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कुंडली बॉर्डर पर बंद फ्लाईओवर की चारों लेन खुलीं, दिल्ली से पानीपत आने-जाने वालों को मिलेगी राहत

कुंडली बॉर्डर पर फ्लाईओवर की चारों लेन खोल दी गई हैं। इससे दिल्ली से पानीपत आने-जाने वाले वाहन चालकों को राहत मिलेगी। किसानों के दिल्ली कूच एलान के बाद 13 फरवरी को बंद किए गए एनएच-44 के कुंडली फ्लाईओवर को खोलने के लिए दो बुलडोजर लगाए गए थे। कई दिन से ये बुलडोजर कंक्रीट की दीवारों को तोड़कर हटा रहे थे।

By Nand kishor Bhardwaj Edited By: Abhishek Tiwari Published: Sun, 21 Apr 2024 03:33 PM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2024 03:33 PM (IST)
कुंडली बॉर्डर पर बंद फ्लाईओवर की चारों लेन खुलीं, जाम से निजात

जागरण संवाददाता, सोनीपत। कुंडली बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए बनाई गई कंक्रीट की दीवारे हटाकर फ्लाईओवर की दो-दो लेन खोल दी गई हैं। अब यहां पर दिल्ली और पानीपत की ओर सर्विस लेन के साथ मुख्य फ्लाईओवर की चारों लेन से वाहन सुगमता से गुजर रहे हैं।

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फ्लाईओवर बंद होने से पूरा ट्रैफिक सर्विस लेन से गुजरता था, इस कारण यहां पर तीन मिनट का रास्ता पार करने में पौना घंटा तक लग जाता था। इससे रोजाना लाखों वाहन चालकों को भारी परेशानी हो रही थी।

शनिवार को दिन में दिल्ली से पानीपत और देर रात को पानीपत से दिल्ली को ओर जाने वाली चारों लेन वाहनों के लिए खोल दी गईं। रविवार को दिनभर वाहन सुगमता से फ्लाईओवर की चारों लेन से गुजरते रहे।

13 फरवरी को किया गया था बंद

किसानों के दिल्ली कूच एलान के बाद 13 फरवरी को बंद किए गए एनएच-44 के कुंडली फ्लाईओवर को खोलने के लिए दो बुलडोजर लगाए गए थे। कई दिन से ये बुलडोजर कंक्रीट की दीवारों को तोड़कर हटा रहे थे। दिल्ली से पानीपत और सोनीपत से दिल्ली की ओर दो-दो लेन खोली जानी थी।

शनिवार को पहले दिल्ली से पानीपत की ओर जाने वाली लेन क्लीयर की गई। इसे वाहनों के लिए खोल दिया गया। देर रात पानीपत से दिल्ली की ओर जाने वाली दोनों लेन से भी मलबा हटा दिया गया। रविवार को सुबह इसे भी वाहनों के लिए खोल दिया गया।

दिन-रात बनी रहती थी जाम की स्थिति

एनएच-44 के कुंडली फ्लाईओर को खोलने के लिए कुंडली इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और ट्रासंपोर्टरों की तरफ से लगातार मांग उठाई जा रही थी। यहां दोनों साइड केवल सर्विस लेन से वाहनों को निकाला जा रहा था, जिसके कारण दिन-रात जाम की स्थिति बनी रहती थी। इससे वाहन चालकों का समय और अतिरिक्त ईंधन की खपत हो रही थी।

ट्रासंपोर्टरों द्वारा दिल्ली के भाड़े में भी 500 रुपये से लेकर दो हजार रुपये तक की बढ़ोतरी की जा रही थी। इससे उद्योगों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा था। इसके अतिरिक्त आम लोग भी जाम में फंस रहे थे।

कुंडली बॉर्डर पर तीन किमी का रास्ता तय करने में कई बार 40 मिनट से लेकर एक घंटे तक समय लग जाता था, जबकि आमतौर पर पांच मिनट में यह सफर पूरा हो जाता है।

29 फरवरी को खोली गई थी सर्विस लेन

कुंडली इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सुभाष गुप्ता ने बताया कि फरवरी में किसानों के दिल्ली कूच के एलान के बाद 13 फरवरी को बॉर्डर बंद किया गया था। आंदोलन स्थगित होने के बाद 29 फरवरी को सर्विस लेन खोली गई थी। सर्विस लेन खोलने के बाद मामूली राहत मिली थी, लेकिन इसका ज्यादा लाभ नहीं मिल पाया क्योंकि जाम के कारण मुसीबत और बढ़ गई।

हाईवे के मेन कैरिज वे को खोलने के लिए एसोसिएशन की तरफ से दिल्ली पुलिस के अधिकारियों से मुलाकात भी गई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद गृहमंत्री समेत बड़े अफसरों से भी मांग की थी। साथ ही, ऑनलाइन पिटिशन बनाकर मुहिम चलाई थी।

इस पर दो हजार से ज्यादा उद्यमियों और आम लोगों ने समर्थन में हस्ताक्षर किए।कारोबारियों का संघर्ष रंग लाया और अब वाहन चालकों को जाम से निजात मिल सकेगी।


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