विश्व की सभी भाषाओं की जननी संस्कृत : डॉ. ललित
जागरण संवाददाता, कैथल : कुरुक्षेत्र संस्कृत विभाग और संस्कृत एवं प्राच्य विद्या संस्थान के निदेशक
जागरण संवाददाता, कैथल : कुरुक्षेत्र संस्कृत विभाग और संस्कृत एवं प्राच्य विद्या संस्थान के निदेशक डॉ. ललित कुमार गौड़ ने कहा कि देव वाणी संस्कृत विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है और सभी भाषाओं की जननी है। विश्व के साहित्यकार एक मत से स्वीकार करते हैं कि संसार का सबसे प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद और यह वेद संस्कृत भाषा में है। संस्कृत हमारे देश की महान सांस्कृतिक विरासत को संजोए हुए है। ललित गौड़ आरकेएसडी कॉलेज के संस्कृत विभाग की ओर से आयोजित सेमिनार में संस्कृत भाषा की वैज्ञानिकता तथा संस्कृत सभी भाषाओं की मूल भाषा है विषय पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि संस्कृत कोई सामान्य सी भाषा न होकर पूर्णतया वैज्ञानिक भाषा है। संस्कृत कैसे सभी भाषाओं की मूल है इस पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि मातृ यानि मिदर-मदर, पितृ यानि फिदर व फादर आदि की तरह भाषाओं का भी विकास होता है।
¨प्रसिपल डॉ. ओपी गर्ग ने कहा कि संस्कृत भाषा में आध्यात्मिक ज्ञान के साथ साथ अनेक आधुनिक विज्ञानों की चर्चा है। वर्तमान में इस भाषा के प्रचार प्रसार व शोध के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने आरकेएसडी कॉलेज का जिक्र करते हुए कहा कि कॉलेज में प्रदेश के किसी भी कॉलेज से सबसे ज्यादा संस्कृत के छात्र हैं और यह कॉलेज के लिए गर्व की बात है। विभाग का परीक्षा परिणाम भी शत प्रतिशत रहा है। विभागाध्यक्ष डॉ. लक्ष्मी मोर ने संस्कृत विभाग की गतिविधियों की चर्चा की और बताया कि डॉ. ललित गौड़ ने एक से 17 अगस्त की अवधि को विश्वविद्यालय में संस्कृति दिवस के रुप में मनाया, जिसमें विभिन्न प्रखर वक्ताओं ने भाग लेते हुए अपने अपने विचार सांझा किए। इसी उद्देश्य के साथ कॉलेज में यह सेमिनार आयोजित किया गया है। उन्होंने बताया कि सेमिनार में 200 विद्यार्थियों ने भी भाग लिया। इस अवसर पर डॉ. विनय ¨सगल, डॉ. आरपी मोण, डॉ. एसएस ढुल, डॉ. राजेश व डॉ. संजय गर्ग मौजूद थे।