नियम को नजरअंदाज कर इन जनाब ने दी ट्रॉफी
बेशक बीसीसीआइ के शीर्ष पद से छुट्टी होने के बाद एन.श्रीनिवासन का भारतीय क्रिकेट पर अब इतना जोर न चले लेकिन आइसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) के चेयरमैन होने के नाते वो विश्व क्रिकेट के बड़े आयजनों में तो अपनी ताकत आजमा ही सकते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ विश्व कप
मेलबर्न। बेशक बीसीसीआइ के शीर्ष पद से छुट्टी होने के बाद एन.श्रीनिवासन का भारतीय क्रिकेट पर अब इतना जोर न चले लेकिन आइसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) के चेयरमैन होने के नाते वो विश्व क्रिकेट के बड़े आयजनों में तो अपनी ताकत आजमा ही सकते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ विश्व कप फाइनल में।
विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने खिताब अपने नाम किया और जब ट्रॉफी देने की बारी आई तो वहां पर परंपरा और नियम के मुताबिक आइसीसी के अध्यक्ष होने चाहिए थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ट्रॉफी देने के लिए चेयरमैन श्रीनिवासन ही खुद मैदान में उतरे। दरअसल, आइसीसी के मौजूदा अध्यक्ष मुस्तफा कमाल ने विश्व कप में भारत-बांग्लादेश मैच के बाद अंपायरों को बांग्लादेश की हार का दोषी बताया था। उन्होंने कहा था कि अंपायरिंग बेहद खराब थी और ऐसा लग रहा था मानो अंपायर मैदान पर किसी इरादे के साथ गए थे। इसके बाद से ही श्रीनि उनसे नाराज थे और आज आइसीसी के संविधान को नजरअंदाज करते हुए श्रीनि ने मुस्तफा को ट्रॉफी देने से रोकते हुए, खुद जाकर ऑस्ट्रेलियाई टीम को ट्रॉफी दी। पिछले विश्व कप में आइसीसी के अध्यक्ष शरद पवार ने टीम इंडिया को ट्रॉफी थमाई थी।
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