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सर्वे में लड़कियां बोलीं-घर से निकलते ही छेड़छाड़ का डर, पैदल चलना भी मुश्किल

हरियाणा पुलिस द्वारा करवाए गए ऑनलाइन सर्वे में महिलाओं और युवतियाें में छेड़छाड़ व अपराध को लेकर भयावह स्थिति सामने आई। लड़कियों ने खुद को बेहद असुरक्षित बताया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 19 May 2017 05:15 PM (IST)Updated: Fri, 19 May 2017 05:15 PM (IST)
सर्वे में लड़कियां बोलीं-घर से निकलते ही छेड़छाड़ का डर, पैदल चलना भी मुश्किल
सर्वे में लड़कियां बोलीं-घर से निकलते ही छेड़छाड़ का डर, पैदल चलना भी मुश्किल

जेएनएन, चंडीगढ़ : हरियाणा में महिलाओं और लड़कियाें की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस के ऑनलाइन सर्वे किया। इसमें चिंताजनक तस्वीर सामने आई है। इसमें महिलाओं और युवतियों ने खुद को बेहद असुरक्षित बताया। प्रदेश की 85 फीसद लड़कियां एवं युवतियों का कहना था कि घर से बाहर निकलते ही छेड़छाड़ का खतरा मंडराने लगता है। ये घटनाएं उनके लिए बेहद डरावनी और असहनीय होती हैं।

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पुलिस ने किया ऑनलाइन सर्वे, 85 फीसद लड़कियों ने छेड़छाड़ को बताया भयावह

सर्वे में 14 वर्ष से अधिक आयु की लड़कियों और महिलाओं के अलावा पुरुषों को भी शामिल किया गया है। कुल 28,539 लोगों ने 16 सवालों के जवाब दिए। इस सर्वे से हरियाणा में महिला सुरक्षा पर बड़़ सवाल खड़ हो गए हैं। पुलिस अब इस सर्वे के आधार पर कदम उठाएगी।

सर्वे रिपोर्ट में सामने आए तथ्‍य

- 85.2 फीसद युवतियों के मुताबिक छेड़छाड़ सामान्य दिनचर्या का हिस्सा।
- 24.4 फीसद को घर से बाहर निकलने में लगता डर।
- 38 फीसद युवतियों को दिन में कई बार सहनी पड़ती मानसिक प्रताड़ना।
- 23.4 फीसद ने कहा कि खास मौकों पर मनचलों करते हैं छेड़छाड़।

स्कूल-कॉलेज में होती सर्वाधिक अश्लील टिप्पणियां

- 14.2 फीसद लड़कियों ने कहा, नहीं लगता छेड़छाड़ का डर।
- 64.5 फीसद लड़कियों ने स्कूल-कॉलेज और कार्यक्षेत्रों में बताया खतरा।
- 22.2 फीसद युवतियों ने बताई शाम ढलते ही पार्क, बाजार और कोचिंग सेंटरों में होती है छेड़छाड़।
- 32.8 फीसद युवतियों को स्कूल-कॉलेज जाने से लगता है डर।
- 26.7 फीसद युवतियां छेड़छाड़ के डर से मार्केट जाने से कतराती हैं।

- 19.9 फीसद महिलाओं को पब्लिक ट्रांसपोर्ट में लगता है छेड़छाड़ का खतरा। 
- 16.5 फीसद महिलाएं पार्कों व 4.1 फीसद कार्यक्षेत्र में महसूस करती हैं असुरक्षित।
- 39.1 फीसद लोगों ने बस, 30 फीसद ने ट्रेन, 14.8 फीसद ने ऑटो में बताया छेड़छाड़ का डर।
- 16.1 फीसद युवतियां पैदल चलते समय खुद को पाती हैं असुरक्षित ।

- 37.5 फीसद लड़कियों के मुताबिक आरोपी ज्यादातर पब्लिक ट्रांसपोर्ट में चलते हैं।
- 32.8 फीसद युवतियों का कहना है कि अकसर दोपहिया वाहन पर चलने वाले करते हैं छेड़छाड़। 
- 6.9 फीसद लड़कियों ने कहा कि ट्रैफिक लाइट पर फब्तियां कसते हैं कार सवार लोग।
- 40.4 फीसद युवतियों के मुताबिक आरोपी समूह में करते हैं छेड़खानी।
- 25.2 फीसद के मुताबिक आरोपियों की संख्या अकसर चार होती है।

- 23.5 फीसद ने आरोपियों को बताया घातक
- 18.1 फीसद ने कहा कि अधिकतर आरोपी अपराधी प्रवृत्ति के होते हैं।
-18.2 फीसद का मानना है कि आरोपी युवतियों को ज्यादा हानि नहीं पहुंचा सकते।
-22.4 फीसद ने कहा कि माता-पिता की मौजूदगी में कांउसलिंग के बावजूद आरोपियों पर नहीं पड़ता कोई फर्क।
-34.3 फीसद लोगों के मुताबिक शिकायत के बाद आरोपी अधिक उग्र होकर बड़े वारदात को देते हैं अंजाम।

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पुलिस को मिली सलाह

- 34.2 फीसद लोगों के मुताबिक छेड़छाड़ रोकने के लिए महिला पुलिस कर्मियों को सादा कपड़ों में तैनात किया जाना चाहिए।
- 26.6 फीसद ने वर्दीधारी पुलिस की पेट्रोलिंग को बताया बेहतर समाधान।
- 20 फीसद ने संवेदनशील स्थानों पर बताई चेतावनी बोर्ड लगाने की जरूरत।
- 19.2 फीसद ने सीसीटीवी कैमरे लगाने का दिया सुझाव।
- 27.5 फीसद लोगों ने हरियाणा को माना सुरक्षित।
- 40.6 फीसद ने पड़ोसी राज्यों की तुलना में बताया बेहतर।
- 19.6 फीसद लोगों ने हरियाणा को पड़ोसी राज्यों से खराब तथा 12.3 फीसद ने माना ज्यादा असुरक्षित।


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'' सर्वे का उद्देश्य प्रदेश में छेड़छाड़ की घटनाओं के मामले में महिलाओं की मनोदशा के बारे में जानकारी हासिल करना है। इससे अपराध वाले स्थानों, अपराध की स्थिति तथा अपराधियों के बारे में लोगों की राय पता लगी है। हम इस फीडबैक के आधार पर इन घटनाओं को रोकने के लिए रणनीति बनाएंगे।

                                                                                                       - ओपी सिंह, एडीजीपी, हरियाणा।


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