महामारी, मंदी और आतंकवाद की त्रासदी झेल रही दुनिया के लिए रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद इजराइल-हमास युद्ध एक गहरा आघात है। दुनिया के कई इलाके इस समय देशों के आपसी विवाद और युद्ध से जूझ रहे हैं। इसी दौरान एक महीने से इजरायल और फलस्तीनी संगठन हमास के बीच लड़ाई चल रही है। ईरान-तुर्की जैसे विवाद कई मुल्कों के बीच देखे जा सकते हैं और ये दुनिया को खेमे में बांट रहे हैं। इजरायल-हमास युद्ध में अब तक 11 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हर युद्ध की तरह यहां भी मरने वालों में निर्दोष नागरिक ही ज्यादा हैं। यहां एक अहम बात यह है कि अभी तक युद्ध रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का निष्पक्ष प्रयास नहीं दिखा है।

रूस-यूक्रेन युद्ध में पश्चिमी देशों और चीन का रवैया निराशाजनक रहा तो इजरायल-हमास लड़ाई में भी पश्चिमी देशों, चीन और मध्य पूर्व के देशों का रवैया कहीं न कहीं एकपक्षीय रहा है। शुरू में इन सबके बयान बेहद तल्ख थे जिसने हालात बिगाड़ने का काम किया। इस समय युद्ध को फैलने से रोकने के लिए अमेरिका भले क्षेत्रीय देशों से लगातार बात कर रहा हो, लेकिन जैसा कि इंग्लैंड में फलस्तीन के राजदूत ने कहा कि अमेरिका कुल मिलाकर इजरायल के नैरेटिव को ही आगे बढ़ा रहा है।

इस माहौल में भारत का ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ का मंत्र ही विश्व शांति का एकमात्र रास्ता नजर आता है। भारत ने जी-20 के दौरान भी वसुधैव कुटुम्बकम् का ध्येय वाक्य दिया था। इसका मतलब है विश्व को एक परिवार मानकर एक सूत्र में पिरोना। दुनिया कई मौकों पर भारत की सार्वभौमिकता, शांति, संवेदनशीलता और आतंकवाद विरोधी पक्ष को स्वीकार कर चुकी है। चाहे रूस-यूक्रेन युद्ध हो या इजरायल-फलस्तीन युद्ध, भारत ने हमेशा संतुलित रुख अपनाया है। भारत के बयान हमेशा नफरत की आग को ठंडा करने और सकारात्मक हल तलाशने वाले रहे हैं। भारत की भूमिका हमेशा एक न्यायोचित और मानवतापूर्ण समाधान तलाशने और युद्ध को यथासंभव टालने वाली रही है। गांधी के सिद्धांत को भारत ने अक्षरशः आत्मसात किया है।

विश्व शांति की बात भारत आज से नहीं कर रहा, हमारे पौराणिक ग्रंथों में भी इसका उल्लेख है। सबके जीवन में संपन्नता, शांति और खुशहाली ही हमारी जीवन पद्धति है। आज जब भारत और विश्व प्रकाश पर्व दीपावली मनाने की तैयारी कर रहा है, हमारी यह कामना है कि संघर्ष के मौजूदा दौर में दुनिया शांति का मार्ग अपनाए। उम्मीद है कि यह दीपावली दुनिया को खुशहाल बनाएगी और अंधकार से उजाले की ओर लेकर जाएगी। ॐ असतो मा सद्गमय। तमसो मा ज्योतिर्गमय।

(यह लेख जागरण प्राइम के अक्तूबर अंक की मैगजीन में प्रकाशित है)