'ईद के चांद वाले अभिनेता नहीं, संसद में बुलंद आवाज वाले नेता की जरूरत', इंटरव्यू में क्या बोले विक्रमादित्य
हिमाचल प्रदेश में एक जून को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होने हैं। इस बार हॉट सीट मंडी से बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर दिखने वाली है। कांग्रेस से विक्रमादित्य और बीजेपी से कंगना रनौत मैदान में हैं। इसी बीच कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह ने दैनिक जागरण से खास बातचीत की है। आइए पढ़ते हैं उन्होंने क्या कुछ कहा।
हंसराज सैनी, मंडी। हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह को कांग्रेस नेतृत्व ने मंडी संसदीय क्षेत्र के चुनावी रण में उतारा है। वह यहां से चुनाव लड़ने वाले सबसे युवा प्रत्याशी हैं। मंडी संसदीय क्षेत्र का रण उनके लिए नया नहीं है।
यह क्षेत्र उनके पिता स्व. वीरभद्र सिंह और माता प्रतिभा सिंह की कर्मभूमि रहा है। 1971 से 2022 तक उनके माता-पिता ने यहां नौ चुनाव लड़े हैं। छह चुनाव में जीत और तीन में हार मिली थी। वर्तमान में इस सीट पर उनकी माता प्रतिभा सिंह सांसद हैं। विक्रमादित्य सिंह समूचे संसदीय क्षेत्र, जनता और समस्याओं से परिचित हैं। दैनिक जागरण के लिए हंसराज सैनी ने उनसे कई विषयों पर बात की।
1. आप प्रदेश में मंत्री हैं, फिर भी आपको संसदीय चुनाव में उतारा गया, क्या ऐसा नहीं लगता कि कांग्रेस के पास ऐसे चेहरे ही नहीं हैं जिन्हें चुनाव मैदान में उतारा जा सके?
मुझे विधायक और मंत्री कांग्रेस नेतृत्व ने बनाया है। भाजपा ने इस संसदीय क्षेत्र से युवा चेहरा मैदान में उतारा है। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व का मानना था कि भाजपा को कड़ी टक्कर देने के लिए हमें भी युवा चेहरा उतारना चाहिए। सर्वे और पार्टी नेतृत्व की कसौटी पर मैं खरा उतरा हूं और मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। कांग्रेस के पास चेहरों की कोई कमी नहीं है।
2. प्रतिभा सिंह सांसद होने के बावजूद चुनाव लड़ने से मना कर रहीं थीं। उन्होंने इसका कारण काम न होना व कार्यकर्ताओं में नाराजगी बताया था। आपका क्या कहना है?
उन्होंने कुछ चीजों पर सवाल उठाया था। उन पर काम हुआ है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने तुरंत संज्ञान लेते हुए सब चीजों को ठीक किया है। वह पार्टी की प्रदेशाध्यक्ष हैं। इस नाते उनके पास समय की कमी है। चारों संसदीय सीटों के अलावा छह विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में भी प्रचार करना है। कार्यकर्ताओं की नाराजगी अब दूर हो चुकी है।
2021 में बीजेपी सरकार के खिलाफ शिमला विरोध प्रदर्शन के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साथ विक्रमादित्य (सोशल मीडिया)
3. क्या आप वीरभद्र सिंह के नाम पर चुनाव मैदान में उतरेंगे या सुक्खू सरकार के सवा साल के कार्यकाल को लेकर भी जनता के बीच जाएंगे?
वीरभद्र सिंह हमारी धरोधर हैं। मंडी संसदीय क्षेत्र के विकास में उन्होंने अपने जीते जी कोई कमी नहीं छोड़ी थी। मंडी में आइआइटी, नेरचौक में मेडिकल कालेज, सुंदरनगर में प्रदेश का पहला इंजीनियरिंग कालेज प्रमुख है। हम उनके नाम पर भी और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के 15 माह के कार्यकाल की उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जाएंगे। पुरानी पेंशन योजना की बहाली और आपदा में मुख्यमंत्री ने सराहनीय कार्य किया है।
4. प्रतिभा सिंह की बतौर सांसद क्या उपलब्धियां रही हैं, ऐसे कौन से कार्य रहे हैं जिन्हें आप जनता के बीच रखेंगे?
बतौर सांसद उन्हें दो वर्ष से अधिक का समय मिला है। करीब 13.76 करोड़ रुपये की सांसद निधि का सभी 17 विधानसभा क्षेत्रों में एक समान वितरण किया है। आपदा में वह अपने क्षेत्र की जनता के साथ दिन रात खड़ी रहीं।
5. बतौर लोक निर्माण मंत्री ऐसी आपकी कौन सी उपलब्धि है जो हटकर हो और आप उसके बारे लोगों को बताएंगे?
15 माह के कार्यकाल में 3500 करोड़ की लागत से 2700 किलोमीटर सड़कों का निर्माण बड़ी उपलब्धि है। विधानसभा के अंदर व बाहर हर वर्ग की आवाज उठाने का प्रयास किया है। आपदा में प्रभावितों का दर्द बांटने का काम किया है।
6. आप कहते हैं कि भाजपा का हिंदुत्व विरोधी कार्ड हिमाचल में नहीं चलेगा जबकि आप बार-बार प्रभु श्रीराम और अयोध्या का जिक्र करते हैं, ऐसा विरोधाभास क्यों?
