद ऐप के जरिए यात्री अपनी शिकायत केवल पीएनआर नंबर दर्ज कर करा सकेंगे। उन्हें तुरंत ही कंप्लेन आइडी का एसएमएस प्राप्त होगा।

By Tilak RajEdited By: Published: Sun, 15 Apr 2018 08:11 PM (IST)Updated: Sun, 15 Apr 2018 09:43 PM (IST)
रेल यात्रियों व कर्मियों की शिकायतों के समाधान के लिए आ रहे दो ऐप

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रेल यात्रियों की हर तरह की शिकायतें अब एक मोबाइल ऐप के माध्यम से दूर होंगी। रेल कर्मियों को भी अपनी विविध समस्याओं के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। इसके लिए रेल मंत्रालय दो अलग-अलग ऐप तैयार करवा रहा है।

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यात्रियों की शिकायतों के लिए 'मदद' (मोबाइल एप्लीकेशन फॉर डिजायर्ड हेल्प ड्यूरिंग ट्रैवल) ऐप, जबकि कर्मचारियों शिकायतों के लिए 'रेलकर्मी' ऐप की तैयारियां जोरों पर हैं। दोनो के 1 मई को 'मई दिवस' के अवसर पर लांच होने की संभावना है।

मदद ऐप
मदद ऐप पर यात्री खराब खाने, गंदे कंबल-चादर या बदबूदार टायलेट के अलावा असुरक्षा संबंधी शिकायतें भी कर सकेंगे। ऐप पर दर्ज की गई शिकायत सीधे संबंधित डिवीजन के सक्षम अधिकारी तक पहुंचेगी। और इसी के साथ यात्री को तत्काल शिकायत दर्ज होने तथा समाधान संबंधी उपायों के बारे में संदेश प्राप्त होंगे। यात्री अपनी शिकायत की स्थिति को ट्रैक भी कर सकेगा। इस व्यवस्था में मौजूदा सभी ऐप और नंबर समाहित हो जाएंगे। अभी शिकायत दर्ज कराने के 14 तरह इंतजाम हैं। इनमें फोन नंबर, एसएमएस, ऑनलाइन, कॉल सेंटर, ट्विटर, फेसबुक, शिकायत पुस्तिका जैसे उपाय शामिल हैं। इन सभी में समाधान का अपना-अपना समय है। किसी में जल्दी समाधान होता है तो किसी में महीनो लग जाते हैं। एक मोबाइल ऐप भी पहले लांच हो चुका है। लेकिन वो कामयाब नहीं हुआ।

मदद ऐप के जरिए यात्री अपनी शिकायत केवल पीएनआर नंबर दर्ज कर करा सकेंगे। उन्हें तुरंत ही कंप्लेन आइडी का एसएमएस प्राप्त होगा। इसके बाद समाधान किस तरह, किसके जरिए और कब तक होगा इसके मेसेज तब तक आते रहेंगे जब तक कि शिकायत दूर न हो जाए। इस ऐप में यात्री का इस बात की सूचना भी दी जाएगी कि उस महीने उस दिन तक यात्रियों की कुल कितनी शिकायतें रेलवे को मिली हैं और उनमें से कितनो का समाधान हो चुका है। इसमें यह भी बताया जाएगा कि इस मामले में किन पांच स्टेशनों और ट्रेनों (शताब्दी व राजधानी) को सर्वोत्तम और किन पांच स्टेशनों व ट्रेनों को एकदम फिसड्डी पाया गया हैं।

एक अधिकारी के मुताबिक 'मदद' ऐप का मतलब ये कतई नहीं है कि शिकायत की मौजूदा व्यवस्थाएं बंद हो जाएंगी। मदद के साथ-साथ वे भी चालू रहेंगी और यात्री सुविधानुसार उन पर भी शिकायतें दर्ज करा सकेंगे।


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