एक रुपया सस्ता हो सकता है पेट्रोल
आने वाले दिनों में पेट्रोल के दाम एक रुपए कम हो सकते हैं। अगर दो दिनों में भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में गिरावट जारी रहती है तो देश में पेट्रोल के दाम घट सकते हैं। हालांकि इस बारे में अंतिम निर्णय सरकारी विभागों में चर्चा के बाद ही लिया जाएगा।
नई दिल्ली। आने वाले दिनों में पेट्रोल के दाम एक रुपए कम हो सकते हैं। अगर दो दिनों में भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में गिरावट जारी रहती है तो देश में पेट्रोल के दाम घट सकते हैं। हालांकि इस बारे में अंतिम निर्णय सरकारी विभागों में चर्चा के बाद ही लिया जाएगा। अप्रैल के बाद पेट्रोल की कीमत में यह पहली गिरावट होगी। उधर सरकारी कंपनियों का डीजल पर घाटा भी 1.40 रपए प्रति लीटर से कम रहने की संभावना है। इस माह की शुरुआत में इराक में गृहयुद्घ के कारण तेल की आपूर्ति बाधित थी। इससे कच्चे तेल की कीमत 115 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई थी बाद में यह 108 डॉलर प्रति बैरल तक आ गई। पेट्रोल और डीजल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें अभी कम हैं।
कुछ सूबों में सस्ता हो सकता है डीजल :
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अगर केंद्र सरकार की चल गई तो कई राज्यों की जनता को डीजल कीमत में खासी राहत मिल सकती है। देश में डीजल पर एक समान वैट व अन्य स्थानीय शुल्क लगाने की मुहिम मोदी सरकार ने शुरू की है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने दर्जन भर उन सूबों की बैठक बुलाई है, जिन्होंने डीजल पर स्थानीय शुल्क बहुत ऊंचे कर रखे हैं। इनमें बिहार, हरियाणा, उत्तराखंड, महाराष्ट्र सरीखे राज्य हैं। केंद्र इन राज्यों को डीजल पर शुल्क घटाने के लिए मनाएगा ताकि पूरे देश में डीजल पर एक समान स्थानीय शुल्क लग सके। इससे कई राज्यों में डीजल मूल्य में खासी कमी हो सकती है।
पेट्रोलियम मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक पेट्रोल और डीजल पर मूल्यविर्द्धत कर (वैट) व अन्य स्थानीय शुल्क लगाने में देश में कोई एकरूपता नहीं है। यही वजह है कि डीजल मूल्य पंजाब में 56.25 रुपये प्रति लीटर है, वहीं महाराष्ट्र में 66 रुपये प्रति लीटर से भी ज्यादा है। कई पड़ोसी राज्यों में डीजल की कीमत में चार से पांच रुपये का अंतर है। मसलन, गुजरात में डीजल पड़ोसी केंद्र शासित प्रदेश दमन व दीव के मुकाबले चार रुपये प्रति लीटर महंगा है। इससे किसी को फायदा नहीं है जबकि घाटा सभी को है। ग्राहकों को महंगा डीजल मिल रहा है, ज्यादा शुल्क लगाने वाले राज्य के लोग उस पड़ोसी राज्य से इसकी खरीद शुरू कर देते हैं जहां इसकी कीमत कम है। लिहाजा ज्यादा कर लगाने वाले राज्य के राजस्व संग्रह में कोई वृद्धि नहीं होती। महंगे डीजल का असर महंगाई की दर भी पड़ता है।
राज्यों के साथ दो चरणों मे बैठक बुलाई गई है। बिहार, हरियाणा, असम, उत्तराखंड, कनार्टक और झारखंड के साथ इस हफ्ते ही बैठक बुलाई गई है। महाराष्ट्र, बंगाल, तमिलनाडु, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के साथ अगले हफ्ते बैठक की जाएगी। यह पहला मौका है जब केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय इस मुद्दे पर बैठक बुला रहा है। पूर्व में भी पेट्रोलियम मंत्री राज्यों को पत्र लिखकर पेट्रो उत्पादों पर शुल्क की दर घटाने की सिफारिश करते रहे हैं। संप्रग के शासन में कुछ कांग्रेस शासित प्रदेशों ने ऐसा किया भी था। इस बार देखना होगा कि मोदी सरकार की बात सिर्फ भाजपा शासित राज्य मानते हैं या अन्य दलों के शासन वाली राज्यों सरकारें भी मानती हैं। बहरहाल, ऐसा हो जाए तो कई राज्यों में डीजल कीमत में आम जनता को काफी राहत मिल सकती है।
दिल्ली में डीजल पर लगे शुल्क
(रुपये प्रति लीटर)
कीमत (बगैर शुल्क)-46.64
सीमा शुल्क-0.96
उत्पाद शुल्क-3.56
वैट व स्थानीय शुल्क-11.20
खुदरा कीमत-57.84
(1 जुलाई, 2014 की स्थिति)