ब्राह्मण, क्षत्रिय और पिछड़ों के संतुलन वाला मंत्रिमंडल बनने के संकेत
भाजपा ने यूपी के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्रियों के चयन से ब्राह्मण, क्षत्रिय और पिछड़ों के संतुलन वाला मंत्रिमंडल बनने के संकेत दिया है।
By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 18 Mar 2017 11:18 PM (IST)Updated: Sat, 18 Mar 2017 11:23 PM (IST)
लखनऊ (जेएनएन)। विधायक दल का नेता चुनने में भारतीय जनता पार्टी द्वारा किए फैसले ने कल होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार की स्थिति काफी कुछ स्पष्ट कर दी है। मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्रियों के चयन ने ब्राह्मण क्षत्रिय और पिछड़ों के संतुलन वाला मंत्रिमंडल बनने के संकेत दिया है। इस फैसले में सामाजिक समीकरण साधने की भरपूर कोशिश दिखाई देती है। वैसे तो संन्यासी की कोई जाति नहीं मानी जाती लेकिन योगी आदित्यनाथ का जन्म क्षत्रिय कुल में हुआ है। उपमुख्यमंत्री के लिए चयनित भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य पिछड़ी जाति के हैं जबकि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा ब्राह्मण हैं। इस तरह ब्राह्मण, क्षत्रिय और पिछड़ों का संतुलन बनाने के साथ ही पार्टी अब मंत्रियों के चयन में भी विशेष सतर्कता बरतेगी।
क्षेत्रीय संतुलन की भी प्राथमिकता
भाजपा सरकार में शामिल होने वाले मंत्रियों के बारे में अभी तक अधिकृत नाम सामने नहीं आये हैं लेकिन, संकेत साफ मिल गये हैं। अगड़ों, पिछड़ों और दलितों के साथ-साथ महिलाओं का भी संतुलन बनाया जाएगा। इसमें क्षेत्रीय संतुलन के लिए भी प्राथमिकता होगी। माना जा रहा है कि शुरुआती दौर में मंत्रिमंडल छोटा बनेगा जिसे बाद में विस्तार मिलेगा। पूर्व मंत्री सुरेश खन्ना, पिछड़ा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दारा सिंह चौहान, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एसपी सिंह बघेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य, पूर्व मंत्री वीरेन्द्र सिंह सिरोही, अवध प्रांत के क्षेत्रीय अध्यक्ष मुकुट विहारी वर्मा, पूर्व मंत्री हृदय नारायण दीक्षित, कांग्रेस से भाजपा में आयी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी, धर्मपाल सिंह, श्रीराम चौहान, अनुपमा जायसवाल और रामनरेश रावत को मुख्यमंत्री के साथ शपथ लेने का मौका मिल सकता है। अपना दल सोनेलाल के नौ विधायक जीते हैं। विधानमंडल दल के नेता के चयन में इस दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की महत्वपूर्ण उपस्थिति रही। माना जा रहा है कि उनकी पार्टी के एक विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है। इसके अलावा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर समेत पार्टी के चार विधायक जीते हैं। राजभर को भी मौका मिलना तय माना जा रहा है।
दावेदारों में और भी कई नाम
मंत्री बनने की दौड़ में कई नाम चर्चा में हैं। चूंकि मुख्यमंत्री पूर्वी उत्तर प्रदेश से हैं इसलिए बाकी क्षेत्रों से ज्यादा मंत्री बनाये जा सकते हैं। फिर भी पूर्वांचल के कुछ वरिष्ठ विधायकों को मौका मिलने की बात कही जा रही है। पश्चिमी उप्र और बुंदेलखंड को विशेष तरजीह मिलेगी। मंत्री बनने वाले प्रमुख दावेदारों में सतीश महाना, पंकज सिंह, सिद्धार्थनाथ सिंह, श्रीकांत शर्मा, सूर्य प्रताप शाही, फतेहबहादुर सिंह, दलवीर सिंह, राम कुमार वर्मा, जगन प्रसाद गर्ग, सुरेश राणा, दलबहादुर कोरी, सत्यप्रकाश अग्रवाल, कृष्णा पासवान, राजेश अग्रवाल, श्रीराम सोनकर, गोपाल टंडन, बृजेश पाठक, आशीष सिंह, जटाशंकर त्रिपाठी, आरके पटेल, वेद प्रकाश गुप्ता, धर्म सिंह सैनी, रमापति शास्त्री समेत कई नाम हैं जो अलग-अलग समीकरण के चलते अपनी जगह बनाने में सक्रिय हो गये हैं। और भी कई विधायक हैं जिनको मंत्रिमंडल मे जगह मिल सकती हैं। इनमें गरिमा सिंह, स्वाति सिंह, अलका राय समेत कई नाम प्रमुख हैं। एमएलसी महेन्द्र सिंह, भूपेन्द्र चौधरी, यज्ञदत्त शर्मा का भी नाम तेजी से चल रहा है।
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