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पीएफसी का इश्यू दोगुने से ज्यादा सबस्क्राइब

सरकारी उपक्रमों के विनिवेश में खुदरा निवेशकों की रुचि लौटने लगी है। सोमवार को पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन में सरकार की पांच फीसद हिस्सेदारी की बिक्री में खुदरा निवेशकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सरकारी इक्विटी के विनिवेश के इस इश्यू को दो गुना आवेदन मिले। इस तरह यह चालू वित्त वर्ष

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2015 09:23 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2015 09:36 PM (IST)
पीएफसी का इश्यू दोगुने से ज्यादा सबस्क्राइब

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सरकारी उपक्रमों के विनिवेश में खुदरा निवेशकों की रुचि लौटने लगी है। सोमवार को पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन में सरकार की पांच फीसद हिस्सेदारी की बिक्री में खुदरा निवेशकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सरकारी इक्विटी के विनिवेश के इस इश्यू को दो गुना आवेदन मिले। इस तरह यह चालू वित्त वर्ष 2015-16 का दूसरा सफल विनिवेश इश्यू हो गया है।

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सरकार की पांच फीसद हिस्सेदारी की बिक्री के तहत 6.60 करोड़ शेयर ऑफर फॉर सेल के तहत प्रस्तुत किए गए थे। एनएसई के आंकड़ों के मुताबिक इसके मुकाबले निवेशकों की तरफ से 15.42 करोड़ शेयरों के आवेदन सरकार को मिले हैं। यह इश्यू से 2.34 गुना अधिक है। सरकार ने प्रत्येक शेयर की फ्लोर प्राइस 254 रुपये तय की थी। इस हिसाब से सरकार को इस इश्यू से 1,600 करोड़ रुपये की राशि हासिल हुई है।

सोमवार की सुबह जैसे ही इश्यू में आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई, खुदरा निवेशकों की तरफ से जबर्दस्त मांग आई। खुदरा निवेशकों के लिए इस इश्यू में 1.32 करोड़ शेयर आरक्षित रखे गए थे। एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक इस हिस्से के लिए 5.92 करोड़ शेयरों के आवेदन मिले हैं। इस तरह खुदरा निवेशकों का हिस्सा 4.49 गुना सबस्क्राइब हुआ है। खुदरा निवेशकों के लिए सरकार ने कीमत में पांच फीसद की छूट भी दी थी।

पीएफसी के विनिवेश इश्यू में संस्थागत निवेशकों ने भी अच्छी खासी हिस्सेदारी की। इनके लिए 5.28 करोड़ शेयर ऑफर किए गए थे, जबकि आवेदन मिले 1.8 गुना ज्यादा 9.49 करोड़ शेयरों के लिए। शुक्रवार को पीएफसी का शेयर 259.55 रुपये पर बंद हुआ था। इस लिहाज से इश्यू में प्रत्येक शेयर की कीमत 2.14 फीसद छूट पर तय की गई। सोमवार को शेयर बाजार में पीएफसी का शेयर 254.05 रुपये पर बंद हुआ।

अभी तक पीएफसी में सरकार की हिस्सेदारी 72.80 फीसद की थी। लेकिन इस इश्यू के बाद सरकार की हिस्सेदारी घटकर 67.80 फीसद रह जाएगी। सरकार ने इस साल विनिवेश से 69,500 करोड़ रुपये की राशि जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसमें से 41,000 करोड़ रुपये सार्वजनिक उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी घटाकर और शेष 28,500 करोड़ रुपये रणनीतिक विनिवेश के जरिये जुटाए जाने हैं।


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