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जाेखिम भरा है जम्मू-उधमपुर खंड में ट्रेन यात्रा, खतरनाक ट्रैक की जांच को तैयार नहीं रेलवे

जम्मू-उधमपुर खंड पर रेल यात्रा खतरे से खाली नहीं है। इस ट्रैक की क्‍वालिटी पर सवाल उठने के बावजूद रेलवे इसकी जांच कराने के लिए तैयार नहीं है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 09 Jun 2018 12:41 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jun 2018 01:35 PM (IST)
जाेखिम भरा है जम्मू-उधमपुर खंड में ट्रेन यात्रा, खतरनाक ट्रैक की जांच को तैयार नहीं रेलवे

अंबाला, [दीपक बहल]। जम्मू-उधमपुर रेल खंड पर ट्रेनों से यात्रा खतरे से खाली नहीं है। रेल ट्रैक के खतरनाक होने और इसकी क्‍वालिटी पर सवाल उठने के बावजूद रेलवे इसकी जांच कराने को तैयार नहीं है। 2016 में  रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण करने वाली क्वालिटी इंजीनियर्स एंड कांटेक्टर्स कंपनी ने इसके निर्माण के घटिया होने की बात कही गई है। बता दें कि इस ट्रैक से रोज ट्रेनों से हजारों की संख्‍या में तीर्थयात्री माता वैष्‍णो देवी के दर्शन के लिए जाते हैं।

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जम्मू-उधमपुर खंड में विद्युतीकरण करने वाली कंपनी ने जताई दुर्घटना की आशंका

कंपनी ने पत्र लिख कर सरकार को सूचित किया है कि विद्युतीकरण के लिए लगाए गए स्टील के ढांचे हल्के हैं। इनमें मानक से कम वजन का स्टील लगाया गया है। ढांचों के गिरने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इसके बावजूद रेलवे ने इन ढांचों का वजन कराने और ट्रैक की जांच कराने से इन्कार कर दिया है।

ट्रैक पर लगे ढांचों का वजन करने की रेलवे ने नहीं दी सीबीआइ को अनुमति

ढांचे के मामले की जांच सीबीआइ आैर रेलवे विजिलेंस कर रही थी। पटरी के साथ-साथ लगाए गए स्टील के ढांचे (जो बिजली के तारों को सपोर्ट करते हैं) का वजन करवाने की अनुमति न मिलने पर सीबीआइ की जांच अधूरी रह गई है। सीबीआइ जांच अब तभी आगे बढ़ेगी, जब पटरी किनारे लगे ढांचों का वजन होगा।

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सीबीआइ ने अपनी रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी है। इस घोटाले में रेल इंडिया टेक्निकल एवं इकोनॉमिक सर्विसेज लिमिटेड (आरआइटीईएस) के अधिकारियों की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि आरआइटीईएस ने ही ढांचों को खड़ा किए जाने से पहले इनका वजन कर इसे हरी झंडी दी थी।

दैनिक जागरण ने उजागर किया था घोटाला

दैनिक जागरण ने 24 फरवरी को 'अफसरों ने दांव पर लगा दी यात्रियों की सुरक्षा, खंभों में घटाया स्टील' शीर्षक से खबर प्रकाशित कर मामले का खुलासा किया था। बताया जाता है कि जम्मू से ऊधमपुर, ऊधमपुर से कटरा व गाजियाबाद से मुरादाबाद के तीन अलग सेक्शन में विद्युतीकरण के दौरान इस्तेमाल ढांचों में स्टील का वजन मानक से 13 से 15 फीसद कम है। शिकायत मिलने पर इलाहाबाद स्थित केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन की विजिलेंस व सीबीआइ ने जांच की।

क्वालिटी इंजीनियर्स एंड कांटेक्टर्स कंपनी के संचालक सतीश ने डिप्टी चीफ इलेक्टिकल जम्मू को चिट्ठी लिख कर पुष्टि की कि स्टील की सप्लाई करने वाली कंपनियों ने तय मानक से कम वजन का स्टील दिया।

सीबीआइ को ही नहीं मिला मार्का

रेलवे के अस्थाई डिपो मनवाड़ (जम्मू) में जब सीबीआइ स्ट्रक्चर्स के वजन करने पहुंची तो स्ट्रक्चर्स से स्टील सप्लाई करने वाली कंपनियों का मार्का ही गायब था। रेलवे ने कई कंपनियों को स्ट्रक्चर्स सप्लाई करने की अनुमति दे रखी है जो अपना-अपना मार्का लगाती हैं। घोटाले की जांच प्रभावित करने के लिए मार्का हटा दिया गया ताकि पता ही न चल सके कि किस कंपनी ने यह स्ट्रक्चर्स सप्लाई किया है।

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