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जीवन दर्शन को बताने वाली भाषा है संस्कृत : ब्रजेश गौतम

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : ज्ञानदीप मॉडल स्कूल, रामनगर, शाहदरा में संस्कृत शिक्षक संघ और सं

By Edited By: Published: Fri, 10 Jun 2016 11:39 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jun 2016 11:39 PM (IST)
जीवन दर्शन को बताने वाली भाषा है संस्कृत : ब्रजेश गौतम

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :

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ज्ञानदीप मॉडल स्कूल, रामनगर, शाहदरा में संस्कृत शिक्षक संघ और संस्कृत भारती के तत्वावधान में शुरू हुए संस्कृत संभाषण शिविर का समापन हो गया। इसमें 55 शिविरार्थियों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर कई रंगारंग कार्यक्रम भी पेश किए गए।

समारोह की अध्यक्षता कर रहे संस्कृत शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. ब्रजेश गौतम ने कहा कि संस्कृत केवल एक भाषा मात्र नहीं है, अपितु एक जीवन दर्शन को बताने वाली भाषा है। संस्कृत शिक्षक संघ के महासचिव डॉ. वी. दयालु ने कहा कि कुछ समय से लोगों में संस्कृत को लेकर रुचि बढ़ी है। इस शिविर में भी 15 से 20 व्यक्ति ऐसे हैं जिन्होंने कभी इससे पहले संस्कृत नहीं पढ़ी। इनमें एक आशीष राघव गणित के अध्यापक हैं। कार्यक्रम के संयोजक संस्कृत शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष संदीप उपाध्याय ने कहा कि संस्कृत केवल पूजा-पाठ तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें ज्ञान के साथ ही विज्ञान, गणित, विमानशास्त्र विद्या , आयुर्वेद, योग सहित विद्याओं का खजाना है। कार्यक्रम के अतिथि संस्कृत भारती के सुशील झा ने कहा कि अगर हमें अपने मूल से जुड़े रहना है तो संस्कृत का ज्ञान आवश्यक है। मूल से अलग हो जाने पर जिस प्रकार वृक्ष स्वयं ही सूख जाता है वैसे ही संस्कृतरूपी मूल से अलग हो जाने पर हम भारतीय अपनी संस्कृति से दूर हो जाएंगे। संस्कृत विशेषज्ञ डॉ. लीना सिन्हा ने संस्कृत को ज्ञान का खजाना बताते हुए कहा कि संस्कृत हमारी धरोहर है। संस्कृतरूपी धरोहर की सुरक्षा संस्कृत बोल कर की जानी चाहिए। इसे जनभाषा बनाने की जरूरत है। संस्कृत संवाद संस्कृत समाचार पत्र के प्रबंधक वेद शर्मा ने कहा कि हमें आज जो वेद और शास्त्रों का ज्ञान है वह संस्कृत के कारण ही है। कार्यक्रम के व्यवस्थापक आर्यसमाज रोहताश नगर के प्रधान रामपाल पांचाल ने कहा कि संस्कृत का प्रचार प्रसार करने के लिए नियमित रूप से ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

ज्ञानदीप मॉडल स्कूल की प्रधानाचार्य ललिता पांचाल ने कहा कि वे अपने विद्यालय में लगातार संस्कृत संभाषण शिविर का आयोजन करवाएंगी, जिससे बच्चों में इसके प्रति लगाव होगा। संस्कृत संभाषण शिविर का सत्र चालान स्वप्न कुमार ने किया। इस मौके पर बच्चों ने संस्कृत गीत व संस्कृत नाटक सहित कई कार्यक्रम पेश किए। समापन सत्र में सुशील पांचाल, जगदीश प्रसाद शर्मा, मोहित कुमार, फूलचंद आर्य, कपिल त्यागी व फणीश पवार आदि उपस्थित थे।


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