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फेड लीक करता है गोपनीय सूचनाएं, समझदार निवेशक बनाते हैं पैसा

एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि फेडरल रिजर्व की गोपनीय सूचनाएं बाजार का पैटर्न तय करती हैं।

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2015 02:37 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2015 02:37 PM (IST)
फेड लीक करता है गोपनीय सूचनाएं, समझदार निवेशक बनाते हैं पैसा

बर्कले। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व नियमित रूप से मौद्रिक नीति के बारे में गोपनीय सूचनाएं लीक करता है। इसके अलावा सूचनाएं लीक होने के समय का सटीक अंदाजा भी अक्सर पहले से होता है। जाहिर है, इनका इस्तेमाल करके समझदार निवेशक कुछ खास हफ्तों में शेयर बाजार से शानदार कमाई कर सकते हैं।

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बर्कले स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की प्रोफेसर एनेट विसिंग-जॉजेनसेन और उनके साथियों की ओर से किए गए एक रिसर्च में यह नतीजा निकाला गया है। पिछले हफ्ते शनिवार को यह रिपोर्ट एक खास सम्मेलन में पेश की गई, जिसमें दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

विसिंग-जॉजेनसेन और उनके साथियों ने पाया कि साल में आठ बार होने वाली फेडरल रिजर्व की हर बैठक के दूसरे, चौथे और छठे हफ्तों में शेयर बाजार ने बेहतर रिटर्न दिया। इसके उलट पहले, तीसरे और पांचवें हफ्तों का रिटर्न कमजोर रहा।

इसका मतलब है कि निवेशकों को पहले, तीसरे और पांचवें हफ्ते शेयर बाजार से दूर रहना चाहिए और दूसरे, चौथे व छठे हफ्ते को अच्छी कमाई के मौके मानना चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि समग्र तौर पर ऐसे निवेशकों ने उन लोगों के मुकाबले बहुत ज्यादा कमाई की, जो हमेशा बाजार में टिके रहते हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक अक्सर उन हफ्तों के दौरान शेयर बाजार से अतिरिक्त कमाई होती है, जिनमें फेड बोर्ड की मीटिंग होती है। इस दौरान छोटी अवधि के इंटरेस्ट-रेट वायदा सौदों में उतार-चढ़ाव बढ़ जाता है। इसका अर्थ है कि बाजार का पैटर्न एक हद तक फेड की बैठक से निकली मौद्रिक नीति संबंधी सूचनाओं के हिसाब से तय होता है।

विसिंग-जॉजेनसेन ने लिखा, 'मीडिया और प्राइवेट फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशंस तक अनौपचारिक चैनल के जरिए फेड से जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण जानिकारियां पहुंचती हैं।' संभवतः यही वजह है कि अमेरिकी सीनेट के कुछ सदस्यों को इस मामले में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी नजर आती है। इसे लेकर फेड की आलोचना बढ़ती जा रही है।

हाल की सबसे ताजा घटना में रिपब्लिकन राजनेताओं और फेड रिजर्व की चेयरमैन जेनेट येलेन के बीच खींच-तान हुई। मामला 2012 का है, जब बेन बर्नानके अमेरिकी केंद्रीय बैंक के चेयरमैन थे। आरोप है कि उस दौरान फेडरल रिजर्व ने गोपनीय सूचनाएं लीक की थी।

विसिंग-जॉजेनसेन के मुताबिक ऐसे लीक या सूचनाओं के अनौपचारिक आदान-प्रदान हमेशा होते रहते हैं और जरूरी नहीं कि इसमें कोई बुराई हो। हो सकता है कि फेड के अधिकारी कोई भी फैसला करने से पहले उस पर बाजार की प्रतिक्रिया चाहते हों और इसके लिए उन्हें यही तरीका मुफीद लगता हो।

यूरोपीयन सेंट्रल बैंक के बोर्ड मेंबर बेनोइट कोअर ने कहा कि कई बार केंद्रीय बैंकों को नीतियों पर निवेशकों और बाजार की प्रतिक्रिया जानने की जरूरत होती है और इसके लिए वे गोपनीय तरीके अपनाते हैं। फिर भी उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंकों को जहां तक संभव हो सके, पारदर्शिता दिखानी चाहिए।

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