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भारतीय संस्कृति का आधार है संस्कृत : वंदना कुमारी

फोटो संख्या- 1-पीकेटी- 19 जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली : शालीमार बाग स्थित सर्वोदय कन्या वि

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Sep 2017 09:50 PM (IST)Updated: Fri, 01 Sep 2017 09:50 PM (IST)
भारतीय संस्कृति का आधार है संस्कृत : वंदना कुमारी
भारतीय संस्कृति का आधार है संस्कृत : वंदना कुमारी

फोटो संख्या- 1-पीकेटी- 19

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जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली : शालीमार बाग स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय में छह दिवसीय संस्कृत प्रतियोगिता की शुरुआत हुई। दिल्ली संस्कृत अकादमी द्वारा शुक्रवार को आयोजित इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक वंदना कुमारी मौजूद रहीं। कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर उन्होंने कहा कि संस्कृत में अनेक प्रकार के विषयों का समावेश है। यह भारतीय संस्कृति का आधार है। इसलिए युवाओं को संस्कृत से जोड़ने के लिए इस प्रकार का आयोजन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संस्कृत हमारे देश की धरोहर है जिससे सभी को जुड़ने का अवसर मिलना चाहिए। इस अवसर पर अकादमी के सचिव डॉ. जीतराम भट्ट ने कहा कि अकादमी द्वारा संस्कृत प्रतियोगिता में शिक्षा निदेशालय के सभी 13 मंडलों में विभिन्न स्थानों पर ऐसी ही प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। जिसका उद्देश्य अधिक से अधिक संख्या में छात्र-छात्राओं को संस्कृत भाषा सीखने के लिए प्रेरित करना और उनकी प्रतिभा को विकसित करना है। इस प्रतियोगिता में श्लोक संगीत, श्लोक उच्चारण, संस्कृत उच्चारण, संस्कृत, वाद-विवाद, भाषण और एकल श्लोक संगीत को शामिल किया गया है।

शुक्रवार को आयोजित इस प्रारंभिक प्रतियोगिता की शुरुआत श्लोक संगीत से हुई। जिसमें स्कूली छात्राओं ने अकादमी द्वारा निर्धारित किए गए

श्लोकों का सामूहिक गायन प्रस्तुत किया। इस मौके पर 30 विद्यालयों के विद्यार्थियों ने भाग लिया, जिसमें प्रथम, द्वितीय व तीसरे स्थान के अलावा चतुर्थ व प्रोत्साहन-सांत्वना पुरस्कार प्रतिभागियों को दिया गया। पुरस्कृत प्रतिभागियों को अकादमी द्वारा नकद पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र से सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर पूर्व निगम पार्षद हरीश अवस्थी ने कहा कि हर कार्य को करने की एक निश्चित समय सीमा होती है। समय के अनुरूप कार्य करने से ही कार्य की उपयोगिता होती है। उन्होंने कहा कि संस्कृत को सीखने के लिए स्कूली समय काफी उपयुक्त है।

इस अवसर पर विद्यालय का उप प्रधानाचार्य प्रतिभा भसीन ने कहा कि युवा वर्ग में संस्कृत भाषा में रुचि पैदा करने के लिए इस तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाना चाहिए।


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