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अन्ना की मुहिम से इंडोनेशियाई प्रतिनिधिमंडल प्रभावित

आईसीडब्ल्यूए में पूर्व भारतीय राजनयिकों से हुई मुलाकात के दौरान इंडोनेशिया की प्रतिनिधि सभा का चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत तंत्र स्थापित करने की मुहिम से खासा प्रभावित नजर आया।

By Edited By: Published: Thu, 22 Dec 2011 02:28 PM (IST)Updated: Thu, 22 Dec 2011 03:10 PM (IST)
अन्ना की मुहिम से इंडोनेशियाई प्रतिनिधिमंडल प्रभावित

नई दिल्ली। देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे आंदोलन और उसमें सहयोग कर रहे विभिन्न भ्रष्टाचार विरोधी संस्थाओं ने भारत आए इंडोनेशिया के चार सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है।

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राजधानी के सप्रू हाऊस स्थित विश्व मामलों की भारतीय परिषद [आईसीडब्ल्यूए] में पूर्व भारतीय राजनयिकों से बुधवार को हुई एक मुलाकात के दौरान इंडोनेशिया की प्रतिनिधि सभा का चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत तंत्र स्थापित करने की मुहिम से खासा प्रभावित नजर आया। आईसीडब्ल्यूए के महानिदेशक सुधीर. टी. देवारे ने बातचीत की अध्यक्षता की।

इंडोनेशिया के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख आंडी अंजहार चक्र विजया ने बातचीत के दौरान यह जानना चाहा कि भ्रष्टाचार सूचकांक में इंडोनेशिया का स्थान नीचे है। हमारे पास सतर्कता आयोग भी नहीं है। भ्रष्टाचार हमारे आर्थिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। आप भारत में भ्रष्टाचार से किस तरह निपटते है? इस महीने 'ट्रांसपेरेसी इंटरनेशनल' के जारी आंकड़ों के अनुसार भ्रष्टाचार सूचकांक में शामिल कुल 183 देशों में से इंडोनेशिया तीन अंकों के साथ 100वें पायदान पर है। वहीं भारत 3.1 अंकों के साथ 95वें स्थान पर है।

उनके प्रश्न के जवाब में इंडोनेशिया में पूर्व राजदूत रहे एस. भुटानी ने कहा कि वर्तमान में भारत में भ्रष्टाचार एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है। उन्होंने अपनी राय देते हुए कहा कि इंडोनेशियों को अपनी घरेलू जरूरतों का ध्यान में रखते हुए इस समस्या से निपटने के लिए एक व्यवस्था को विकसित करना चाहिए, लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत जनभावना की आवश्यकता बेहद जरूरी है। मीडिया को भ्रष्टाचार के बारे में जनता की राय रखने की आजादी भी आवश्यक है।

एक अन्य सांसद डा. एम. गामारी सुत्रिसनो ने कहा कि उनके देश में पहले से ही ये विकल्प मौजूद हैं, लेकिन इसके बावजूद अब तक भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लगाई जा सकी है। वर्तमान में दोनों देश करीब 14 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार कर रहे है, जिसमें पिछले एक दशक में तीन गुणा बढ़ोत्तारी हुई है।

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