टोरपीडो खरीद को लेकर आश्वस्त सरकार
यह सौदा रद्द करने के बाद आशंका जताई जा रही थी कि अपनी पनडुब्बियों के लिए टोरपीडो की जरूरत को पूरा करने के लिहाज से समस्या आ सकती है..
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय का दावा है कि फिनमैकेनिका की सहयोगी कंपनी के साथ टोरपीडो का सौदा रद्द कर दिए जाने का असर अपनी पनडुब्बियों की जरूरत पर नहीं पड़ेगा। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने कहा है कि इसके विकल्प को ले कर कोई समस्या नहीं है और बहुत जल्दी ही इस पर नतीजे भी सामने आ जाएंगे।
इस संबंध में पूछे जाने पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने पूरा विश्वास जताते हुए कहा, 'हमारे पास बहुत विकल्प हैं। बहुत जल्दी ही इसका विकल्प हम हासिल कर लेंगे। इसको ले कर काम हो रहा है।' हालांकि उन्होंने अभी बातचीत की प्रक्रिया जारी होने की वजह से यह बताने से इंकार कर दिया कि वास्तव में यह सौदा किस कंपनी के साथ किया जा रहा है। भारतीय नौसेना को 'वास' से 98 टोरपीडो की आपूर्ति होने वाली थी। पिछली सरकार के दौरान यह सौदा लगभग 1200 करोड़ रुपये में हुआ था। मगर वीवीआइपी हैलीकाप्टर अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले को ले कर इटली की अदालत काआदेश सामने आने और पिछले दिनों संसद में हुई चर्चा के बाद रक्षा मंत्रालय ने टोरपीडो की खरीद का सौदा भी रद्द कर दिया है।
टोरपीडो की आपूर्ति करने वाली कंपनी वास भी फिनमैकेनिका की ही सहयोगी कंपनी है जिससे हैलीकाप्टर का सौदा हुआ था। यह सौदा रद्द करने के बाद आशंका जताई जा रही थी कि अपनी पनडुब्बियों के लिए टोरपीडो की जरूरत को पूरा करने के लिहाज से समस्या आ सकती है। मगर मुमकिन है कि अब इस जरूरत को देखते हुए सीधे संबंधित देश की सरकार से ही बातचीत की जा रही हो। इससे समय पर आपूर्ति भी सुनिश्चित हो पाएगी और कीमत को ले कर भी ज्यादा समस्या नहीं आएगी।
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