मैं भी भगवान राम का उतना ही उपासक हूं जितना कोई दूसरा है। मेरे जय श्रीराम बोलने से विरोधियों को क्यों पीड़ा हो रही है। भाजपा नेता क्यों भूल गए कि देश में मतांतरण पर रोक लगाने के लिए हिमाचल प्रदेश में मेरे पिता वीरभद्र सिंह ने कानून बनाया था। मंडी में संस्कृति सदन, कुल्लू में देव सदन किसकी देन है। मैं उन भाग्यशाली लोगों में हूं जिन्हें राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का न्योता मिला था। देवभूमि की जनता जातिवाद और धर्म के आधार नहीं बल्कि विकास के नाम पर वोट करती आई है।
7. आपके सामने भाजपा की प्रत्याशी कंगना रनौत हैं, इनका फिल्म इंडस्ट्री में बड़ा नाम है, कैसी टक्कर रहेगी?
कोई टक्कर नहीं है। भारी बढ़त के साथ चुनाव जीतेंगे। नाम बड़ा हो या छोटा कोई फर्क नहीं पड़ता है। मंडी संसदीय क्षेत्र के लोग पढ़े लिखे हैं। अच्छे बुरे में अंतर जानते हैं।
8. चुनाव प्रचार अब तक मुद्दों पर न होकर व्यक्तिगत आक्षेप पर अधिक है। कंगना आप पर हमलावर रही हैं। आप किन प्रमुख मुद्दों पर चुनाव लड़ेंगे?
कौन क्या खाता है, क्या पीता है। मुझे इससे कुछ लेना देना नहीं है। इतना अवश्य है कि कुछ लोगों के कारण सनातन धर्म को ठेस पहुंची है। शिमला, धर्मशाला की तर्ज पर मंडी शहर को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिलाना, द्रंग में नमक आधारित संयंत्र स्थापित करना, वर्षों से निर्माण की राह देख रही भुभु जोत, जलोड़ी जोत और चैहणी सुरंग का निर्माण करवाना प्राथमिकता रहेगी।
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9. एक तरफ आप आरोप लगाते हैं कि केंद्र ने सहायता नहीं की। दूसरी तरफ कहते हैं कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को कुल्लू मनाली लाए थे?
इसमें कोई दो राय नहीं है। केंद्र में दूसरे दल की सरकार है। आपदा में हमें उन्हीं योजना का पैसा मिला जो केंद्र प्रायोजित हैं। आपदा में हम विशेष आर्थिक पैकेज की मांग करते रहे। केंद्र सरकार ने एक नहीं सुनी। आपदा में प्रदेश की जनता संकट में थी। मैंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से दिल्ली में मिलकर कुल्लू, मनाली में हुए नुकसान का आकलन करने का आग्रह किया था। उन्होंने स्वीकार किया। इसके लिए मैं उनका आभारी हूं।
10. आरोप लग रहा कि आप कुछ समय पहले भाजपा मुख्यालय के चक्कर लगा रहे थे, इसमें कितनी सच्चाई है?
इसमें कोई सच्चाई नहीं है। प्रदेशहित में अगर दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्रियों से मिला हूं, इसका यह मतलब यह नहीं कि मैं किसी की परिक्रमा कर रहा था। बतौर मंत्री दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्रियों से मदद लाना मेरा नैतिक कर्तव्य था।
11. पांगी में बिजली व परिवहन प्रमुख समस्याएं हैं। घाटी के लोगों को नियमित रूप से बिजली नहीं मिलती। पांगी घाटी साल के छह महीने से देश-दुनिया से कटी रहती है। यहां के लोग चैहणी सुरंग की मांग करते आ रहे हैं। इसके लिए आपकी कोई योजना?
दुर्गम क्षेत्रों में अब तक जो विकास हुआ, वह कांग्रेस और उनके पिता की देन हैं। जिस तरह हिमाचल में हर वर्ग की आवाज उठा उनकी समस्याओं का समाधान करवाया, वैसे ही संसद के अंदर पांगी को जोड़ने वाली चैहणी सुरंग के निर्माण कार्य का मुद्दा भी उठाऊंगा। बिजली व परिवहन सुविधाओं में सुधार करेंगे। बिजली की समस्या दूर करने के लिए सौर ऊर्जा को बढ़ावा देंगे। कर्मचारियों के 9000 करोड़, जीएसटी और अन्य ग्रांट का पैसा हिमाचल को दिलाने का प्रयास करूंगा।
11. आखिरी सवाल... मतदाता आपको क्यों वोट दें? इसके बारे में बताएं।
मंडी की युवा पीढ़ी और मतदाता बेहतर तरीके से जानते हैं कि उनका भविष्य कौन संवार सकता है। हम कल भी उनके सुख दु:ख में साथ खड़े थे। आगे भी चट्टान की तरह खड़े रहेंगे। यह चुनाव मात्र सांसद बनने बनाने का नहीं बल्कि मंडी संसदीय क्षेत्र के भविष्य का है। यहां की जनता को नेता चाहिए जो उनकी आवाज को दिल्ली के दरबार में बुलंद कर सके। ईद के चांद की तरह दिखने वाला अभिनेता नहीं।
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