हान चीनियों के बीच लोकप्रिय हो रहा तिब्बती बौद्ध धर्म
बीजिंग। चीन का दलाई लामा के साथ राजनीतिक विरोध होने के बावजूद युवा हान चीनियों के बीच तिब्बती बौद्ध धर्म तेजी से लोकप्रिय होता जा रहा है। इसमें उन लोगों को तेज गति वाले भौतिकवादी समाज में अपनी कुंठा दूर करने की एक सच्ची आध्यात्मिक शांति दिखती है। उल्लेखनीय है कि बौद्ध धर्म भारत से दोनों देशों तिब्बत और चीन मे
बीजिंग। चीन का दलाई लामा के साथ राजनीतिक विरोध होने के बावजूद युवा हान चीनियों के बीच तिब्बती बौद्ध धर्म तेजी से लोकप्रिय होता जा रहा है। इसमें उन लोगों को तेज गति वाले भौतिकवादी समाज में अपनी कुंठा दूर करने की एक सच्ची आध्यात्मिक शांति दिखती है।
उल्लेखनीय है कि बौद्ध धर्म भारत से दोनों देशों तिब्बत और चीन में पहुंचा है। हालांकि तिब्बतियों और चीनियों के बौद्ध पूजा के तौर तरीके अलग-अलग हैं। सरकारी दैनिक अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने लेख में 29 वर्षीय लियु वेन के हवाले से कहा कि अब हर कोई तिब्बती बौद्ध धर्म के बारे में बात कर रहा है। पॉप स्टार इसी संबंध में चर्चा करते हैं, मेरे दोस्त इसी विषय पर बातचीत करते रहते हैं। यह शांत है। तिब्बती प्रार्थना से अधिक शांति मिलती है। अखबार ने चीन में इस नई प्रवृत्ति पर एक विस्तृत लेख प्रकाशित किया है।
ग्लोबल टाइम्स लिखता है कि चीनी बौद्ध धर्म ने बहुत से चीनी अनुयायियों को आकर्षित किया है क्योंकि यह चीन के संस्कृति और इतिहास को जोड़ता है। लेकिन तिब्बती बौद्ध धर्म में अनुयायियों को पूजा की विस्तृत श्रृंखला और पद्वति अपनाने का मौका मिलता है। माना जाता है कि इससे शीघ्र ज्ञान प्राप्ति में मदद मिलती है। हाल के वर्षो में तिब्बती बौद्ध आंदोलन तेजी से फैल रहा है और युवा लोगों में फैशन बन गया है।
लेख में कहा गया है कि बहुत से गैर तिब्बती लोगों ने फैशन के रूप में बौद्ध प्रार्थना की मालाएं कलाइयों में पहन रखी हैं लेकिन जरूरी नहीं है कि यह धार्मिक समर्पण का प्रतीक हो। छोटी आबादी के 70 लाख तिब्बतियों के लिए राजनीतिक और आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है कि चीन की 95 फीसद आबादी हान लोगों की है जो अब उनकी शैली के बौद्ध धर्म में आकर्षित हो रहे हैं।