Move to Jagran APP

आज दरक सकते हैं 'आप' के आधार स्तंभ, प्रशांत-योगेंद्र की विदाई संभव

दिल्ली चुनाव की सबसे बड़ी जीत के साथ ही आम आदमी पार्टी (आप) अपनी सबसे बड़ी टूट की ओर बढ़ रही है। बुधवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान पार्टी के दो सबसे बड़े आधार स्तंभ रहे प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव की पार्टी की शीर्ष इकाई से विदाई

By Test2 test2Edited By: Published: Wed, 04 Mar 2015 12:23 AM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2015 07:53 AM (IST)
आज दरक सकते हैं 'आप' के आधार स्तंभ, प्रशांत-योगेंद्र की विदाई संभव

नई दिल्ली । दिल्ली चुनाव की सबसे बड़ी जीत के साथ ही आम आदमी पार्टी (आप) अपनी सबसे बड़ी टूट की ओर बढ़ रही है। बुधवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान पार्टी के दो सबसे बड़े आधार स्तंभ रहे प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव की पार्टी की शीर्ष इकाई से विदाई हो सकती है। इस बड़ी बैठक से एक दिन पहले केजरीवाल खेमे ने प्रशांत भूषण के परिवार पर भी आरोप लगाने शुरू कर दिए। इस बैठक में पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल गैर हाजिर रह सकते हैं। गुरुवार को वह प्राकृतिक चिकित्सा इलाज के लिए दस दिन की छुट्टी पर बेंगलुरु जा रहे हैं।

loksabha election banner

मंगलवार शाम तक आप के संस्थापक सदस्य शांति भूषण ने मामले को शांत कराने के उद्देश्य से बयान दिया कि अरविंद केजरीवाल को पार्टी का संयोजक बने रहना चाहिए और प्रशांत भूषण व योगेंद्र यादव को भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में रहना चाहिए। प्रशांत व योगेंद्र को केजरीवाल का समर्थन करना चाहिए। बावजूद इस नसीहत के टीम केजरीवाल समझौते की टेबल पर आने को तैयार नहीं है। शांति भूषण ने कहा कि पार्टी में झगड़ा सही नहीं। शांति भूषण का बयान उस वक्त आया है, जब आप नेता उन पर हमले कर रहे थे।

केजरीवाल ने तोड़ी चुप्पी

इस मामले में अपनी चुप्पी पहली बार तोड़ते हुए केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, 'पार्टी में जो चल रहा है, उससे मैं बेहद आहत और दुखी हूं। दिल्ली के लोगों ने हममें जो विश्वास जताया है, यह उससे धोखा देना है। मैं इस गंदी लड़ाई में घसीटे जाने से इन्कार करता हूं। सिर्फ दिल्ली के प्रशासन पर ध्यान दूंगा। जनता के भरोसे को किसी हालत में टूटने नहीं दूंगा।'

नहीं करूंगा समझौता : भूषण

खुद को पार्टी की शीर्ष इकाई से निकाले जाने की तैयारी के बीच प्रशांत भूषण ने कहा कि पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल उनसे समझौते को तैयार हैं, लेकिन उन्होंने ही इन्कार कर दिया है। इसे वैचारिक मुद्दा बताते हुए उन्होंने कहा, 'मैंने जो मुद्दे उठाए हैं, वे बेहद गंभीर हैं और उन सिद्धांतों से जुड़े हैं जिनके आधार पर पार्टी की स्थापना हुई थी।' उन्होंने यहां तक कहा कि इस बात के कई प्रमाण हैं कि पार्टी में पारदर्शिता घट रही है। साथ ही हाई कमान संस्कृति पनपने का खतरा पैदा हो गया है। चंदा देने वाली कंपनियों की जांच के मामले में तो पार्टी पूरी तरह नाकाम रही ही है। साथ ही पार्टी के खर्च को सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है।

परिवारवाद कर रहे शांति भूषण : आशुतोष

दिल्ली प्रदेश संयोजक आशुतोष ने शांति भूषण पर परिवारवाद का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रशांत भूषण, उनकी बहन शालिनी व उनके पिता शांति भूषण भी पार्टी में हैं, जो नियम के अनुसार गलत है। इससे पहले सुबह आशीष खेतान ने ट्वीट किया कि शांति भूषण, प्रशांत और शालिनी यानी पिता, बेटे और बेटी की ये तिकड़ी पार्टी के सभी धड़ों पर अपनी पकड़ बनाना चाहती है। चाहे वह राजनीतिक मामलों की कमेटी हो या राष्ट्रीय कार्यकारिणी।

केजरी से कोई दिक्कत नहीं : योगेंद्र

अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अपने रुख में नरमी लाते हुए योगेंद्र यादव का कहना है कि पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के पद पर केजरीवाल के बने रहने को लेकर उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। यह कोई मुद्दा ही नहीं है। हम हमेशा इस बात में विश्र्वास करते हैं कि अरविंद भाई को ही पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए।

पढ़ें : छुट्टी पर बीमार केजरीवाल, सीएम का काम संभालेंगे मनीष

केजरीवाल को कभी पद से हटाने की मांग नहीं की: योगेन्द्र यादव


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.