बॉलीवुड गानों से संस्कृत को लोकप्रिय बनाने की पहल
मनोज भट्ट, नई दिल्ली भूमंडलीकरण के दौर में पुरातन भाषा संस्कृत को जनमानस के बीच लोकप्रिय बनाने
मनोज भट्ट, नई दिल्ली
भूमंडलीकरण के दौर में पुरातन भाषा संस्कृत को जनमानस के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए कुछ युवाओं ने संस्कृत म्यूजिक (नादप्रकर्ष) बैंड तैयार कर पहल की है। आम जनमानस से जल्द जुड़ाव के लिए बैंड ने बॉलीवुड गानों को आधार बनाया है। इसके अंतर्गत बैंड बॉलीवुड गानों का संस्कृत में अनुवाद कर उन्हें उनकी मूल थीम में ही प्रस्तुत करता है। बॉलीवुड संगीत और संस्कृत का यह मिश्रण इन दिनों लोगों को काफी पंसद आ रहा है।
'ये पब्लिक सब जानती है'(अयि! श्रीमान! इयं जनता स्ति जनता ।)
, 'कोरा कागज था ये मन मेरा'(रिक्तं कर्गजम् आसीत् मन: मम), 'एक प्यार का नगमा है'(एकं प्रणयगीतम् लहरीणां रयो स्तीदम्।), 'मैंने पूछा चांद से..'(पृष्टवानहं विधुं क्वचिद् विलोकिता मत्प्रियेव कामिनी।) समेत कुल 12 गानों पर बैंड अभी तक अपनी प्रस्तुति दे चुका है। जबकि बैंड वर्तमान में इसी तरह के 25 से अधिक बॉलीवुड गानों का संस्कृत में अनुवाद कर रहा है।
बैंड के प्रबंधक हेमंत जोशी का कहना है कि चार लोगों ने मिलकर एक साल पूर्व नादप्रकर्ष बैंड को तैयार किया था। जो भारत का पहला बॉलीवुड गानों पर आधारित संस्कृत म्यूजिक बैंड है। हमारा उद्देश्य आम लोगों तक संस्कृत को पहुंचाना है। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग संस्कृत के बारे में जानें और संस्कृत भाषा को पढ़ें। हेमंत ने कहा कि हाल ही में बैंड संस्कृत अकादमी दिल्ली के सहयोग से अखिल भारतीय संस्कृत छात्र सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने अपनी प्रस्तुति दे चुका है। जबकि मई महीने के अंतिम सप्ताह में बड़े स्तर पर कनॉट प्लेस में प्रस्तुति देने की योजना प्रस्तावित है। जिसके लिए नए व कुछ पुराने बेहतरीन गानों के अनुवाद का काम जारी है। उन्होंने कहा कि बैंड में कुल 12 लोग हैं। जो अन्य बैंड की तरह ही वाद्य यंत्रों का प्रयोग करते हैं। इस बैंड के मुख्य गायक रामेश्वरी शर्मा और राजेश उपाध्याय हैं।