Haryana Budget 2024: नूंह को सीएम मनोहर लाल ने दिया बड़ा तोहफा, बनेगी हवाई पट्टी; बढ़ेगा नेटवर्क
नूंह में हवाई पट्टी ना होने के कारण अति विशिष्ट लोगों को दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से सड़क मार्ग तक पहुंचाना पड़ता है। हवाई पट्टी का निर्माण होने के बाद अति विशिष्ट लोगों का नूंह पहुंचना भी सुगम हो जाएगा। हवाई पट्टी बनने के बाद पलवल भी नूंह से कनेक्ट हो जाएगा। इसके साथ ही सरकार नूंह में पायलट प्रशिक्षण केंद्र खोलने पर भी विचार कर रही है।
जागरण संवाददाता, नूंह। देश के पिछड़े जिलों में से एक नूंह में हवाई पट्टी का निर्माण किया जाएगा। हवाई पट्टी का निर्माण करने से जहां नेटवर्क बढ़ेगा, वहीं लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी खुलेंगे। हवाई पट्टी के निर्माण के साथ ही सरकार नूंह में पायलट प्रशिक्षण केंद्र खोलने पर भी विचार कर रही है।
क्षेत्र के विकास को रफ्तार देगी हवाई पट्टी
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की बजट में हवाई पट्टी निर्माण करने की योजना क्षेत्र के विकास को भी आगे बढ़ाएगी। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का निर्माण होने के बाद क्षेत्र में विकास के अवसर खुले हैं। नूंह में हवाई पट्टी ना होने के कारण अति विशिष्ट लोगों को दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से सड़क मार्ग तक पहुंचाना पड़ता है।
हवाई पट्टी का निर्माण होने के बाद अति विशिष्ट लोगों का नूंह पहुंचना भी सुगम हो जाएगा। कुंडली-मानेसर पलवल मार्ग भी नूंह के काफी क्षेत्र से होकर गुजरता है। केएमपी के बनने के बाद नूंह सड़क मार्ग से तो पलवल से सीधा कनेक्ट हो गया। हवाई पट्टी बनने के बाद पलवल भी नूंह से कनेक्ट हो जाएगा। नूंह में हवाई पट्टी बनाने के पीछे प्रदेश सरकार का मकसद है कि 100 किलोमीटर के क्षेत्र में हवाई पट्टी के नेटवर्क को पूा करना है।
आपात स्थिति में हवाई पट्टी बनने के बाद आपात लैंडिंग भी की जा सकती है। नूंह के आसपास के जिलों में हवाई पट्टी ना होने के कारण कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। एयर एंबुलेंस भी दिल्ली के हवाई अड्डे पर ही लैंड होती है। दिल्ली हवाई अड्डे से नूंह मुख्यालय की दूरी करीब 60 किलोमीटर है। आपात स्थिति में यह दूरी सड़क मार्ग से तय करना बड़ा कठिन है।
एयर एंबुलेंस का मिल जाएगा विकल्प
वहीं गुरुग्राम के प्राइवेट अस्पतालों में आने वाले मरीजों के एयर एंबुलेंस का एक विकल्प मिल जाएगा। दिल्ली से गुरुग्राम के बीच ट्रैफिक दबाव अधिक रहता है। नूंह दूर जरूर है पर गुरुग्राम सोहना एक्सप्रेस-वे बनने से समय कम लगता है। पलवल और गुरुग्राम में भी हवाई पट्टी नहीं है। नूंह में हवाई पट्टी बनने से इन जिले को भी फायदा मिलेगा। हालांकि गुरुग्राम में हेली हब ही विकसित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला नूंह में हवाई पट्टी का निर्माण करने की साथ ही पायलट प्रशिक्षण केंद्र बनाने की भी पहले चर्चा कर चुके हैं। नूंह में हवाई पट्टी का निर्माण और पायलट प्रशिक्षण केंद्र बनने से अति पिछड़ा क्षेत्र माने जाने वाले इस इलाके में रोजगार के अवसर तैयार होंगे।
लोगों का कहना है कि इस तरह की सुविधा अगर यहां मिलती है तो यह नूंह क्षेत्र विकास में मील का पत्थर साबित होगा। रोजगार के अवसर खुलने से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इसके साथ ही उन्हें अपने स्वरोजगार चलाने में भी बड़ी मदद मिलेगी।