Move to Jagran APP

फर्जी कंपनी बनाकर प्रत्यारोपण कराने वाला सबसे बड़ा दलाल गिरफ्तार, रिमांड के दौरान पूछताछ में आरोपितों ने उगला सच

अवैध तरीके से किडनी प्रत्यारोपण के मामले में जयपुर पुलिस ने रिमांड के दौरान तीन आरोपितों से पूछताछ के बाद दो ऐसे आरोपितों को गुरुवार रात गिरफ्तार किया है जिन्होंने फर्जी कंपनी बना रखी थी और फोर्टिस अस्पताल से फर्जी एमओयू कर लोगों के मानव अंगों के प्रत्यारोपण करा रहे थे। इनकी गिरफ्तारी बंगाल से की गई है।पूछताछ में कई राज खुलेंगे।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Published: Fri, 03 May 2024 12:28 AM (IST)Updated: Fri, 03 May 2024 12:28 AM (IST)
फर्जी कंपनी बनाकर प्रत्यारोपण कराने वाला सबसे बड़ा दलाल गिरफ्तार

 विनय त्रिवेदी, गुरुग्राम। अवैध तरीके से किडनी प्रत्यारोपण के मामले में जयपुर पुलिस ने रिमांड के दौरान तीन आरोपितों से पूछताछ के बाद दो ऐसे आरोपितों को गुरुवार रात गिरफ्तार किया है, जिन्होंने फर्जी कंपनी बना रखी थी और फोर्टिस अस्पताल से फर्जी एमओयू कर लोगों के मानव अंगों के प्रत्यारोपण करा रहे थे। इनकी गिरफ्तारी बंगाल से की गई है।

loksabha election banner

जयपुर पुलिस ने दोनों आरोपितों की पहचान कंपनी के निदेशक सुमन जाना और उसके कर्मचारी सुखमय नंदी उर्फ गोपाल के रूप में की है। इन दोनों को बंगाल के दो अलग-अलग जगहों पर दबिश देकर जयपुर पुलिस ने गुरुवार रात धर दबोचा।

जयपुर पुलिस को मिली बड़ी सफलता

बताया जाता है कि सुखमय नंदी मानव अंगों के प्रत्यारोपण का सबसे बड़ा दलाल है। अभी तक कि पूछताछ में पता चला था कि रांची निवासी मो. मुर्तजा अंसारी, नेपाल का मोहन नेपाली, कंबोडिया का सू-सू और बंगाल का सुलेमान एनओसी लेकर लोगों को अंग प्रत्यारोपण के लिए भेजता था।

रिमांड के दौरान पूछताछ में आरोपितों ने उगला सच

पांच अप्रैल को गुरुग्राम के सेक्टर 39 स्थित बाबिल गेस्ट हाउस से पकड़े गए पांच बांग्लादेशियों को प्रोडक्शन वारंट पर लेने के बाद जयपुर पुलिस ने इस मामले में पूछताछ के लिए अवैध रूप से एनओसी जारी वाले एसएमएस अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह, फोर्टिस अस्पताल के आर्गन विभाग के को-आर्डिनेटर विनोद सिंह और गिरिराज शर्मा को कोर्ट से तीन मई तक रिमांड लिया है।

इनसे पूछताछ में यह भी पता चला कि कानूनी दांव पेंच से बचने के लिए दिल्ली की एक कंपनी मैड सफर प्राइवेट लिमिटेड के साथ फोर्टिस अस्पताल ने करार किया था। इसके तहत कंपनी की तरफ से ही अंग प्रत्यारोपण के लिए डोनर और रिसीवर लाए जाते थे।

गुरुवार रात दोनों आरोपितों को पकड़ा गया

इस कंपनी के निदेशक व अन्य लोग धोखाधड़ी कर लोगों से मानव अंगों की खरीद फरोख्त करते थे। पूछताछ व जांच में सुमन जाना और सुखमय नंदी के कोलकाता के आसपास होने की जानकारी मिली। इसके बाद एक टीम यहां के लिए रवाना की गई। गुरुवार रात दोनों आरोपितों को पकड़ा गया। अब इनसे पूछताछ में पता चलेगा कि आखिर इन्होंने कितने लोगों का किडनी ट्रांसप्लांट कराया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.