Shimla Crime: चार दिन में दो संदिग्ध मौतें, पहले घर के बंद कमरे में मिला था दर्जी का चाकू से गोदा शव
राजधानी शिमला के उपनगरों में पिछले चार दिनों में हुई दो संदिग्ध हत्यारों ने कानून व्यवस्था पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। पहले मामले में युवक का शव कुसुम्पटी चौकी से 50 मीटर की दूरी पर पेड़ पर लटका मिला।
शिमला, जागरण संवाददाता । राजधानी शिमला के उपनगरों में पिछले चार दिनों में हुई दो संदिग्ध हत्यारों ने कानून व्यवस्था पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। पहले मामले में युवक का शव कुसुम्पटी चौकी से 50 मीटर की दूरी पर पेड़ पर लटका मिला।
शव को लेकर की नारेबाजी
युवक 28 दिन से घर से गायब था। पुलिस लगातार युवक को तलाशने का दावा कर रही थी। जब युवक का शव मिला तो वह सिर्फ पुलिस चौकी से 50 मीटर की दूरी पर ये शव पेड़ पर लटका हुआ था। इसके बाद युवक के परिजन पूरी तरह से भड़क गए और युवक के शव को लेकर उपायुक्त परिसर के बाहर नारेबाजी करते रहे।
स्वजन शव को लेकर डटे रहे
वहां पर उन्होंने एसपी शिमला को ज्ञापन सौंपा। जब तक इस मामले में कार्रवाई नहीं हुई तब तक शव को लेकर वहीं पर डटे रहे। इस दौरान काफी नाराजगी लोगों ने जताई। उनका तर्क था यदि पुलिस चौकी के 50 मीटर के दायरे में भी पुलिस शव को नहीं ढूंढ पाई तो पूरे शहर में कैसे तलाशेगी।
आम शहरियों को सता रहा डर
वहीं सोमवार को चमियाणा में एक दर्जी का शव संदिग्ध हालत में मिला है । मृतक के शरीर पर चाकुओं से गोदने के निशान पाए गए हैं। दरवाजा अंदर से बंद होने के कारण पुलिस अभी तक इसे हत्या न मानकर सुसाइड का मामला ही मान रही है। ऐसे में लगातार बढ़ रहे संदिग्ध मौत से शहर में रह रहे आम शहरियों को डर सताने लगा है।
संदिग्ध मौतों पर खौफ में जनता
लंबे समय से शहर में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल नहीं होते थे। इक्का-दुक्का मामलों में लोग आत्महत्या कर रहे थे या दुर्घटना में किसी की मौत हो रही थी। अब संदिग्ध तौर पर हो रही मौतों से फिर से शहर में कानून व्यवस्था पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
हत्या थी या आत्महत्या
इस मामले में एसपी शिमला संजीव गांधी का कहना है कि इन दोनों मामलों में फिलहाल पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आनी है। इसलिए ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता पुलिस की ओर से अपनी तरफ से हर संभव कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। पुलिस हत्या और आत्महत्या दोनों ही पहलुओं पर जनता से जांच कर रही है।